नपा अध्यक्ष का चुनाव वर्ष 2014 के आरक्षण पर कराने की खबर से दावेदारों मे खलबली
उमरिया। जिला मुख्यालय की नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष का चुनाव वर्ष 2014 के आरक्षण के आधार पर होने संबंधी पत्र ने पद के दावेदारों मे खलबली मचा दी है। उप सचिव मध्यप्रदेश शासन नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग द्वारा सचिव मध्यप्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग को जारी पत्र बीते दिनो सोशल मीडिया पर जब से वायरल हुआ है तभी से यह चर्चा का विषय बना हुआ है। सभी दलों के नेता और दावेदार इसकी सच्चाई का पता लगाने मे जुटे हुए हैं। वहीं अभी तक शासन और प्रशासन की ओर से इस आदेश को लेकर कोई स्पष्टीकरण नहीं आया है, जिससे कन्फ्यूजन और भी गहरा गया है। इस पत्र मे उमरिया सहित 12 नगर परिषद और नगर पालिकाओं का उल्लेख है। यदि यह आदेश लागू हुआ तो नगर पालिका परिषद उमरिया का अध्यक्ष पद अनारक्षित महिला के खाते मे चला जायेगा।
ठंडे पड़े दावेदार
गौरतलब है कि हाल मे संपन्न आरक्षण की प्रक्रिया मे उमरिया नगर पालिका का अध्यक्ष पद अनारिक्षत हो गया था। इसी के साथ भाजपा और कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता नगर पालिका क्षेत्र के सामान्य वार्ड से टिकट के लिए प्रयास मे जुट गए थे। शुक्रवार की शाम जैसे ही लोगों को यह पता चला कि नगर पालिका उमरिया का अध्यक्ष पद सामान्य महिला के लिए हो गया है तो एक दम से सन्नाटा खिंच गया।
नए सिरे से लिस्ट होने लगी अपडेट
इस पत्र के सामने आने के बाद प्रमुख पार्टियां फिर से एक बार पार्षद लिस्ट को अपडेट करने मे जुट गई हैं। अध्यक्ष पद सामान्य महिला होते ही पार्टी स्तर के गणितीय समीकरण पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं। अब पार्टी नए तरीके से एक बेहतर केमेस्ट्री बनाने की तैयारी कर रही हैं। नगरीय निर्वाचन मे अध्यक्ष अनारक्षित महिला होने से कई बड़े चेहरे मैदान से बाहर हो सकते है, वही कई चेहरे जिनकी टिकट पार्टी ने कंफर्म कर दी थी, उन्हे पृथक किया जा सकता है।
घरेलू महिलाएं आएंगी मैदान मे
नगर पालिका अध्यक्ष सामान्य महिला होने से राजनीति से जुड़े बड़े योद्धा अब घर की कामकाजी महिलाओं को मैदान मे उतारने की तैयारी मे हैं। सवाल इस बात का है कि पार्टियां इतनी जल्दी पार्षदों की लिस्ट कैसे अपडेट कर पाएगी, जबकि शनिवार 11 जून से नामांकन प्रारंभ हो गया हैं। सभी प्रमुख पार्टियां पार्षद लिस्ट को अंतिम रूप देने मे जुटी हुई हैं। हालांकि सभी प्रमुख पार्टियों को कार्यकर्ताओं से बेहतर तालमेल बैठाकर नए सिरे से सूची अपडेट करना शायद सहज नही होगा।
इनका कहना है
निश्चित तौर पर अचानक हुए इस बदलाव ने रणनीति पर विचार करने को प्रेरित किया है। हमारी पार्टी के सभी अनुभवी लोग विचार मंथन कर रहे हैं और एक सिरे से चर्चा की जा रही है।
दिलीप पांडे,
जिला भाजपा अध्यक्ष
यह बदलाव सभी के लिए एक सा अनुभव है। हम भी इस परिवर्तित माहौल पर विचार कर रहे हैं। इसके बाद ही सूची को फाइनल किया जाएगा और जीतने वाले प्रत्याशियों को टिकट दी जाएगी।
राजेश शर्मा,
जिला कांग्रेस अध्यक्ष
यह पत्र अभी हमारे पास नहीं पहुंचा है। न ही इससे संबंधित कोई आदेश निर्देश प्राप्त हुए हैं। फिलहाल हमें पार्षदों का चुनाव कराना है। अध्यक्ष के चुनाव तक जो आदेश आएगा उस पर अमल किया जाएगा।
संजीव श्रीवास्तव,
कलेक्टर उमरिया
लेटर से दावेदारों मे कन्फ्यूजन
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