विकास के लिये अपने हांंथों से तोड़ रहे अपने मकान  नागरिकों ने कायम की मिसाल, कहा-पर्याप्त चौड़ी सड़कों का हो निर्माण 

विकास के लिये अपने हांंथों से तोड़ रहे अपने मकान  नागरिकों ने कायम की मिसाल, कहा-पर्याप्त चौड़ी सड़कों का हो निर्माण 
बांधवभूमि, उमरिया
जिला मुख्यालय बनने के बाद से शहर के विकास मे उमरिया के नागरिकों ने हमेशा आगे बढ़ कर योगदान दिया है। इस बार भी उनकी यही मंशा है कि जो भी सड़कें बनें वे पर्याप्त चौड़ी हों, जिससे आवागमन व्यवस्थित हो सके। परिषद ने इन दिनो नगर की विभिन्न सड़कों के जीर्णोद्धार का कार्य हांथ मे लिया है। इसी के तहत कृषि उपज मण्डी कार्यालय के सामने से फजलगंज, नैगमा टोला होते हुए लालपुर पहुंच मार्ग का निर्माण कराया जा रहा है। इसके लिये लोग स्वस्फूर्त आगे की ओर बढ़े हुए अपने निर्माण हटा रहे हैं। उनका कहना है कि सड़क कोई एक दिन के लिये नहीं बनती है। संकरी रोड होने से न बस्ती मे एंबुलेंस जा पाती है, नां ही स्कूल बस और संकट के समय फायरबिग्रेड जैसे वाहन ही पहुंच पाते हैं। लिहाजा कम से कम इतनी चौड़ाई तो होनी ही चाहिये कि इस तरह के वाहन आराम से गुजर सकें।
आगे तक किया निर्माण
सूत्रों के मुताबिक शासन की कायाकल्प योजनांतर्गत नगर पालिका द्वारा वर्षो से उपेक्षित मोहल्लों की जर्जर हो चुकी सडकों का पुर्ननिर्माण कराया जा रहा है। इनमे से अधिकांश स्थानो पर स्थानीय लोगों ने काफी आगे तक अपनी बाउण्ड्री, सीढ़ी, चबूतरे आदि बना लिये हैं, जिससे सड़क के लिये पर्याप्त स्थान नहीं बचा है। जिसे देखते हुए अधिकारियों ने नागरिकों से चर्चा की। इस दौरान उन्होने तत्काल अपने निर्माण हटाने की बात कही। फजलगंज से लालपुर तक कई जगहों पर लोग अपने हांंथों से मकानो के अतिरिक्त हिस्सों को तोड़ते हुए देखे जा सकते हैं।
विकटगंजवासियों ने पेश की नजीर
इससे पहले नगर के वार्ड नंबर 19, विकटगंज मे भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला था। यहां स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर तीन की ओर से बस्ती के अंदर तक जाने वाली सड़क का निर्माण नगर पालिका परिषद द्वारा कराया जा रहा है। इसके लिये लोगों ने अपने निर्माण स्वयं हटा कर नजीर पेश की। बताया गया है कि इनमे से कुछ लोग तो काफी गरीब थे, जिन्हे टूटा हुआ हिस्सा बनवाने के लिये स्थानीय लोगों द्वारा आर्थिक मदद भी की गई है।
गलियों मे तब्दील हुुई सड़कें
उल्लेखनीय है कि जिला मुख्यालयों मे बीते कुछ वर्षो मे बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हुआ है। कई मोहल्लों मे प्रभावशाली लोगों ने बकायदा सरकारी जमीनो की प्लाटिंग कर उन्हे बेंच दिया गया है। बेढ़ंगे तरीके से हुए निर्माण के कारण सड़कें तंग गलियों मे परिवर्तित हो गई हैं। जहां से बड़े वाहन तो दूर पिकप और छोटी गाडिय़ां भी नहीं निकल पाती। इसके अलावा पानी की निकासी भी प्रभावित हो रही है। इन बस्तियों मे अधिकांश लोग ऐसे हैं, जिन्होने अपनी जीवन भर की कमाई देकर भूमाफियाओं से कब्जे लिये हैं। आज वे सब परेशान हैं। इसे देखते हुए नगर पालिका ने ऐसा रास्ता निकाला है, जिससे गरीबों का कम से कम नुकसान हो और पर्याप्त चौड़ाई की सड़क व नालियां बन सकें।
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