नई दिल्ली ।पश्चिम बंगाल की चुनावी गहमागहमी के बीच BJP के लिए एक अच्छी खबर दिल्ली से आई है। रामायण में भगवान राम का किरदार निभाकर पूरे देश में मशहूर हुए एक्टर अरुण गोविल गुरुवार को पार्टी में शामिल हो गए। वरिष्ठ नेता अरुण सिंह की जूदगी में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ली। इस बात की चर्चा है कि उत्तर प्रदेश के मेरठ में जन्में अरुण गोविल पार्टी की ओर से चुनाव लड़ सकते हैं। UP में अगले साल चुनाव होने हैं। 63 साल के अरुण गोविल ने कहा कि वह पहले कभी राजनीति में आने के इच्छुक नहीं रहे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामों ने उनकी राजनीति को लेकर बनी धारणा बदल दी। गोविल 4 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में चुनाव से पहले BJP के सदस्य बने हैं। पार्टी उनकी शख्सियत का फायदा इन चुनावों में लेने की कोशिश करेगी।
ममता की ‘जय श्री राम’ पर आपत्ति के बाद राजनीति में आए
अरुण गोविल का मानना है कि श्रीराम का रोल के बाद उनकी इमेज ऐसी हो गई कि कोई भी डायरेक्टर कमर्शियल फिल्म देने तैयार नहीं हुआ। उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के जय श्री राम के नारे लगाने पर की गई आपत्ति का भी जिक्र किया। गोविल ने कहा कि इस घटना के बाद ही उन्होंने राजनीति में आने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि जय श्री राम केवल एक नारा नहीं है, बल्कि हमारी जीवन शैली और संस्कार है।रामायण की सीता और रावण भी BJP मेंअरुण गोविल के साथ रामायण सीरियल में सीता का किरदार निभाने वालीं दीपिका चिखलिया भी BJP में हैं। रावण की भूमिका निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी भी भाजपा की टिकट पर 1991 में गुजरात में चुनाव लड़ चुके हैं। दीपिका वडोदरा सीट से और अरविंद त्रिवेदी साबरकांठा से जीते थे।
विक्रमादित्य के रोल के चलते बने थे ‘राम’
रामानंद सागर ने अरुण गोविल को सबसे पहले टीवी सीरियल ‘विक्रम और बेताल’ में राजा विक्रमादित्य का रोल दिया था। यह सीरियल काफी सफल रहा था। इसके चलते ही गोविल को 1987 में ‘रामायण’ में भगवान श्रीराम का रोल निभाने का मौका मिला था। उनका रोल इतना लोकप्रिय हुआ कि आज भी फैंस उन्हें श्रीराम कहकर बुलाते हैं। इसके अलावा गोविल ने ‘लव कुश’, ‘कैसे कहूं’, ‘बुद्ध’, ‘अपराजिता’, ‘वो हुए ना हमारे’ और ‘प्यार की कश्ती’ जैसे पॉपुलर सीरियल में भी काम किया है।
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