खाली कराई अपनी एम्बेसी, ब्रिटेन ने यूक्रेन को दीं एंटी टैंक मिसाइलें
मॉस्को/लंदन। रूस और नाटो के बीच यूक्रेन के मुद्दे पर तनाव बढ़ता जा रहा है। इस मामले में तेजी से डेवलपमेंट हो रहे हैं। रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव में मौजूद अपनी एम्बेसी लगभग खाली करा ली है। इसके मायने ये हुए कि रूस अपने दूतावास में मौजूद लोगों को जंग की हालत में किसी खतरे में नहीं डालना चाहता। दूसरी तरफ, कनाडा ने रूस के मुकाबले के लिए यूक्रेन में अपने कुछ सैनिक भेज दिए। उधर, ब्रिटेन ने भी यूक्रेन को रूसी टैंकों का सामना करने के लिए एंटी टैंक वेपन्स संभवत: मिसाइलें दी हैं।
रूस का सीक्रेट मिशन
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, रूस बहुत गुपचुप तरीके से यूक्रेन को घेरने की कोशिश कर रहा है। 5 जनवरी को उसने कीव स्थित अपनी एम्बेसी से 18 लोगों को मॉस्को रवाना किया। ये सभी लोग सड़क के रास्ते 15 घंटे का सफर करने के बाद मॉस्को पहुंचे। इसके बाद अगले कुछ दिनों में 30 और लोगों को इसी तरह मॉस्को भेजा गया। यूक्रेन में कीव के अलावा रूस की दो कॉन्स्युलेट्स भी हैं। इनके कर्मचारियों से कहा गया है कि उन्हें किसी भी वक्त मॉस्को जाने का आदेश दिया जा सकता है।
‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ की मंगलवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, रूस बहुत गुपचुप तरीके से यूक्रेन को घेरने की कोशिश कर रहा है। 5 जनवरी को उसने कीव स्थित अपनी एम्बेसी से 18 लोगों को मॉस्को रवाना किया। ये सभी लोग सड़क के रास्ते 15 घंटे का सफर करने के बाद मॉस्को पहुंचे। इसके बाद अगले कुछ दिनों में 30 और लोगों को इसी तरह मॉस्को भेजा गया। यूक्रेन में कीव के अलावा रूस की दो कॉन्स्युलेट्स भी हैं। इनके कर्मचारियों से कहा गया है कि उन्हें किसी भी वक्त मॉस्को जाने का आदेश दिया जा सकता है।
पुतिन का खेल क्या है
एक तरफ तो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बाइडेन से यूक्रेन के मसले पर बात कर रहे हैं, दूसरी तरफ रूसी फौज हमले की तैयारियां कर रही है। एम्बेसी को खाली कराया जाना इसी कड़ी में अहम कदम माना जा सकता है। हालांकि, रूस की फॉरेन मिनिस्ट्री ने मंगलवार को कहा कि कीव में उसकी एम्बेसी पहले की तरह काम कर रही है।
एक तरफ तो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन अमेरिकी प्रेसिडेंट जो बाइडेन से यूक्रेन के मसले पर बात कर रहे हैं, दूसरी तरफ रूसी फौज हमले की तैयारियां कर रही है। एम्बेसी को खाली कराया जाना इसी कड़ी में अहम कदम माना जा सकता है। हालांकि, रूस की फॉरेन मिनिस्ट्री ने मंगलवार को कहा कि कीव में उसकी एम्बेसी पहले की तरह काम कर रही है।
अमेरिका भी तैयार
रूस की हरकतों पर अमेरिका और नाटो बहुत पैनी नजर रख रहे हैं। जवाबी तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। फिलहाल, अमेरिका के सहयोगी यूक्रेन की मदद कर रहे हैं। ब्रिटेन ने यूक्रेन की मदद के लिए अहम फैसला किया और इस पर अमल भी शुरू कर दिया। ब्रिटेन ने रूसी टैंकों के मुकाबले के लिए अपने एंटी टैंक वेपन्स यूक्रेन भेजना शुरू कर दिए हैं। दूसरी तरफ, कनाडा ने अपने सैनिकों की एक स्पेशल रेजीमेंट कीव भेज दी है।
रूस की हरकतों पर अमेरिका और नाटो बहुत पैनी नजर रख रहे हैं। जवाबी तैयारियां भी शुरू हो चुकी हैं। फिलहाल, अमेरिका के सहयोगी यूक्रेन की मदद कर रहे हैं। ब्रिटेन ने यूक्रेन की मदद के लिए अहम फैसला किया और इस पर अमल भी शुरू कर दिया। ब्रिटेन ने रूसी टैंकों के मुकाबले के लिए अपने एंटी टैंक वेपन्स यूक्रेन भेजना शुरू कर दिए हैं। दूसरी तरफ, कनाडा ने अपने सैनिकों की एक स्पेशल रेजीमेंट कीव भेज दी है।
उधर, बेलारूस के शासक एलेक्जेंडर लुकाशेंको ने कहा कि उनकी सेना रूस के साथ मिलिट्री एक्सरसाइज शुरू कर रही है। यूक्रेन के अफसरों का कहना है कि रूस की सेना बेलारूस से यूक्रेन पर अटैक कर सकती है। इसके लिए यूक्रेन की सेना भी तैयारी कर रही है।
रूस की तैनाती
अमेरिकी एक्सपर्ट्स के मुताबिक, रूस ने 60 बटालियन यूक्रेन के बॉर्डर पर तैनात की हैं। कुल मिलाकर रूसी सैनिकों की संख्या 77 हजार से एक लाख बताई जा रही है। हालांकि, एक महीने पहले पेंटागन ने यह संख्या एक लाख 75 हजार बताई थी। अमेरिकी इंटेलिजेंस को लगता है कि रूसी सेना इस बात का इंतजार कर रही है कि बॉर्डर एरिया में बर्फ पूरी तरह जम जाए। इससे सैनिक और आर्टिलरी को मूव करने में आसानी होगी।
अमेरिकी एक्सपर्ट्स के मुताबिक, रूस ने 60 बटालियन यूक्रेन के बॉर्डर पर तैनात की हैं। कुल मिलाकर रूसी सैनिकों की संख्या 77 हजार से एक लाख बताई जा रही है। हालांकि, एक महीने पहले पेंटागन ने यह संख्या एक लाख 75 हजार बताई थी। अमेरिकी इंटेलिजेंस को लगता है कि रूसी सेना इस बात का इंतजार कर रही है कि बॉर्डर एरिया में बर्फ पूरी तरह जम जाए। इससे सैनिक और आर्टिलरी को मूव करने में आसानी होगी।
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