राज्यसभा अध्यक्ष से विपक्ष के तीखे सवाल

सदन मे चर्चा न कराने का आरोप, हंगामे को लेकर कई नेताओं ने व्यक्त की चिंता

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में 15 विपक्षी दलों के सांसदों के मार्च ने राजनीति का पारा काफी चढ़ा दिया है। राहुल गांधी ने इस दौरान सभापति वेंकैया नायडू पर पक्षपात करने, विपक्ष की मांग पर सदन में चर्चा न कराने का आरोप लगाया। कांग्रेस के नेता ने एक गंभीर आरोप और लगाया। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में बाहर के लोगों को बुलाकर सांसदों के साथ न केवल बदसलूकी की गई, बल्कि उनकी पिटाई भी की गई। महिला सांसदों के साथ भी बदसलूकी हुई। राहुल गांधी जब इतने गंभीर आरोप लगा रहे थे तो विपक्षी दलों के सांसद उनका समर्थन कर रहे थे। राज्यसभा में आखिरी दिन हुए शोर-शराबे और हंगामे को लेकर कई दलों के नेताओं ने अपनी चिंता व्यक्त की है।राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार ही संसद भवन की कार्यवाही नहीं चलाना चाहती थी। खड़गे ने कहा कि हम लगातार सरकार से पेगासस जासूसी प्रकरण, किसानों के मुद्दे, मंहगाई समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार इससे भाग रही है। राहुल गांधी ने भी यही कहा। उन्होंने कहा कि संसद में विपक्ष के ज्वलंत मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग सुनी नहीं गई। इसलिए हमें सड़क पर आपके बीच आना पड़ा। संसद में इस तरह की स्थिति को शिवसेना के नेता संजय राऊत, तिरुचि शिवा समेत तमाम नेताओं ने लोकतंत्र की हत्या बताया। संजय राऊत ने कहा कि यह सत्र हुआ ही नहीं। हमारी आवाज को दबाया गया। हमने चर्चा की मांग की और इसे नहीं माना गया।
सभापति के छलके थे आंसू और विपक्ष का शोर
सभापति वेंकैया नायडू ने मंगलवार सदन में हुई घटना को लेकर अपनी भावुकता व्यक्त की थी। 10 अगस्त को कांग्रेस के सदस्य प्रताप सिंह बाजवा समेत कुछ सदस्यों ने उच्च स्तर पर हंगामा किया था। वह महासचिव की टेबल पर चढ़ गए थे और रूलबुक को आसन की तरफ उछाल दिया था। इसे लेकर बुधावर को सभापति आहत थे। उन्होंने कहा था कि वह रात को सो नहीं पाए। इसे देश के सभी समाचार पत्रों ने प्रमुखता से स्थान दिया था। आज राज्यसभा में मानसून सत्र की संसदीय कार्यवाही का आखिरी दिन था। इस बाबत नेता प्रतिपक्ष के दफ्तर में 15 विपक्षी दलों के नेताओं ने बैठक कर रणनीति बनाई। इसमें समाजवादी पार्टी प्रो. राम गोपाल यादव, शिवसेना के संजय राऊत, राजद के प्रो. मनोज झा, तिरुचि शिवा समेत तमाम दलों के नेता शामिल हुए। सरकार के सदन में चर्चा से भागने और सभापति द्वारा चर्चा कराने की अनुमति न देने को लेकर विपक्ष के नेताओं ने संसद परिसर में धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद राहुल गांधी के नेतृत्व में मार्च करते हुए विपक्षी दल के नेता बोट क्लब तक गए। इसे विपक्ष के नेता काफी गंभीर मसला और लोकतंत्र की हत्या मानते हैं।राहुल गांधी बुधवार को उपराष्ट्रपति की भावुकता पर भी बोले। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सभापति को सदन चलाना होता है। उन्होंने क्यों नहीं चलाया? उन्हें सदन सुचारु रूप से चलाना चाहिए था। विपक्ष को अपनी बात रखने का अवसर देना चाहिए था।
राज्यसभा में हंगामे का वीडियो आया सामने
राज्यसभा में विपक्ष के हंगामे का वीडियो सामने आया है। सांसदों के हंगामे के दौरान वहां मार्शल मौजूद हैं। वीडियो में सांसदों के साथ हो रही धक्का-मुक्की भी दिखाई दे रही है। इस घटना को लेकर नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के नेता राम गोपाल यादव, कांग्रेस के सदन में उप नेता आनंद शर्मा, मुख्य सचेतक जयराम रमेश, डीएमके के तिरुचि शिवा समेत अन्य ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से मुलाकात की। उन्हें अपनी शिकायत, मार्शलों के व्यवहार को लेकर चिंता से अवगत कराया। सदस्यों ने चिंता भी जाहिर की कि आखिर इतनी संख्या में सदन के भीतर मार्शल क्यों तैमात थे?
नहीं देखा कभी संसद में ऐसा व्यवहार:बसपा 
बसपा प्रमुख मायावती ने भी इसे लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी। मायावती ने कहा कि देश की संसद के उच्च सदन में गत दिनों सत्ता पक्ष, विपक्ष के बीच गतिरोध में जो कुछ हुआ वह अति दुर्भाग्यपूर्ण है। मैंने अपने लंबे संसदीय जीवन में बहुत बार सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी तकरार, तनाव और तीव्र विरोध देखा है, किन्तु संसद में अब जैसा दृश्य कभी नहीं देखा। बसपा इस पूरे प्रकरण में तटस्थ बनी हुई है। वह मुद्दों के आधार पर रुख तय करके चल रही है।
विपक्ष ने लोकतंत्र को शर्मसार किया: भाजपा
सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। भाजपा के प्रवक्ता संबित पात्रा ने विपक्ष और खासकर कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि विपक्ष सड़क को संसद में उठाकर ले आया है। इससे न केवल देश बल्कि लोकतंत्र भी शर्मसार हुआ है। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार और गुरुवार को सदन के भीतर तथा बाहर के प्रदर्शन के लिए कांग्रेस और विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि क्या देश का कोई भी नागरिक यह हिंसक हंगामा स्वीकार कर सकता है। जिस तरह से हिंसक प्रदर्शन, हंगामा और अराजकता नजर आई है, ऐसा इतिहास में कभी नहीं हुआ।

Advertisements
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *