मुल्ला अखुंद को PM और अमेरिका के मोस्ट वॉन्टेड हक्कानी को गृह मंत्री बनाया; मुल्ला बरादर डिप्टी PM बने

काबुल। काबुल पर कब्जे के 22 दिन बाद मंगलवार को तालिबान ने अपनी सरकार का ऐलान किया। मुख्य प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी जानकारी दी। मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद को प्रधानमंत्री बनाया गया है। उनके साथ दो डिप्टी प्राइम मिनिस्टर होंगे। तालिबान प्रमुख शेख हिब्दुल्लाह अखुंदजादा सर्वोच्च नेता होंगे जिन्हें अमीर-उल-अफगानिस्तान कहा जाएगा।सरकार का नाम- इस्लामिक अमीरात ऑफ अफगानिस्तान होगा। यह तालिबान की अंतरिम सरकार है। तालिबान का कहना है कि समावेशी सरकार के गठन को लेकर चर्चा चल रही है। कारी फसीहुद्दीन को डिफेंस मिनिस्ट्री में चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ बनाया गया है। उनके नेतृत्व में ही तालिबान ने पंजशीर की लड़ाई लड़ी और जीती है। फसीहुद्दीन ताजिक मूल के प्रमुख तालिबान कमांडर हैं।
भारत को राहत
पिछले दिनों कतर की राजधानी दोहा में भारत और तालिबान के बीच औपचारिक तौर पर पहली बातचीत हुई थी। दोहा में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने तालिबान की पॉलिटिकल विंग के हेड शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनेकजई से मुलाकात की थी। इन्हीं स्टेनेकजई को तालिबान ने उप विदेश मंत्री बनाया है। अब्बास का भारत से पुराना रिश्ता है। वो देहरादून की मिलिट्री एकेडमी में ट्रेनिंग ले चुके है। कुछ वक्त अफगान सेना में रहे और बाद में तालिबान का दामन थाम लिया।
सिर्फ और सिर्फ तालिबान
33 मेंबर्स वाली कैबिनेट में तालिबान कमांडर्स या मजहबी नेताओं के कोई दूसरा चेहरा नजर नहीं आता। किस महिला को मंत्री नहीं बनाया गया है। सरकार के गठन की बातचीत करने वाले पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई को भी किनारे कर दिया गया है। अमेरिका को चैलेंज करने वाले सिराजुद्दीन हक्कानी को होम मिनिस्ट्री दी गई है। वो अमेरिका के मोस्ट वॉन्टेड टेरेरिस्ट लिस्ट में हैं।
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