बांधवभूमि, उमरिया
कलेक्टर डॉ. कृष्ण देव त्रिपाठी ने समय सीमा की साप्ताहिक बैठक मे बताया कि मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान का द्वितीय चरण 10 मई से प्रारंभ होगा, जो 25 मई तक चलेगा। इस अभियान के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों मे शिविर लगाकर आवेदन प्राप्त कर उनका संबंधित अधिकारियों के माध्यम से निराकरण कराया जाएगा। कलेक्टर ने कहा कि इस अवधि मे विभिन्न विभागों मे लंबित सीएम हेल्पलाईन की शिकायतों का शत प्रतिशत निराकरण संतुष्टि पूर्वक किया जाना है। सभी विभाग प्रमुख सीएम हेल्पलाईन की शिकायतें अपने विभाग के मैदानी अमले को सौंप कर अभी से निराकरण कराना सुनिश्चित करें। उन्होने कहा कि शिविर के माध्यम से हितग्राहियों को उनके आवेदन के निराकरण की जानकारी दी जाएगी। बैठक मे अपर कलेक्टर केसी बोपचे, सीईओ जिला पंचायत इला तिवारी, एसडीएम बांधवगढ़ सिद्धार्थ पटेल, संयुक्त कलेक्टर नेहा सोनी, डिप्टी कलेक्टर टीआर नाग सहित अन्य जिला प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।
लाड़ली बहना योजना के प्रगति की समीक्षा
मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के प्रगति की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने जिले की सभी ग्राम पंचायतों तथा नगरीय निकायो के वार्डो मे भरे गये आवेदन पत्रों की सूची प्रिंट कर चस्पा कराने के निर्देश दिए है, जिससे दावा आपत्तियां प्राप्त की जा सके। बैठक मे मुख्य नगर पालिका अधिकारियों द्वारा बताया गया कि निकायो के वार्डो की सूचियां प्रिंट कर ली गई है, जिन्हे वार्डवार चस्पा करने की कार्यवाही की जा रही है। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों मे ग्राम पंचायतवार सूचियां प्रिंट कर उन्हें चस्पा किया जा रहा है।
तौल मे गड़बड़ी करने वाले राशन दुकान के विक्रेता, सह विक्रेता को हटाया
बांधवभूमि, उमरिया
विकास यात्रा के दौरान ग्रामवासियों द्वारा खाद्यान्न कम तौलने की शिकायत पर शासकीय उचित मूल्य दुकान गोपालपुर के विक्रेता एवं सहायक विक्रेता को पद से पृथक कर दिया गया है। कार्यवाही के संबंध मे अनुविभागीय अधिकारी बांधवगढ़ सिद्धार्थ पटेल ने बताया कि शिकायत के बाद उचित मूल्य दुकान के इलेक्ट्रानिक कांटे की जांच के दौरान गड़बड़ी पाई गई। जिसका प्रतिवेदन कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी करकेली एवं नाप तौल निरीक्षक द्वारा प्रस्तुत किया गया। गलत इलेक्ट्रानिक तौल कांटे का उपयोग करते हुए हितग्राहियों को मात्रा से कम खाद्यान्न वितरण करना प्रमाणित पाये जाने पर शासकीय उचित मूल्य दुकान गोपालपुर के विक्रेता व सहायक विक्रेता को पद से पृथक करने के सांथ उन्हे दो हजार रूपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया है।