विसर्जन के दौरान आ गई बाढ़ 8 मरे

पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी मे हादसा, दो दर्जन लोग अभी भी लापता
जलपाईगुड़ी/कोलकाता। पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी में मां दुर्गा की प्रतिमा के विसर्जन के दौरान बड़ा हादसा हुआ। मूर्ति विसर्जन के दौरान माल नदी में अचानक बाढ़ आ आई, जिसमें बहने से 8 लोग की मौत हो गई, जिनमें एक नाबालिग, एक बच्चे और चार महिलाएं भी शामिल हैं। अभी भी करीब 20 से 25 लापता बताए जा रहे हैं। जिला प्रशासन लापता लोगों की तलाश में जुटी है जबकि स्थानीय लोगों में भारी आक्रोश है। हादसे की चपेट में आए कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सुबह से ही प्रशासनिक बैठकों का दौर जारी है। इस बीच, डीएम ने जाकर उपचाराधीन लोगों से मुलाकात की। राज्य की मख्यमंत्री, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बंगाल में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस पर दु:ख जताया है। इसके साथ ही राज्य और केंद्र सरकार ने मुआवजे की भी घोषणा की है।जलपाईगुड़ी की जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) मौमिता गोदारा ने कहा, बुधवार रात करीब साढ़े आठ बजे उस समय हुई, जब विसर्जन के लिए सैकड़ों लोग माल नदी के किनारे एकत्रित हुए थे। नदी में पानी का बहाव अचानक तेज होने से लोग बह गए। अभी तक आठ शव बरामद किए गए हैं और 50 लोगों को बचाया गया है। उन्होंने बताया कि मामूली रूप से घायल 13 लोगों को एक नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गोदारा ने कहा, एनडीआरएफ (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल), एसडीआरएफ (राज्य आपदा मोचन बल), पुलिस और स्थानीय प्रशासन द्वारा खोज एवं बचाव अभियान चलाया जा रहा है।जानकारी के अनुसार नदी का जलस्तर बढ़ने पर प्रशासन ने अनाउंस किया था, लेकिन पानी का बहाव इतना तेज था कि दो मिनट में ही पानी लोगों तक पहुंच आया। मालूम हो कि माल नदी पहाड़ी नदी है। इससे प्रशासन और लोगों को संभालने का मौका नहीं मिला। जबकि स्थानीय लोगों का आरोप है कि अगर समय रहते प्रशासन ने विसर्जन को रोक दिया होता तो इतनी बड़ी घटना नहीं होती।
बढ़ सकती हैमृतकों की संख्या
माल विधायनसभा के विधायक और राज्य के पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री बुलु चिक बराइक ने मृतक संख्या और बढ़ने की आशंका जताई है। उन्होंने कहा, जब हादसा हुआ, उस समय मैं मौके पर मौजूद था। कई लोग बह गए और नदी का बहाव बेहद तेज था। घटना के समय वहां सैकड़ों लोग मौजूद थे। अब भी कई लोग लापता हैं।
सीएम और पीएम ने जताया दु:ख
इस हादसे पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दुख जताया है। उन्होंने ट्विटर में लिखा कि जलपाईगुड़ी में अचानक आई बाढ़ में आठ लोगों की मौत की खबर से आहत हूं। मृतकों के परिजनों के प्रति हार्दिक संवेदना प्रकट करती हूं। सरकार इस दुख की घड़ी में उन परिवारों के साथ है, जिन्होंने अपने प्रियजन खो दिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दु:ख जताया है। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा, ‘जलपाईगुड़ी में मूर्ति पूजा के दौरान हुई दुर्घटना से मैं आहत हूं। हादसे में मारे गये लोगों के परिवारों के प्रति गहरी संवेदनाएं हैं।
राज्य और केंद्र सरकार ने की ने मुआवजे की घोषणा
मालबाजार की माल नदी में आयी बाढ़ में मारे गये पीड़ित परिवारों के लिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार की ओर से मुआवजे की घोषणा की गई है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा है कि मृतकों के निकट परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों के इलाज के लिए 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा है कि मृतकों के निकट परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों के इलाज के लिए 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
जलपाईगुड़ी में पूजा कार्निवाल रद्द
घटना के चलते इस साल जलपाईगुड़ी में होने वाला पूजा कार्निवाल रद्द कर दिया गया। इसके लिए गुरुवार को जिला प्रशासन ने बैठक कर यह फैसला लिया। बैठक के बाद डीएम मौमित गोदारा ने बताया कि जब लोग नहीं चाहते तो हम भी इसे करना नहीं चाहते। इसलिए कार्निवाल को रद्द कर दिया गया है।
व्यवस्था में भारी चूक
जानकारी के मुताबिक, माल नदी में हर साल करीब 70 मूर्तियों विसर्जन होता है। इस बार भी करीब 70 मूर्तियां विसर्जन के लिए लाई थीं। बताया जा रहा है कि करीब 25 से 30 मूर्तियों के विसर्जन के बाद यह हादसा हुआ। लेकिन इतने बड़े आयोजन के लिए सुरक्षा के लिए थे केवल आठ सिविल डिफेंस के लोग और उनके पास थी केवल एक रस्सी। घटना के बाद एक सिविल डिफेंस के वॉलंटियर ने कहा कि घटना के समय केवल आठ ही सिविल डिफेंस के लोग थे। उनका दावा है कि अगर कुछ और लोग होते तो शायद हम कुछ और लोगों के बचा लेते। उन्होंने कहा कि हमारे पास एक ही रस्सी थी।
ममता बनर्जी का दावा- माल नदी में अब कोई नहीं है लापता
माल नदी में हुई दुर्घटना को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को ट्वीट किया कि माल नदी की दुर्घटना में अब कोई लापता नहीं है। मुख्यमंत्री ने लिखा कि इस हादसे में आठ लोगों की जान चली गई। वहीं राष्ट्रीय और राज्य आपदा प्रबंधन दस्ता(एनडीआरएफ) ने पूरी ताकत से बचाव अभियान चलाया है। इसमें पुलिस,सिविल गार्ड और स्थानीय युवाओं की मदद से कुल 70 लोगों को बचाया गया है। उन सभी का योगदान सराहनीय है। अब भी कोई लापता नहीं है।
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