विवाह से बचें बीमारी से प्रभावित जोडे

विवाह से बचें बीमारी से प्रभावित जोडे
विश्व सिकल सेल दिवस पर आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम मे विधायक, कलेक्टर ने की शिरकत
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया

सिकल सेल एक गंभीर बीमारी है, जिसका अभी तक कोई उपयुक्त उपचार नहीं है। इसलिये जरूरी है कि रोग से बचाव हेतु आवश्यक सावधानियां अपनाने की जानकारी आम जनता को दी जाय। सांथ ही लोगों को भी चिकित्सकों की सलाह पर अमल करना चाहिए। उक्त आशय के उद्गार विधायक शिवनारायण सिंह ने विश्व सिकल दिवस पर जिला चिकित्सालय मे आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। इस अवसर पर कलेक्टर धरणेन्द कुमार जैन, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती अनुजा पटेल, सीईओ जिला पंचायत अभय सिंह, अपर कलेक्टर शिवगोविन्द मरकाम, एसडीएम कमलेश नीरज, मुख्य चिकित्सा एवं स्वाथ्य अधिकारी डॉ. आरके मेहरा, सिविल सर्जन डॉ. केसी सोनी, जिला आयुष अधिकारी, डीएचओ डॉ. संतोष चैधरी, धनुषधारी सिंह, शंभूलाल खट्टर, सीएम फैलो सहित सिकल सेल से चिन्हित मरीज एवं उनके परिवार जन तथा स्वास्थ्य विभाग का अमला उपस्थित था। विश्व सिकल दिवस के अवसर पर उपराष्ट्रपति डॉ. जगदीप धनखड, राज्यपाल मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल, प्रदेश के ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल तथा सासंद फग्गन सिंह कुलस्ते के आतिथ्य मे राज्य स्तरीय कार्यक्रम डिडौरी जिले में आयोजित किया गया।

छिपायें नहीं, जांच करायें:कलेक्टर
अपने उद्बोधन मे कलेक्टर धरणेन्द्र कुमार जैन ने कहा कि सिकल सेल बीमारी से पीडितों को शादी के समय सावधानी बरतनी चाहिए। उन्होने लोगों से इसे छिपाने की बजाय युवक-युवतियों की जांच उपरांत रिपोर्ट नकारात्मक आने पर ही विवाह संबंध जोडने की अपील की। श्री जैन ने बताया कि सरकार ने इस बीमारी से ग्रसित रोगियों को निशक्त श्रेणी मे रखकर सामाजिक न्याय की सभी आवश्यक सुविधायें देने के निर्देश दिए हैं। ऐसे सभी चिन्हित रोगियों को निशक्त कार्ड दिए जा रहे हैं। जिला पंचायत अध्यक्ष अनुजा पटेल ने कहा कि सिकल सेल संक्रामक बीमारी नहीं है। अत: चिन्हित मरीजों से छुआछूत नहीं बल्कि उनका सहयोग करना चाहिए।

सम्मानित हुए पंचायत पदाधिकारी
कार्यक्रम मे सिकल सेल की शत प्रतिशत जांच का लक्ष्य पूर्ण करने वाली ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक, सीएचओ तथा आशा कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया गया। इन पंचायतों मे कांचोदर, महरोई, किरनताल तथा तुम्मीछोट शामिल हैं। कार्यक्रम मे आयुष विभाग द्वारा स्वास्थ्य शिाविर आयोजित किया गया। जिसमे मरीजों की जांच कर उन्हे निशुल्क दवाईयों का वितरण किया गया।

1.11 लाख लोगों का हुआ परीक्षण
सीएमएचओ डॉ. आरके मेहरा ने बताया कि अभी तक जिले मे एक लाख 11 हजार लोगों का टेस्ट किया गया है, जिसमे 2022 संवाहक तथा 316 मरीज शामिल हैं। बीमारी के रोगियों के प्रमुख लक्षण जोडे एवं सीने मे दर्द, डिहाईड्रेशन, एनीमिया के कारण थकान, पेशाब करने मे परेशानी, इन्फ्रेशन और पीली त्वचा है। सिकल सेल से ग्रसित मरीज को जितना हो सके उतना पानी पीना चाहिए। रोजाना एक गोली फालिक एसिड पांच मिलीग्राम की अवश्य लेनी चाहिए। इससे एनीमिया कम होगा और लाल कोशिका जल्दी बनेगी। उल्टी दस्त एवं देह से पसीना बहने पर डाक्टर से संपर्क करें। गुटखा, नशे की वस्तुओ का उपयोग न करें। सिकल सेल के मरीजों को पूरा संतुलित भोजना करना चाहिए। डॉ. मेहरा के अनुसार एनीमिया के मरीजो को एक माह मे हीमोग्लोबिन के स्तर और श्वेत रक्त कोशिकाओं की गिनती कराते रहना चाहिए। सिकल सेल वाले मरीजो को धूप मे नही घूमना चाहिए। अधिक पीडा होने की स्थिति मे घरेलू उपचार की बजाय डाक्टर को दिखाना चाहिए।

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