वापस छोड़े जायेंगे जंगली हांथी
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद सक्रिय हुआ प्रबंधन, शुरू की तैयारी
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
मप्र उच्च न्यायालय द्वारा की गई तल्ख टिप्पणी के बाद जिले के बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व मे पल रहे छत्तीसगढ़ के हांथी को छोडने पर जल्दी फैंसला हो सकता है। जानकारी के अनुसार एक याचिका मे हाईकोर्ट ने शासन से पकड़े गये दोनो हांथी एक सांथ तथा एक ही स्थान पर छोडऩे के लिये कहा है। दरअसल कुछ समय पहले अनूपपुर और शहडोल जिलों मे ग्रामीणो को परेशान कर रहे इन हाथियों का रेस्क्यू किया गया था। जिसके बाद विगत 2 मार्च को उत्तर शहडोल वन मंडल से पकड़े गये दस साल के नर हाथी को बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के रामा हाथी कैंप मे रखा गया था। इससे पहले 25 फरवरी को 25 साल का एक हाथी अनूपपुर वन मण्डल से पकड़ कर कान्हा टाईगर रिजर्व के किसली हाथी कैंप मे रखा गया था। इन दोनों ही हाथियों को वन विभाग द्वारा एक साथ की बजाय अलग-अलग छोडऩे का फैसला किया गया था। हाईकोर्ट ने इस प्रक्रिया को हाथी के स्वभाव के विपरीत बताते उन्हे एक साथ होम रेंज मे छोडने की बात कही गई है।
सरकार ने दिया जवाब
इस मामले मे जबलपुर हाईकोर्ट मे एक जनहित याचिका लगाई गई थी। इस पर जानकारी तलब करने पर प्रदेश के वन विभाग ने कोर्ट को बताया कि वह बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व मे रखे एक हाथी को छोड़ देगा परंतु दूसरा हाथी जंजीरों से बांधे जाने के कारण चोटिल है। जैसे ही वह ठीक होगा, उसे भी छोड़ दिया जायेगा।
एल्सा फाउंडेशन ने लिखा पत्र
वहीं इस मामले मे एल्सा फाउंडेशन के संस्थापक प्रकाश ने कहा है कि वन विभाग द्वारा गठित समिति की रिपोर्ट से पता चला है कि दोनों हाथियों को अलग-अलग वन क्षेत्र (उसके गृह क्षेत्र से दूर) मे छोडऩे की योजना बनाई गई है। उनके मुताबिक वन विभाग की समिति ने लिखा है कि यदि पहले हाथी की रिहाई विफल हो जाती है तो उस हाथी को फिर से पकड़ा कर कैद मे रखा जाएगा। एल्सा का कहना है कि एक अपरिचित वन क्षेत्र मे एक हाथी को छोडऩे के दुखद परिणाम होते हैं। सांथ ही यह अत्यधिक क्रूर और दर्दनाक होता है। अफ्रीका मे स्थानांतरण हमेशा संबंधित और संबद्ध हाथियों के बड़े समूहों मे किया जाता है। अकेले हाथियों का स्थानांतरण कभी नहीं किया जाता। उनकी ओर से सुझाव दिया गया है कि एक साथ छोडऩे से ही हाथियों का अस्तित्व सुरक्षित रहेगा। लिहाजा जैसे ही दूसरे हाथी की चोटें ठीक होती है, दोनों हाथियों को एक ही समय मे एक ही ऑपरेशन मे उनकी होम रेंज मे छोड़ा जाय।
रेडियो कॉलर का इंतजार
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के रामा कैंम्प मे रखे गये हांथी के लिये रेडियो कॉलर उपलब्ध कराने पीसीसीएफ वाईड लाईफ को पत्र प्रेषित किया गया है। ताकि जंगल मे विचरण के दौरान उसकी प्रत्येक गतिविधि पर नजर रखी जा सके। जैसे ही रेडियो कॉलर प्राप्त होगा, हांथी को उसके लिये अनुकूल तथा अन्य समूंहों के विचरण क्षेत्र मे छोड़ दिया जायेगा।
पीके वर्मा
उप संचालक
बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व उमरिया