रजत आभूषणों से शोभित हुई मां बिरासिन

रजत आभूषणों से शोभित हुई मां बिरासिन

रोचक है पाली मे विराजमान मैया के उद्भव की कथा, पूरी होती है मनोकामनायें

बांधवभूमि न्यूज, तपस गुप्ता 

मध्यप्रदेश

उमरिया
बिरसिंहपुर पाली।
चैत्र नवरात्रि की सप्तमी पर शनिवार को पाली नगर मे विराजमान मां बिरासनी का रजत आभूषणों से श्रृंगार किया गया। कालरात्रि के स्वरूप मे माता की छवि देखते ही बनती थी। श्रृंगार के उपरांत जैसे ही मंदिर के कपाट खुले, पूरा परिसर उनके जयघोष से गुंजायमान हो उठा। इन दिनों पूरा जिला शक्ति की भक्ति मे डूब गया है, परंतु मा बिरसिनी की बात ही कुछ और है। पिछले सात दिनों से माता महाकाली अलग-अलग रूपों मे अपने भक्तों को दर्शन दे रही हैं। आज अष्टमी पर उन्हें स्वर्ण आभूषणों से सजाया जाएगा।

शांति और विश्वास से भर उठता मन
उल्लेखनीय है कि बिरसिंहपुर की बिरसिनी मैया की महिमा निराली है। वे अपने अलौकिक स्वरूप और तेज के लिये जानी जाती हैं। उनके दरबार मे मन शांति और विश्वास से भर उठता है। जो व्यक्ति एक बार मातेश्वरी के दर्शन प्राप्त कर लेता है। वह हमेशा के लिये स्वयं को उनके चरणों मे समर्पित कर देता है। वे वात्सल्य का प्रतीक हैं, जिनके दरबार से कोई खाली हांथ नहीं लौटता है। मां बिरासिनी की शक्तियां जितनी चमत्कारिक हैं, उतनी ही रोचक भी है।

स्वर्ण आभूषणों से होता है मां का भव्य श्रृंगार
चैत्र नवरात्र पर्व की अष्टमी तिथि पर बिरासिनी के दरबार मे अठमाईन चढा कर माता की पूजा अर्चना की जाती है। मान्यता है कि अष्टमी तिथि को अठमाईन चढ़ाने से माता विशेष भोग के रूप मे इसे ग्रहण करतीं है और मनोवांछित फल की प्राप्ति कराती है। अष्टमी पर ही मां का विशेष श्रृंगार भी किया जाता है। माता बिरासनी के दरबार मे विशेष आरती का आयोजन किया जाता है।

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