शिवराज का बजट..जनता की अपेक्षायें

सरकार पक्ष का दावा-लगेंगे विकास को पंख, विपक्ष ने बताया हवा-हवाई
बांधवभूमि, उमरिया
मध्यप्रदेश सरकार कार्यकाल का अंतिम बजट बुधवार को विधानसभा मे पेश कर दिया गया है। इसी वर्ष के अंत मे होने वाले चुनावों को ध्यान मे रखते हुए कोई नया टेक्स नहीं लगाया गया है। जबकि महिलाओं, छात्रों, युवतियों सहित अन्य तबकों के लिये कई घोषणायें की गई हैं। हलांकि लोगों को शिवराज सरकार के इस बजट से काफी उम्मीदें थीं, जिनमे जीएसटी को कम करके मंहगाई पर नियंत्रण, किसानो की कर्ज माफी, सस्ती बिजली आदि शामिल है। इस संबंध मे राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों, जनता एवं उनके प्रतिनिधियों द्वारा अपने-अपने तरीके से समीक्षा कर राय व्यक्त की जा रही है। बांधवभूमि से चर्चा के दौरान लोगों की प्रतिक्रिया कुछ इस प्रकार रही।
लोगों को गुमराह करने की कोशिश
हमेशा की तरह प्रदेश की भाजपा सरकार का यह बजट भी जनता को गुमराह करने वाला तथा दिशाहीन है। इसमे एक लाख नौकरियां देने की बात तो की गई पर यह स्पष्ट नहीं है कि ये सरकारी होंगी या पूर्व की भांति 5 हजार रूपये महीना वेतन वाली निजी कंपनियों द्वारा टेम्परेरी बेसिस पर दी जायेंगी। इसी तरह किसानो का कर्र्ज माफ करने की बजाय महज ब्याज चुकाने की बात अन्नदाता के सांथ धोखाधड़ी है। भाजपा ने राज्य सरकार को कर्ज मे डुबो दिया है। इससे कैसे उबरा जाय, सांथ ही छोटे कारोबारियों को राहत सहित अनेक सवाल अभी भी अनुत्तरित हैं।
अजय सिंह
अध्यक्ष
जिला कांग्रेस कमेटी, उमरिया

जनभावनाओं के अनुरूप बजट
मध्यप्रदेश सरकार का आम बजट जनोन्मुखी और प्रदेश को विकास के कीर्तिमान तक पहुंचाने वाला है। जिसमे महिला सशक्तिकरण ,शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास, रोजगार सहित प्रत्येक क्षेत्र को ध्यान मे रखा गया है। बजट आम जनता की भावनाओं के अनुरूप है। एक लाख नौकरियों की व्यवस्था, महिलाओं, बेटियों, युवाओं, छात्र-छात्राओं के लिये कई प्रावधान सरकार ने किये हैं। जल जीवन मिशन, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क, निर्मल भारत, आजीविका मिशन, रोजगार गारंटी सहित विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के लिये अतिरिक्त धन उपलब्ध करा कर मुख्यमंत्री जी ने अपनी मंशा साफ कर दी है।
दिलीप पाण्डेय
जिलाध्यक्ष
भारतीय जनता पार्टी, उमरिया

व्यापारियों मे निराशा
राज्य सरकार ने अपने बजट मे खेल, शिक्षा एवं चिकित्सा क्षेत्र के लिये बड़ी-बड़ी घोषणायें की हैं, परंतु व्यापार और कारोबारियों को किसी तरह की राहत नहीं दी गई है। इससे व्यापारियों मे निराशा है।
कीर्ति सोनी
जिलाध्यक्ष
कैट, उमरिया

राहत की बजाय बढ़ गये गैस के दाम
चुनावी वर्ष मे सरकार के अंतिम बजट से जनता को बहुत अपेक्षायें थीं। विशेषकर आर्थिक तंगी और मंहगाई से जूझ रहे मध्यम वर्ग को जीएसटी कम कर पेट्रोल, बिजली, राशन जैसी वस्तुएं सस्ती किये जाने की उम्मीद थी परंतु उलटे घरेलू गैस की कीमतें और बढ़ा दी गई। जबकि राज्य सरकार की तरफ से भी कोई छूट नहीं मिली।
शंभू सोनी
समाजसेवी, उमरिया

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