जयपुर । राजस्थान में कांग्रेस का भीतरी संकट काफी बढ़ गया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच शक्ति परीक्षण शुरू हो गया है। उधर, नए सीएम की रायशुमारी से पहले ही विवाद शुरू हो गया। विधायक दल की बैठक से पहले मंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर गहलोत समर्थक विधायकों की बैठक हुई। जिसमें 50 से अधिक विधायक शामिल हुए और गहलोत को ही सीएम बने रहने की बात कही। दरअसल, सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने की चर्चा के बीच अशोक गहलोत समर्थक विधायक भी लामबंद हो गए हैं। ये विधायक अशोक गहलोत को ही मुख्यमंत्री बनाए रखने के लिए दबाव बना रहे हैं। उधर, मुख्यमंत्री आवास पर कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खडग़े और प्रभारी महासचिव द्वारा बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक टल गई। अशोक गहलोत द्वारा कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लडऩे का एलान करने के बाद से ही उनके सीएम पद पर बने रहने को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने हाल ही में कहा है कि अध्यक्ष का पद एक अहम जिम्मेदारी है। कोई भी नेता एक समय पर दो अहम पदों पर नहीं बना रह सकता। इसके बाद से ही सवाल उठने लगे थे कि अगर गहलोत पार्टी के अध्यक्ष बने तो राजस्थान का नया सीएम कौन होगा?
सीएम के लिए दो नेताओं के नाम
अब तक मुख्यमंत्री पद को लेकर दो नेताओं के नाम सामने आए हैं। पहले नंबर पर इस पद के लिए सचिन पायलट और दूसरे पर सीपी जोशी दावेदार माने जा रहे हैं। पायलट के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि गहलोत उनके सीएम बनने के खिलाफ बताए जा रहे हैं। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी का नाम आलाकमान को सुझाया है।
राजस्थान में गहलोत और पायलट के बीच शक्ति परीक्षण
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