विदेशी गिद्धों को भी भा रहा बांधवगढ़
गणना मे आई रोचक जानकारी, कई प्रवासी पक्षियों की हुई पहचान
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश, उमरिया
जिले का राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ सिर्फ सैलानियों को ही नहीं देशी-विदेशी पक्षियों को भी अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां के सुरम्य वनों और वातावरण का सानिध्य पाने प्रति वर्ष कई प्रकार के दुर्लभ जीव हजारों किलोमीटर दूर से यात्रा कर यहां पहुचते हैं। हाल ही मे पार्क क्षेत्र मे हुई गिद्धों की गणना मे इसी तरह की कई रोचक जानकारियां सामने आई हैं। राष्ट्रीय उद्यान के उप संचालक पीके वर्मा ने बताया कि इस प्रक्रिया के दौरान देशी गिद्धों के अलावा 10 यूरेशियन तथा 4 हिमालयन ग्राीफोन भी पाये गये हैं। हलांकि ये प्रवासी पक्षी हैं, जो मौसम के प्रतिकूल होते ही बांधवगढ़ का रूख करते हैं। जानकारों के मुताबिक जैसे ही इस इलाके मे ठण्ड कम होगी, ये गिद्ध वापस अपने देशों की ओर प्रस्थान करेंगे।
40 फीसदी हुई बढ़ोत्तरी
उल्लेखनीय है कि बांधवगढ़ मे गिद्धों की गणना विगत 16, 17 तथा 18 फरवरी 2024 को की गई थी। जिसमे काफी उत्साहजनक परिणाम सामने आये हैं। नेशनल पार्क के डिप्टी डायरेक्टर पीके वर्मा के मुताबिक गत वर्ष की तुलना मे यहां गिद्धों की तादाद मे करीब 40 प्रतिशत वृद्धि दर्ज हुई है। बीते साल जहां उद्यान मे 181 गिद्ध थे, वहीं इस वर्ष इनकी संख्या बढ़ कर 254 हो गई हैं।
शहडोल उत्तर मण्डल की ओर गया हांथी
बांधवगढ़ नेशनल पार्क तथा आसपास के क्षेत्रों मे उत्पात मचाने वाला दंतेल हांथी फिलहाल उत्तर वन मण्डल शहडोल की ओर कूच कर गया है। विभागीय सूत्रों के मुताबिक गुरूवार को जंगली हांथी ने सीमावर्ती नदी पार कर पड़ोसी जिले मे प्रवेश किया। गौरतलब है कि इस जंगली हांथी ने गत दिवस मानपुर निवासी अरूणोदय पयासी पिता कृष्णपाल पयासी 65 तथा उनके नाती पर हमला कर उन्हे गंभीर रूप से घायल कर दिया था। जिसमे से कृष्णपाल की कुछ ही देर मे इलाज के दौरान मौत हो गई। घटना के बाद से प्रबंधन दंतेल को वापस दूर जंगल की ओर ठेलने की जद्दोजहद मे जुटा हुआ था। इस काम मे विभागीय अधिकारी, कर्मचारियों के अलावा 4 हांथी और कई श्रमिक लगे हुए थे। काफी मशक्कत के बाद जंगली हांथी वहां से हट सका।
अब जंगल को आग से बचाने की मुहिम
आने वाली गर्मियों को देखते हुए नेशनल पार्क मैनेजमेंट अब बांधवगढ़ के जंगलों को आग से बचाने की मुहिम मे जुट गया है। इसके लिये उप संचालक पीके वर्मा द्वारा कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक तथा जिला पंचायत विभाग को पत्र लिख कर सहयोग का आग्रह किया गया है। सांथ ही विभाग द्वारा बीटवार प्रचार अभियान शुरू किया गया है। जिसके तहत गावों और पंचायतों मे दीवारों पर स्लोगन तथा फलेक्स आदि के जरिये लोगों को जागरूक किया जा रहा है। इसके अलावा ईको समितियों की बैठक, पंचायतों व स्कूलों मे गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। उप संचालक श्री वर्मा ने बताया कि जंगलों को आग से बचाने के कार्य मे इस बार 15 फरवरी से 15 जून तक 150 अतिरिक्त श्रमिकों को लगाया गया है।