शहडोल। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मध्यप्रदेश में उपचुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर देने के बाद अब चुनावी सरगर्मी बढ़ गई है। राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रमेश सिंह द्वारा नौकरी से त्यागपत्र देकर अनूपपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव में उतरने की अटकलों के बीच अब एक पूर्व आईएएस अधिकारी चुनाव मैदान में उतरने जा रहे हैं। रिटायर्ड आईएएस अधिकारी और शहडोल के पूर्व कमिश्नर आरबी प्रजापति ने मंगलवार को कहा की वे भी विधानसभा उप चुनाव लडऩे जा रहे हैं। पूर्व आईएएस अधिकारी श्री प्रजापति ने इस प्रतिनिधि के साथ चर्चा के दौरान कहा कि भारत के चुनाव आयोग ने विधानसभाओं के सदस्यों की मृत्यु और इस्तीफे के कारण रिक्त सीटों के लिए मध्य प्रदेश की विधानसभाओं के लिए उपचुनाव के संचालन के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा की है। इस्तीफे के कारण अधिकांश सीटें खाली हैं और मतदाताओं पर एक और बोझ लाद दिया गया है क्योंकि यह चुनावी खर्च जनता पर लगाए गए करों पर किया जाएगा। श्री प्रजापति ने कहा कि यदि व्यक्तियों को नैतिक और वैचारिक आधार पर वास्तव में इस्तीफा दे दिया जाता है, तो उन्हें चुनाव के लिए पूरी लागत वहन करनी चाहिए और उन्हें चुनाव जीतने पर विधायकों को दिए गए वेतन और भत्ते नहीं लेने चाहिए। उन्हें इसकी घोषणा करनी चाहिए।
प्रतिमाह नहीं लेंगे भुगतान
मूलत: छतरपुर जिले के निवासी श्री प्रजापति ने बताया कि वे मध्यप्रदेश की दोनों प्रमुख पार्टियों द्वारा प्रत्याशी घोषित किए जाने का इंतजार कर रहे हैं उन्होंने बताया कि वे छतरपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर और रायसेन विधानसभा क्षेत्रों में से किसी एक से चुनाव लडऩे जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मै एमएलए की राशि के लिए देय भुगतान घटक नहीं लूंगा। यह 30 हजार प्रति माह की राशि शेष तीन वर्षों 36 महीने के लिए दस लाख अस्सी हजार रुपए होती है। यहां है यह भी गौरतलब है कि आईएएस अधिकारी श्री प्रजापति शहडोल में कमिश्नर के रूप मे पदस्थ रहे और यहीं से सेवानिवृत्त हुए हैं।
शहडोल के पूर्व कमिश्नर लड़ सकते हैं विधानसभा चुनाव
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