पीएम मोदी ने किया कांची कामकोटि पीठम स्तूप का दौरा
कोच्चि। कोच्चि में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोच्चि मेट्रो रेल के फेज-2 कॉरिडोर समेत कई अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अभिनंदन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि हम भारत वासियों ने आजादी के अमृत काल यानि आने वाले 25 साल में विकसित भारत के निर्माण का विराट संकल्प लिया है। विकसित भारत के इस रोडमैप में आधुनिक बुनियादी ढांचों की बहुत बड़ी भूमिका है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कोच्चि में पूरे देश के शहरी विकास और परिवहन विकास को एक नई दिशा देने का काम भी शुरु हुआ है। कोच्चि में एकीकृत महानगर परिवहन प्राधिकरण को लागू किया गया है, जो परिवहन के सभी साधनों को एकीकृत करने का काम करेगी। इस मॉडल से कोच्चि शहर को सीधे-सीधे 3 लाभ मिलेंगे। पहला, शहर के लोगों का कहीं आने-जाने में समय बचेगा। दूसरा, सड़कों पर जाम कम होगा और तीसरा, प्रदूषण भी कम होगा।उन्होंने कहा कि बीते आठ वर्षों में केंद्र सरकार ने मेट्रो को अर्बन ट्रांसपोर्ट का सबसे प्रमुख साधन बनाने के लिए लगातार काम किया है। केंद्र सरकार ने मेट्रो को राजधानी से निकालकर, राज्य के दूसरे बड़े शहरों में भी विस्तार दिया है। हमारे देश में पहली मेट्रो करीब-करीब 40 साल पहले चली थी। उसके बाद के 30 साल में देश में 250 कि.मी. से भी कम मेट्रो नेटवर्क तैयार हो पाया था। बीते 8 वर्षों में देश में मेट्रो का 500 कि.मी. से ज्यादा का नया रूट तैयार हुआ है, 1000 कि.मी. से अधिक के मेट्रो रूट पर पर काम चल रहा है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि हम इसे कोच्चि मेट्रो की यात्रा में एक मील का पत्थर मानते हैं। यह हम सभी के सामूहिक प्रयास का परिणाम है। हम इन परियोजनाओं में मदद के लिए भारत सरकार के आभारी हैं। केरल में वाहन घनत्व 1000 लोगों पर 445 का है। केरल सरकार वायु प्रदूषण और कार्बन उत्सर्जन को कम करने की आवश्यकता के प्रति जागरूक है और लोगों को परिवहन के वैकल्पिक माध्यम पर स्थानांतरित होने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोच्चि में कांची कामकोटि पीठम स्तूप का दौरा किया। प्रधानमंत्री मोदी ने आदि शंकर जन्म भूमि क्षेत्रम की भी यात्रा की। यह केरल के एर्णाकुलम जिले में स्थित कलाडी गांव में दार्शनिक आदि शंकराचार्य का जन्म स्थान है। आदि शंकर ‘अद्वैत’ दर्शन के प्रवर्तक थे।
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