रोटी मंहगी, सफर हुआ मुश्किल

घरेलू गैस के बाद अब बढ़े डीजल-पेट्रोल के दाम, सुरसा बनती जा रही मंहगाई
उमरिया। बीते दिनो घरेलू गैस सिलेण्डर के दामों मे लगभग 25 रूपये की बढ़ोत्तरी के बाद 4 और 5 फरवरी 2021 को डीजल और पेट्रोल के दामो मे हुई वृद्धि ने मंहगाई को पंख लगा दिये हैं। जानकारों का मानना है कि केन्द्र सरकार द्वारा बजट मे पेट्रोल और डीजल पर कृषि सेस लगाये जाने की घोषणा से इनके भावों मे और तेजी आयेगी। घरेलू गैस के दाम बढऩे से जहां रसोई का बजट बिगड़ता जा रहा है, वहीं डीजल की मूल्यवृद्धि से सफर और मंहगा होगा। जबकि रोजगार, व्यवसाय से जुड़े लोगों की आय या नौकरीपेशा कर्मियों को मिलने वाले वेतन मे कोई अंतर नहीं आया है। कुल मिला कर सरकार और पेट्रोलियम कम्पनियों की कारगुजारियों के कारण मध्यम वर्ग की मुश्किलें कम होने की बजाय बढ़ती जा रही हैं।
5 रूपये 4 पैसे मिल रही सब्सिडी
यूपीए सरकार की लोकप्रियता को घटाने वाली घरेलू गैस भी नये रंग मे है। कई दशकों तक सरकारें जिसे छूने का साहस नहीं जुटा पा रही हैं, वह सिलेण्डर बड़ी ही आसानी से 742 रूपये की कीमतें छू रहा है। इसमे उपभोक्तओं को मिलने वाली सब्सिडी 5 रूपये 4 पैसे के हास्यास्पद स्तर पर है। गौरतलब है कि हाल ही मे घरेलू गैस पर 25 रूपये की वृद्धि की गई है। सिलेण्डर के दामों की चर्चा करें तो विगत फरवरी 20 मे गैस सलेण्डर के दाम 740 रूपये थे, जिसमे 161 रूपये की सब्सिडी हितग्राही के खाते मे आ रही थी, जो कि अब लगभग समाप्त कर दी गई है।
शतक से 3 कदम दूर पेट्रोल
वहीं पेट्रोल और डीजल के दामो मे वृद्धि थमने का नाम नहीं ले रही है। विगत एक पखवाड़े के भीतर ही पेट्रोल 1 रूपये 28 पैसे और डीजल 1 रूपये 23 पैसे मंहगा हो चुका है। कम्पनियों द्वारा गुरूवार को पेट्रोल मे 25 पैसे और डीजल मे 26 पैसे तथा शुक्रवार को पेट्रोल मे 31 पैसे और डीजल मे 32 पैसे का इजाफा कर दिया। जिससे पेट्रोल 96 रूपये 08 पैसे व डीजल 86 रूपये 30 पैसे पर जा पहुंचा है। जबकि गत 23 जनवरी को शहर के पंपों पर पेट्रोल 94 रूपये 90 पैसे व डीजल 85 रूपये 07 पैसे प्रति लीटर मे बिक रहा था।
10 महीनो मे 15 रूपये का उछाल
मजे की बात यह है कि चाहे डीजल, पेट्रोल हो या फिर घरेलू गैस सिलेण्डर। इनके दामों मे बढ़ोत्तरी बड़े ही करीने के सांथ की जा रही है। यही कारण है कि पेट्रोलियम और डीजल के दाम बढऩे पर जनता का गुस्सा सड़कों पर नहीं आ पा रहा है। जबकि आंकड़ों पर नजर डालें तो पिछले 4-5 सालों मे इन चीजों की कीमतें जितनी बढ़ी है, उतनी बीते 30 साल मे भी नहीं बढ़ीं। विगत 10 मांह मे कीमतों मे हुआ बदलाव आंख खोलने के लिये काफी हैं। अपे्रल 20 मे जहां पेट्रोल का दाम 78.71 और डीजल 69.35 प्रति लीटर था वहीं फरवरी 21 मे पेट्रोल 16.19 बढ़ कर 94.90 और डीजल 15.72 रूपये बढ़ कर 85.97 रूपये हो गया है।
फिर टेक्स क्यों
जानकारों का मानना है कि सरकार पेट्रोलियम से लेकर रोजमर्रा की प्रत्येक वस्तु और सेवा के अलावा दर्जनो प्रकार का टेक्स आम आदमी से वसूलती है। वहीं इसके बदले मे लोगों को ना तो सही शिक्षा मिल पा रही है और नां ही स्वास्थ्य, पेयजल, सफाई आदि की बेहतर सुविधा। वाहनो पर रोड टेक्स देने के बाद टोल बैरियरों पर वसूली, बिजली के बिल पर अन्य प्रभार, सर्विस टेक्स अलग से। ऐसी कई सुविधायें हैं जिन पर अलग-अलग तरह से कर लिये जा रहे हैं। सवाल उठता है कि जब कहीं कोई रियायत सरकार की ओर नहीं मिलनी तो जनता से इतना टेक्स क्यों वसूला जा रहा है।

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