मोदी सरकार ने किया कोविड कुप्रबंधन का अपराध

कांग्रेस ने सौंपा ज्ञापन, रोजाना एक करोड़ निशुल्क वैक्सीनेशन की मांग
उमरिया। कांग्रेस ने केन्द्र सरकार पर कोविड से बचाव के इंतजामो मे विफल रहने तथा अपनी जिम्मेदारियों से दूर भागने का आरोप लगाया है। इस मुद्दे पर जिला कांग्रेस कमेटी ने महामहिम राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव को सौंप कर जनता को पूरी तरह निशुल्क तथा रोजाना कम से कम एक करोड़ टीके लगाने की व्यवस्था की मांग की है। इस अवसर पर मप कांग्रेस कमेटी के महासचिव, पूर्व विधायक अजय सिंह, जिलाध्यक्ष राजेश शर्मा, ब्लाक अध्यक्ष अमृतलाल यादव, असंगठित कामगार कांग्रेस के जिलाध्यक्ष निरंजन प्रताप सिंह, रघुनाथ सोनी, ललन सिंह, युवा सेवादल के जिलाध्यक्ष संदीप यादव आदि कांग्रेसजन उपस्थित थे।
वैक्सीन खरीद से बेखबर रही भाजपा सरकार
सौंपे गये ज्ञापन मे कहा गया है कि कोविड-19 ने लगभग हर भारतीय परिवार को अप्रत्याशित तबाही एवं असीम पीड़ा दी है। इससे भी ज्यादा दुख की बात है कि मोदी सरकार ने कोरोना से लडऩे की अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ कर लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया है। केंद्र की भाजपा सरकार कोविड-19 के अपराधिक कुप्रबंधन की दोषी है। उग्र कोविड-19 महामारी से सुरक्षा के लिये वैक्सीनेशन ही एकमात्र उपाय है पंरतु इसमे भी मोदी सरकार ने रणनीतिक भूलेंं की हैं। भाजपा सरकार ने वैक्सीनेशन की योजना बनाने का अपना कर्तव्य ही भुला दिया। इतना ही नहीं समय रहते वैक्सीन की खरीद तक नहीं की, फिर जानबूझकर एक डिजिटल डिवाईड पैदा किया, जिससे वैक्सीनेशन की प्रक्रिया धीमी हो गई। केंद्र की भाजपा सरकार आज तक वैक्सीन की 6.63 खुराक दूसरे देशों को निर्यात कर चुकी है।
स्लैब बनाने मे धांधली
केंद्र सरकार ने विभिन्न कीमतों के स्लैब बनाने मे धांधली कर एक ही वैक्सीन के लिए अलग अलग कीमतें तय कीं, ताकि आम आदमी से आपदा मे लूट की जा सके। जहां अन्य देशों ने मई, 2020 से वैक्सीन खरीदने के ऑर्डर देने शुरू कर दिए थे, वहीं मोदी सरकार ने पहला ऑर्डर जनवरी 2021 मे जाकर दिया। मोदी सरकार ने 140 करोड़ की जनसंख्या के लिए आज तक केवल 39 करोड़ वैक्सीन खुराकों का ऑर्डर दिया है। भारत सरकार के अनुसार 31 मई, 2021 तक केवल 21.31 करोड़ वैक्सीन ही लगाई गईं लेकिन वास्तव मे यह संख्या केवल 4.45 करोड़ है। यह आबादी का केवल 3.17 प्रतिशत है। पिछले 134 दिनों मे वैक्सीनेशन की औसत गति लगभग 16 लाख खुराक प्रतिदिन है। इस गति से देश की पूरी व्यस्क जनसंख्या को वैक्सीन लगाने मे तीन साल से ज्यादा समय लग जाएगा। यदि ऐसे ही चलता रहा, तो देश कोरोना की तीसरी लहर से कैसे बचेगा।
एक वैक्सीन के तीन रेट
सरकार ने वैक्सीन के लिए अलग-अलग कीमतें तय कर मुनाफाखोरी का रास्ता खोल दिया है। सीरम इंस्टीट्यूट की कोवीशील्ड की कीमत मोदी सरकार के लिए 150 रुपये जबकि राज्य सरकारों के लिए 300 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए 600 रुपये तय की गई है। इसी तरह भारत बायोटेक के कोवैक्सीन की दर मोदी सरकार के लिए 150 रुपये, राज्य सरकारों के लिए 600 रुपये और निजी अस्पतालों के लिए 1,200 रुपये है। निजी अस्पताल एक खुराक के लिए 1500 रुपये तक वसूल रहे हैं।

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