वैक्सीन की 10 फीसद कस्टम ड्यूटी माफ

देश मे कोरोना के टीकों की कमी दूर करने सरकार ले सकती है निर्णय

नई दिल्ली। कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच अच्छी खबर आई है। सरकार वैक्सीन के आयात पर लगने वाली 10 प्रतिशत कस्टम ड्यूटी माफ कर सकती है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी का कहना है कि निजी कंपनियों को भी वैक्सीन इम्पोर्ट करने की मंजूरी दी जा सकती है। अगर सरकार ये फैसले लेती है तो देश में वैक्सीन की पर्याप्त डोज मुहैया कराना आसान हो जाएगा। सरकार ने रूस की स्पुतनिक-ङ्क वैक्सीन के आयात को मंजूरी दे दी है। यह वैक्सीन जल्द ही भारत आ सकती है। इसके अलावा फाइजर, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन से भी अपनी वैक्सीन भेजने के लिए कहा है। नाम छुपाने की शर्त पर एक अधिकारी ने रॉयटर्स को बताया कि सरकार प्राइवेट कंपनियों को भी वैक्सीन के आयात की मंजूरी देने पर विचार कर रही है। यह कंपनियां इस वैक्सीन को खुले बाजार में बेच सकेंगी और इसमें सरकार कोई दखल नहीं देगी। इन कंपनियों को वैक्सीन की कीमत तय करने की छूट दी जा सकती है। अभी देश में कोविड-19 वैक्सीन की खरीद और बिक्री पर सरकार का कंट्रोल है।
एशियाई देशों में 20 प्रतिशत तक वसूली जा रही इंपोर्ट ड्यूटी
अभी कई एशियाई देश वैक्सीन के आयात पर 10 प्रतिशत-20 प्रतिशत तक इंपोर्ट ड्यूटी वसूल रहे हैं। इसमें नेपाल और पाकिस्तान जैसे देश शामिल हैं। इसके अलावा लैटिन अमेरिकी देश अर्जेंटीना और ब्राजील भी कोविड वैक्सीन के आयात पर 20 प्रतिशत तक की इंपोर्ट ड्यूटी वसूल रहे हैं। भारत में कोविड वैक्सीन के आयात पर बेसिक कस्टम ड्यूटी 10 प्रतिशत है। इस पर 10 प्रतिशत सोशल वेलफेयर सरचार्ज और 5 प्रतिशत आईजीएसटी वसूला जाता है।
सरकार ने वैक्सीन खरीदने के लिए 4500 करोड़ दिए
केंद्र ने वैक्सीन खरीदने के लिए 4500 करोड़ रुपए का पेमेंट किया है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को 3000 करोड़ रुपए और भारत बायोटेक को 1500 करोड़ रुपए दिए गए हैं। यह पैसा दो-तीन महीने तक वैक्सीन की सप्लाई के लिए एडवांस के तौर पर दिया गया है। इससे पहले खबरें आ रहीं थी कि सरकार ने वैक्सीन निर्माता कंपनियों को ग्रांट दी है।
नई वैक्सीन पॉलिसी पर कांग्रेस का सावाल
कांग्रेस ने केंद्र सरकार की नई वैक्सीन पॉलिसी पर सवाल उठाए हैं। पार्टी ने पूछा है कि नई पॉलिसी में 45 साल से कम उम्र के गरीब वर्ग के लिए फ्री वैक्सीन की व्यवस्था क्यों नहीं की गई है? दूसरे राज्यों में रहकर मेहनत कर रहे अप्रवासी मजदूरों को फ्री वैक्सीनेशन में शामिल क्यों नहीं किया गया है? कांग्रेस ने पीएम केयर्स फंड पर भी सवाल उठाए हैं। उसका कहना है कि फंड में आए हजारों करोड़ रुपए कहां गए, इसका जवाब जनता को दिया जाना चाहिए। कांग्रेस नेताओं ने मंगलवार को पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ वर्चुअल मीटिंग की। इसके बाद वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम, जयराम रमेश और अजय माकन ने प्रेस कांफ्रेंस कर केंद्र सरकार से ये सवाल पूछे। इस दौरान पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का भी जिक्र किया गया। चिदंबरम ने कहा कि मनमोहन सिंह के पत्र लिखने के बाद ही सरकार को अपनी वैक्सीन पॉलिसी बदलनी पड़ी। सरकार के इस निर्णय का हम स्वागत करते हैं, लेकिन इसमें भी बहुत सी कमियां हैं। उन्हें हम लगातार सामने लाएंगे। उन्होंने बताया कि कोरोना पॉजिटिव आने के बाद मनमोहन सिंह अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी तबीयत में सुधार है।

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