शहडोल । रेलवे प्रशासन द्वारा शहडोल के यात्रियों के साथ छलाव किया जा रहा है। यहां से रवाना होने वाली ट्रेनों में एक ट्रेन ऐसी भी है जो शहडोल से रवाना तो होती है। लेकिन वापस शहडोल तक नहीं आती। उस पर तुर्रा यह कि उस ट्रेन की बोगी को लॉक करके शहडोल तक लाया जाता है। यह ट्रेन है शहडोल.अंबिकापुर मेमू। यहां के लोगों को यात्रा से वंचित करने पर अब असंतोष गहरा रहा है और लोगों का कहना है कि इस तरह की मनमानी को नहीं रोका गया तो आंदोलन किया जाएगा। शहडोल से अंबिकापुर के लिए चलने वाली मेमू ट्रेन क्रमांक 08749 शहडोल से दोपहर 12.30 बजे अंबिकापुर के लिए रवाना होती है और शाम को अंबिकापुर पहुंचती है। मेमू ट्रेन होने के कारण इसमें रिजर्वेशन कराने की आवश्यकता नहीं पड़ती और यात्री साधारण टिकट लेकर यात्रा कर सकते हैं। लेकिन दूसरे दिन वापसी में अंबिकापुर से यह मेमू ट्रेन क्रमांक 08758 शहडोल नहीं आती और इसे बीच में अनूपपुर में ही समाप्त कर दिया जाता है। जो यात्री इस ट्रेन से अंबिकापुर से शहडोल के लिए आते हैं उन्हें मजबूरीवश अनूपपुर में उतर कर दूसरी ट्रेन से शहडोल आना पड़ता है। लेकिन हैरत की बात तो यह है कि अनूपपुर में जब इस ट्रेन से यात्री उतर जाते हैं तब बोगी को लॉक कर दिया जाता है और उसके बाद इस खाली;बिना यात्री वालीद्ध ट्रेन को शहडोल लाया जाता है। बताया गया है कि ट्रेन को शहडोल तक लाने वाला रेलवे का स्टॉफ भी शहडोल का ही होता है। अब यहां के यात्रियों को यह बात समझ नहीं आ रही है कि जब खाली ट्रेन शहडोल तक आती है तो फिर शहडोल के यात्रियों को अनूपपुर में क्यों उतरने पर मजबूर किया जा रहा है।
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