विफल नीतियों के चलते प्रवासी फिर पलायन को मजबूर: राहुल गांधी

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार की विफल नीतियों के कारण कोरोना वायरस की दूसरी लहर आई है और मजदूर फिर से पलायन करने को मजबूर हैं, लेकिन इस ‘अहंकारी सरकार’ को अच्छे सुझावों से ‘एलर्जी’ है। राहुल गांधी ने शनिवार सुबह ट्वीट किया, ‘केंद्र सरकार की विफल नीतियों से देश में कोरोना की भयानक दूसरी लहर है और प्रवासी मज़दूर दोबारा पलायन को मजबूर हैं। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘टीकाकरण बढ़ाने के साथ ही इनके हाथ में रुपये देना आवश्यक है- आम जन के जीवन व देश की अर्थव्यवस्था दोनों के लिए। लेकिन अहंकारी सरकार को अच्छे सुझावों से एलर्जी है!’ इससे पहले, आठ अप्रैल को राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सुझाव दिया था कि कोरोना वायरस टीकों की खरीद एवं वितरण में राज्यों की भूमिका बढ़ाने के साथ ही सभी जरूरतमंद लोगों को टीका लगाने की व्यवस्था की जाए और टीके के निर्यात पर तत्काल रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा था कि इस मुश्किल समय में गरीब तबकों को सीधे तौर पर आर्थिक मदद दी जाए। देश में एक दिन में कोरोना वायरस संक्रमण के रिकॉर्ड 1,45,384 नए मामले सामने आए हैं, जिसके बाद अब तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,32,05,926 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार सुबह आठ बजे के अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, उपचाराधीन लोगों की संख्या करीब साढ़े छह महीने बाद फिर से 10 लाख से अधिक हो गई। मंत्रालय ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण 794 और लोगों की मौत हो गई, जो पिछले साल 18 अक्टूबर के बाद से किसी एक दिन की सर्वाधिक संख्या है। इस संक्रमण से अब तक मारे गए लोगों की कुल संख्या बढ़कर 1,68,436 हो गई है।
देश में संक्रमित लोगों की दैनिक संख्या लगातार 31वें दिन बढ़ी है। अभी 10,46,631 संक्रमित लोगों का उपचार चल रहा है, जो अब तक संक्रमित हुए लोगों की कुल संख्या का 7.93 प्रतिशत है, जबकि संक्रमित होने के बाद लोगों के स्वस्थ होने की दर और गिरकर 90.80 प्रतिशत रह गई है। देश में 12 फरवरी को सबसे कम 1,35,926 उपचाराधीन मरीज थे। यह संख्या उस समय के कुल मामलों का 1.25 प्रतिशत थी। आंकड़ों के अनुसार, देश में अभी तक 1,19,90,859 लोग संक्रमित होने के बाद स्वस्थ हो चुके हैं और मामलों के लिहाज से कोविड-19 से मृत्यु दर 1.28 प्रतिशत है। देश में पिछले साल सात अगस्त को संक्रमितों की संख्या 20 लाख, 23 अगस्त को 30 लाख और पांच सितम्बर को 40 लाख से अधिक हो गई थी। संक्रमण के कुल मामले 16 सितम्बर को 50 लाख, 28 सितम्बर को 60 लाख, 11 अक्टूबर को 70 लाख, 29 अक्टूबर को 80 लाख, 20 नवम्बर को 90 लाख हो गए और 19 दिसम्बर को ये मामले एक करोड़ के पार चले गए थे। पिछले 24 घंटे में जिन 794 लोगों की मौत हुई है, उनमें से महाराष्ट्र में 301, छत्तीसगढ़ में 91, पंजाब में 56, कर्नाटक में 46, गुजरात में 42, दिल्ली में 39, उत्तर प्रदेश में 36, राजस्थान में 32, मध्य प्रदेश एवं तमिलनाडु में 23-23, केरल में 22, झारखंड में 17 और आंध्र प्रदेश एवं हरियाणा में 11-11 लोग शामिल हैं। देश में संक्रमण से अब तक कुल 1,68,436 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से महाराष्ट्र में 57,329 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद तमिलनाडु में 12,863, कर्नाटक में 12,813, दिल्ली में 11,196, पश्चिम बंगाल में 10,378, उत्तर प्रदेश में 9,039, पंजाब में 7,390 और आंध्र प्रदेश में 7,279 लोग मारे गए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अभी तक जिन लोगों की मौत हुई है, उनमें से 70 प्रतिशत से ज्यादा मरीजों को अन्य बीमारियां भी थीं। मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर बताया कि उसके आंकड़ों का भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के आंकड़ों के साथ मिलान किया जा रहा है।

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