बोले- उम्र हो गई, अब आशीर्वाद दीजिए, शरद का जवाब- अजित खोटा सिक्का निकला
मुंबई। अजित पवार ने शरद पवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाने का ऐलान किया है। अजित ने खुद को नया राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बताया। प्रफुल्ल पटेल ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई थी, उसी में यह फैसला लिया गया। इधर, दोनों गुटों के नेता चुनाव आयोग भी पहुंचे। अजित पवार गुट ने आयोग में एनसीपी और उसके चुनाव चिन्ह घड़ी पर अपना दावा जताते हुए पत्र भेजा है। वहीं, शरद पवार गुट के नेता और महाराष्ट्र में पार्टी के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने भी चुनाव आयोग से अजित समेत 9 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग की। इससे पहले मुंबई में दोनों गुटों की बैठक हुई। अजित ने शरद की उम्र पर तंज कसा तो, शरद पवार ने उन्हें खोटा सिक्का कहा। बैठक के बाद अजित अपने समर्थक विधायकों को होटल ले गए। वाईबी चह्वाण सेंटर में मीटिंग में शरद पवार ने कहा- जो शिवसेना के साथ हुआ, वही एनसीपी के साथ हुआ है। अजित पवार के मन में कुछ था तो मुझसे बात करनी चाहिए थी। सहमति नहीं हो तो बातचीत से हल निकालना चाहिए। अजित की बात सुनकर अफसोस हुआ। गलती सुधारना हमारा काम है। आपने गलती की है तो सजा भुगतने तैयार रहें। आज की बैठक ऐतिहासिक है। देश का ध्यान इस पर है। अजित की भूमिका देश हित में नहीं है। मैं सत्ता पक्ष में नहीं हूं। मैं जनता के पक्ष में हूं। प्रधानमंत्री जब बारामती आए थे उन्होंने कहा था कि देश कैसे चलाना चाहिए यह मैंने पवार साहब की ऊंगली पकड़कर सीखा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने भोपाल में कहा था कि एनसीपी ने भ्रष्टाचार किया है। अगर ये भ्रष्ट हैं तो आपने उन्हें साथ में क्यों लिया। जो मुझे छोड़कर गए हैं उन्हें विधानसभा में लाने के लिए बहुत मेहनत की है। कार्यकर्ताओं ने इनके लिए मेहनत की। उनके लिए अफसोस है। जो विचारधारा पार्टी की नहीं है उसके साथ जाना ठीक नहीं है। जिन विधायकों ने अलग होने का फैसला किया, उन्होंने हमें विश्वास में नहीं लिया। अजित पवार गुट ने किसी प्रक्रिया का पालन नहीं किया। पार्टी का चुनाव चिह्न हमारे पास है, वह कहीं नहीं जाएगा। हमें सत्ता में लाने वाले लोग और पार्टी कार्यकर्ता हमारे साथ हैं। हम पार्टी का सिंबल किसी को नहीं लेने देंगे।
अजित पवार खोटा सिक्का निकला। वे लोग मेरे फोटो का इस्तेमाल क्यों कह रहे हैं। वो मुझे देवता भी कहते हैं और मेरी बात भी नहीं मानते। जो लोग भाजपा के साथ गए हैं उनका इतिहास याद करो। जो उनके साथ गया वो सत्ता से बाहर हुआ। नागालैंड, मणिपुर सीमाई राज्य हैं वहां स्थिरता के लिए मैं भाजपा के साथ गया। इमरजेंसी में इंदिरा गांधी के खिलाफ माहौल बना हुआ था, लेकिन शिवसेना ने सोचा कि हमें देशहित में सोचना चाहिए और शिवसेना ने उनके खिलाफ एक भी उम्मीदवार नहीं खड़ा किया जाए। देश में कटुता नहीं बढ़े इसलिए बाला साहेब ठाकरे ने यह फैसला लिया था। भाजपा का हिंदुत्व बांटने वाला है। जहां सत्ता नहीं है, वहां दंगे कराती है। अजित पवार बोले- साहेब की उम्र हो गई है, रिटायरमेंट लें और आशीर्वाद दीजिए बांद्रा के भुजबल नॉलेज सिटी के एमईटी सेंटर में हुई बैठक में अजित पवार ने कहा- आपकी (शरद पवार की) उम्र ज्यादा हो गई है। राज्य सरकार के कर्मचारी 58 साल में, केंद्र के 60 साल में, भाजपा में 75 साल में रिटायर्ड हो जाते हैं, लेकिन आप 84 साल के हैं। अब आप आशीर्वाद दीजिए। आपने पहले इस्तीफा दिया, फिर कमेटी बनाई और सुप्रिया सुले को राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया। जब इस्तीफा वापस लेना ही था तो दिया ही क्यों था। मैं भी राज्य का मुख्यमंत्री बनना चाहता हूं। राज्य की भलाई करने के लिए राज्य प्रमुख का पद होना जरूरी है। तभी मैं महाराष्ट्र की भलाई कर पाऊंगा। 2004 के विधानसभा चुनाव में एनसीपी के पास कांग्रेस से ज्यादा विधायक थे अगर हमने उस समय कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद नहीं दिया होता, तो आज तक महाराष्ट्र में केवल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का ही मुख्यमंत्री होता।