लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार को बड़ा हादसा हो गया। यहां देवा रोड स्थित केटी ऑक्सीजन प्लांट में ब्लास्ट के चलते तीन लोगों की मौत हो गई। 7 लोग घायल हैं। पुलिस और रेस्क्यू टीमों ने मौके पर पहुंचकर घायलों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा। ACP विभूतिखंड प्रवीण मलिक के अनुसार, ऑक्सीजन प्लांट पर ये हादसा रीफिलिंग के दौरान लीकेज की वजह से हुआ है। मृतकों में एक प्लांट का कर्मचारी और दूसरा रीफिलिंग के लिए आया व्यक्ति शामिल है। पुलिस कमिश्नर ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं।
और भी बड़ा हादसा हो सकता था
हादसे के वक्त प्लांट के बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ जुटी थी। ये सभी लोग सिलेंडर रीफिलिंग कराने आए थे। हादसा इतना भयावह था कि एक युवक सिलेंडर में ऑक्सीजन रीफिलिंग कराने पहुंचा था, जैसे ही ब्लास्ट हुआ उसका एक हाथ उड़ गया। मौके पर खड़े कई अन्य लोगों को गंभीर चोटें आई हैं।
हादसे के वक्त प्लांट के बाहर सैकड़ों लोगों की भीड़ जुटी थी। ये सभी लोग सिलेंडर रीफिलिंग कराने आए थे। हादसा इतना भयावह था कि एक युवक सिलेंडर में ऑक्सीजन रीफिलिंग कराने पहुंचा था, जैसे ही ब्लास्ट हुआ उसका एक हाथ उड़ गया। मौके पर खड़े कई अन्य लोगों को गंभीर चोटें आई हैं।
मुख्यमंत्री ने जताया शोक
पूरे प्रदेश में इन दिनों ऑक्सीजन का संकट है। सबसे ज्यादा असर राजधानी लखनऊ में देखने को मिला है। यहां हजारों की संख्या में मरीजों के परिजन ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए प्लांट के चक्कर काटते नजर आ रहे हैं। इन ऑक्सीजन प्लांटों पर लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं। हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक जताया है।
पूरे प्रदेश में इन दिनों ऑक्सीजन का संकट है। सबसे ज्यादा असर राजधानी लखनऊ में देखने को मिला है। यहां हजारों की संख्या में मरीजों के परिजन ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए प्लांट के चक्कर काटते नजर आ रहे हैं। इन ऑक्सीजन प्लांटों पर लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं। हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शोक जताया है।
प्रदेश में अभी 2.72 लाख मरीजों का चल रहा इलाज
अब तक प्रदेश में 13 लाख 68 हजार से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 10 लाख 81 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 2.72 लाख मरीजों का अभी इलाज चल रहा है। 13 हजार 798 मरीजों की अब तक मौत हो चुकी है।
अब तक प्रदेश में 13 लाख 68 हजार से ज्यादा लोग संक्रमण की चपेट में आ चुके हैं। इनमें 10 लाख 81 लोग ठीक हो चुके हैं, जबकि 2.72 लाख मरीजों का अभी इलाज चल रहा है। 13 हजार 798 मरीजों की अब तक मौत हो चुकी है।
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