नई दिल्ली। रूस ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी है। इसके साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गई है। सात साल में पहली बार कच्चे तेल की कीमत इस स्तर पर पहुंची है। रूस दुनिया में कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है, जबकि नेचुरल गैस का सबसे बड़ा प्रॉड्यूसर है।
गुरुवार को ब्रेंट क्रूड का दाम 6.28 डॉलर बढ़कर 102.80 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया, जबकि डब्ल्यूटीआई की कीमत 5.74 डॉलर की तेजी के साथ 98.84 डॉलर पहुंच गई। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की घोषणा की और साथ ही दूसरे देशों को इससे दूर रहने की चेतावनी दी है। इससे कच्चे तेल की कीमत सितंबर 2014 के बाद पहली बार 100 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गई। इससे देश में पेट्रोल-डीजल की कीमत में आने वाले दिनों में भारी तेजी आ सकती है। देश में दिवाली के बाद से पेट्रोल-डीजल की कीमत में कोई बदलाव नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों के बाद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक, देश में पेट्रोल एवं डीजल की खुदरा बिक्री दरें 82-83 डॉलर प्रति बैरल के कच्चे तेल भाव के अनुरूप हैं। देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में दिवाली के बाद कोई बदलाव नहीं हुआ है। इससे तेल कंपनियों की रोजाना भारी नुकसान हो रहा है। इसलिए माना जा रहा है कि कि उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव खत्म होने के साथ ही पेट्रोल एवं डीजल की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हो सकती है। अभी दिल्ली में अभी पेट्रोल की कीमत 95.41 रुपये और डीजल की कीमत 86.67 रुपये प्रति लीटर है। इसमें 8 से 10 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो सकता है।
यूक्रेन पर रूस के हमले से 10 रुपए बढ़ सकती है पेट्रोल-डीजल की कीमत
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