रक्षा मंत्रालय ने प्रीडेटर ड्रोन सौदे को मंजूरी दी

35 घंटे हवा में रह सकता है, 1900KM क्षेत्र की निगरानी करने की क्षमता
नई दिल्ली। रक्षा खरीद परिषद ने अमेरिका से आर्म्ड ड्रोन एमक्यू-9 प्रीडेटर की ख़रीद को मंजूरी दे दी है। सूत्रों के अनुसार प्रधानमंत्री के अमेरिका दौरे से पहले रक्षा खरीद का यह सबसे बड़ा फैसला लिया गयाहै। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आज हुई रक्षा खरीद परिषद की बैठक में मंजूरी दी गई। इसके लिए आखिरी मंजूरी कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी से मिलनी है। 3 बिलियन डॉलर में तीस एमक्यू-9 ड्रोन अमेरिका से लिए जाएंगे। थलसेना, वायुसेना को 8-8 और नौसेना को 14 ड्रोन मिलेंगे। कुल मिलाकर भारत-अमेरिका से 30 लड़ाकू ड्रोन प्रिडेटर खरीदेगा। इस ड्रोन के जरिए 1200 किलोमीटर दूर से ही दुश्मन पर मिसाइल से हमला किया जा सकता है। इसे अमेरिका ने इराक और अफगानिस्तान में आतंकवादियों के खिलाफ इस्तेमाल किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 जून को अमेरिका की आधिकारिक राजकीय यात्रा पर जा रहे हैं। पीएम मोदी की वाशिंगटन की राजकीय यात्रा से पूर्व बाइडन प्रशासन अमेरिका द्वारा निर्मित हथियारबंद ड्रोन बेचने पर जोर दे रहा है। इस मामले से परिचित दो लोगों ने अमेरिकी मीडिया को इस बारे में जानकारी दी है। इसके साथ ही सूत्रों ने कहा कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति बाइडन के बीच हथियारों और जमीनी वाहनों के सह-उत्पादन पर भी चर्चा की उम्‍मीद की जा रही है। काफी समय से भारत ने अमेरिका से हथियारबंद ड्रोन खरीदने में रुचि दिखाई है। हालांकि नौकरशाही ने सीगार्डियन ड्रोन सौदे को लेकर बाधाएं खड़ी की हैं। यह सौदा कई वर्षों के लिए 2 से 3 अरब डॉलर तक हो सकता है। अमेरिकी वार्ताकारों को भरोसा है कि 22 जून को होने वाली पीएम मोदी की व्हाइट हाउस यात्रा के दौरान यह गतिरोध दूर हो सकता है। दो सूत्रों ने कहा, पीएम मोदी की यात्रा की तारीख तय हो गई थी, इसलिए अमेरिका के विदेश विभाग, पेंटागन और व्हाइट हाउस ने भारत से जनरल एटॉमिक्स द्वारा निर्मित 30 आयुध ले जाने योग्य एमक्यू-9बी सीगार्डियन ड्रोन सौदे को लेकर प्रगति दिखाने के लिए कहा है।

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