जिले के संगांतावि केन्द्र मे फिर हुआ हादसा, मौत के बाद लामबंद हुए मजदूर
बांधवभूमि, तपस गुप्ता
बिरसिंहपुर पाली। जिले के बिरसिंहपुर पाली मंगठार स्थित संजय गांधी ताप विद्युत केन्द्र मे बीती रात हुए गंभीर हादसे मे एक मजदूर की जान चली गई। घटना के बाद मजदूरों मे भारी आक्रोष फैल गया और वे लामबंद हो कर प्रदर्शन करने लगे। हलांकि कुछ देर बाद पहुंची पुलिस ने सभी को समझा-बुझा कर मामला शांत करा दिया। मृतक श्रमिक का नाम रोहित पिता रामपाल निवासी ग्राम मुंदरिया बताया गया है। घटना का कारण लापरवाही बताया गया है। प्लांट मे कार्यरत मजदूरों का कहना है कि मृतक मजदूर रोहित ठेका कंपनी मे काम कर रहा था और कंपनी की लापरवाही की वजह से ही यह हादसा हुआ है।
जगह-जगह जख्मी हुआ शरीर
जानकारी के अनुसार रोहित अक्का लॉजेस्टिक कम्पनी के साइट मे ठेका मजदूर के तौर पर कार्यरत था। आधी रात के समय अचानक वह संयंत्र के 4 एबी कन्वेयर बेल्ट मे फंस गया गया। बेल्ट मे फंसने के बाद वह उसी साथ काफी दूर तक घिसटता हुआ चला गया। जिससे रोहित का पूरा शरीर जगह-जगह से बुरी तरह जख्मी हो गया थे। इस हादसे मे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई।
निष्पक्ष जांच का आश्वासन
घटना और उसके बाद मजदूरों द्वारा आक्रोषित हो कर प्रदर्शन करने की जानकारी मिलते ही जेनको के अधिकारी मौके पर पहुंचे। इस बीच घटनाक्रम की जानकारी मिलने पर पुलिस ने आकर हालात का जायजा लिया। पुलिस द्वारा हादसे की निष्पक्ष जांच और सच्चाई को उजागर करने का आश्वासन मजदूरों को दिया गया। इसके अलावा रात मे ही जिला पंचायत सदस्य अर्जुन सिंह सैयाम ने पावर हाउस आकर मजदूरों से घटना की पूरी जानकारी ली। श्री सैयाम ने अधिकारियों से इस विषय पर चर्चा करते हुए कहा है कि ठेका कंपनी को नियमों का पालन करने का निर्देश दिया जाय।
अगस्त मे हुए थे 2 हादसे
गौरतलब है कि विद्युत संयंत्र मे गत 12 अगस्त को भी एक हादसा हुआ था। जिसमे तीन मजदूर गंभीर रूप से झुलस गए थे। इस मामले मे ठेका कंपनी की लापरवाही पाई गई थी। जिसे लेकर पुलिस ने ठेका कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। इसी तरह का मामला इस दुर्घटना मे भी सामने आ रहा है। इसके ठीक एक सप्ताह बार फिर दुर्घटना हुई जिसमे 2 मजदूर झुलस गये थे। पुलिस ने कहा है कि जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
कमाई के चक्कर मे सुरक्षा से खिलवाड़
जानकारी के अनुसार संजय गांधी ताप विद्युत गृह मे ज्यादातर काम ठेका कंपनियों के भरोसे हैं। जो कमाई के चक्कर मे अकुशल मजदूरों को काम पर रखती हैं। प्लांट मे ऐसे लोगों से जोखिम भरे कार्य कराये जा रहे हैं। इतना ही नहीं ठेका कम्पनियां बिना सुरक्षा उपकरण के उनसे काम लेती हैं। बेरोजगारी और गरीबी के कारण कोई भी मजदूर कम्पनी की कार्यप्रक्रिया का विरोध नहीं करता, परंतु इसये आये दिन दुर्घटनाएं हो रही हैं। वहीं भ्रष्टाचार और महीनाबंदी के कारण कम्पनी के अधिकारी भी इस मामले मे चुप्पी साधे रहते हैं।
श्रमिक को फंसा ले गया कन्वेयर
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