कोरोना महामारी के सांथ खड़ी हुई नई मुसीबत, यूपी मे हो चुकी कई मौतें
गौतमबुद्ध नगर। देश अभी कोरोना कोरोना महामारी के संकट से उबर भी नहीं पाया है कि जानलेवा ब्लैक फंगस लोगों के सामने नई समस्या खड़ी कर दी है। इसके सांथ ही रेमडेसीविर की तरह ब्लैक फंगस से राहत दिलाने वाली दवाइयां भी अचानक मार्केट से गायब होने लगी हैं। जानकारी के मुताबिक कानपुर और लखनऊ में कुल ३ मरीजों की जान लेने के बाद ब्लैक फंगस ने गौतमबुद्ध नगर में भी दस्तक दे दी है। नोएडा मे अब तक १० मरीज सामने आ चुके हैं। जबकि एक महिला और एक पुरुष की मौत हो चुकी है। हालांकि प्रशासन ने अब तक इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से यहां अब तक कोई ब्लैक फंगस का मरीज सामने नहीं आया है। उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को नोएडा में ६ संक्रिमत मरीजों में ब्लैक फ़ंगस की पुष्टि हुई थी। सभी मरीज यथार्थ अस्पताल में भर्ती हैं। १ महिला मरीज की मौत हो चुकी है। अखबारों में छपी सूचना के आधार पर ४ और केस ब्लैक फंगस के सामने आए हैं, जिसमें से एक शख्स की मौत होने की खबर है। दरअसल कोरोना संक्रमण इलाज के दौरान अधिक मात्रा मे स्टेरॉयड लेने की वजह से ब्लैक फंगस का खतरा बढ़ गया है।
मप्र मे मिले 100 से ज्यादा मरीज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ब्लैक फंगस के उपचार के लिए मध्य प्रदेश के पांच मेडिकल कॉलेज भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, इंदौर और रीवा में विशेष वार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं। कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद अब मरीज ब्लैक फंगस के शिकार हो रहे हैं। अब कोरोना के साथ अब ब्लैक फंगस से जंग की तैयारी शुरु हो गई है। प्रदेश में १०० से ज्यादा मरीज मिलने के बाद अब भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर व रीवा मेडिकल कॉलेज में इसके इलाज के लिए विशेष वार्ड बनेंगे। इस बीमारी के इलाज और बचाव को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को विशेषज्ञों के साथ वर्चुअली की। मुख्यमंत्री ने कहा कि ब्लैक फंगस बीमारी का इलाज सरकार निशुल्क कराएगी। उन्होंने जिलों के के क्राइसिस मैनेजमेंट ग्रुप से कहा है कि वे इस बीमारी की दवां और इंजेक्शन की कालाबाजारी ना हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार एंटी ब्लैक फंगस इंजेक्शन उपलब्ध कराएगी। इसके लिए कई फार्मा कंपनियों से बात चल रही है।
दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करे सरकार: दिग्विजय
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिख कर एंटी ब्लैक फंगस इंजेक्शन की कालाबाजारी होने की आशंका जताई है। उन्होंने कहा है कि मप्र में कोविड के बाद ब्लैक फंगस (म्यूकर मायकोसिस) बीमारी तेजी से फैल रही है। अकेले भोपाल शहर में ही ७० से ज्यादा ब्लैक फंगस के मरीज मिल चुके हैं। अनेक शहरों से ब्लैक फंगस के मरीजों के अस्पताल में भर्ती होने की खबरें आ रही है। इस बीमारी के उपचार के लिये आवश्यक एंटीफंगल इंजेक्शन अचानक बाजार से गायब हो गया है तथा मरीज के परिजन इसे लेने के लिये दवा की दुकानों पर भटक रहे है। जिस तरह से मध्यप्रदेश में कोविड के उपचार हेतु उपयोगी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही है और नकली इंजेक्शन के धंधे में कई लोग शामिल पाये गये है, उससे आशंका उत्पन्न होती है कि कहीं एंटी ब्लैक फंगस इंजेक्शन की भी कालाबाजारी और नकली इंजेक्शन का कारोबार प्रारंभ न हो गया हो। दिग्विजय ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि ब्लैक फंगस के उपचार हेतु जरूरी इंजेक्शन की मरीजों के लिये अस्पतालों के माध्यम से आसानी से उपलब्धता सुनिश्चित कराएं।
हरियाणा ने घोषत की नोटिफाइड बीमारी
उधर हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि ब्लैक फंगस को हरियाणा में एक नोटिफाइड बीमारी घोषित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि रोहतक स्थित पीजीआई के वरिष्ठ डॉक्टर राज्य के सभी डॉक्टरों के साथ कोरोना से निपटने और उसके इलाज के संबंध में एक वीडियो कॉन्फ्रेंस करने वाले है। उन्होंने कहा, ब्लैक फंगस को हरियाणा में नोटिफाइड रोग घोषित किया गया। अब किसी भी ब्लैक फंगस मामले का पता चलने पर डॉक्टर जिले के सीएमओ को रिपोर्ट करें।
मार्केट से गायब हुई ब्लैक फंगस दवा
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