मेंटीनेंन्स की आड़ मे अघोषित कटौती
जिले के ग्रामीण अंचलों मे हालात बदतर, फोन भी नहीं उठाते अफसर
उमरिया। जिले मे एक बार फिर अघोषित कटौती का दौर लौटता हुआ दिखाई दे रहा है। विशेषकर ग्रामीण अंचलों मे हालात बदतर हो चले हैं। बताया जाता है कि विभाग द्वारा जानबूझ कर दिन मे कई बार सप्लाई बंद की जाती है, और कारण जानने पर कर्मचारियों का एक ही रटा-रटाया जवाब होता है कि फाल्ट के कारण बिजली बंद है। ग्रामीणो का कहना है कि इन दिनो 24 घंटों मे मात्र 10 या 12 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। जिसकी वजह से बच्चों की पढ़ाई, दुकानदारी और रोजमर्रा के कामकाज बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। वहीं बिजली पर आधारित कारोबार चौपट हो चुका है।
चंदिया के लोग हलाकान
जिले की चंदिया तहसील मे बिजली की कटौती से नागरिक हलाकान हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि तहसील मुख्यालय मे दिन-रात बिजली की आंख-मिचौली चलती रहती है। एक बार जाने के बाद यह कब लौटेगी, इसका कोई ठिकाना नहीं है। शहर के कई इलाकों मे ट्रांसफार्मर या तो खराब हैं, या कमजोर हो चुके हैं। विभाग मे पदस्थ अधिकारी इसे लेकर कोई संतोषजनक जवाब देना तो दूर सीधे मुंह बात तक नहीं करते। बिजली की समस्या के कारण आम जनजीवन और व्यापार ठप्प पड़ गया है। इस मुद्दे पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी मौन हैं, जिससे जनता मे घोर निराशा है।
जहरीले जीव-जंतुओं का खतरा
बारिश के सीजन मे उमस भरी गर्मी से परेशान आम लोगों के लिये बिजली की असमय कटौती किसी सजा से कम नहीं है। वहीं इन दिनो जहरीले जीव जंतु बिलों से निकल कर घरों या खुले स्थानो मे आ जाते हैं। बिजली न होने से रात के समय सांप, बिच्छू आदि खतरनाक जीवों का खतरा बढ़ गया है।
लो-वोल्टेज की समस्या
लोगों के लिये केवल बिजली कटौती ही समस्या नहीं है। हाल ही मे विभाग ने थ्री-फेस की आपूर्ति मे 14 घंटें की कटौती कर दी है। शेष समय सिंगल फेस बिजली दी जा रही है। ग्रामीणो ने बताया कि कटौती के बाद जो बिजली मिल रही है, उसमे भी वोल्टेज की भारी समस्या है। जानकारों का मत है कि जिले मे स्थापित अधिकांश ट्रांसफार्मरों पर लोड क्षमता से दो गुना है। वहीं बिजली की लाईने तथा अन्य उपकरण जर्जर हो चुके हैं, जिससे बार-बार खराबी आ रही है।
मेंटीनेंन्स की आड़ मे अघोषित कटौती
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