माफियाओं ने काट दिया लाखों का सागौन
फर्जी दस्तावेजों की मदद से काले को सफेद करने की हो रही साजिश
उमरिया। सामान्य वन मण्डल के नौरोजाबाद परिक्षेत्र मे बेशकीमती इमरती लकडिय़ों की तस्करी का गौरखधंधा यूं तो वर्षो से चल रहा है, परंतु माफियाओं ने अब इसे कानूनी तरीके से अंजाम देने का जुगाड़ तलाश लिया है। इसके लिये पहले तो निजी भूमि पर लगे पेड़ों को काटने की अनुमति ली जाती है, फिर उसके सांथ अगल-बगल की वनभूमि मे लगे पेड़ों पर भी हांथ साफ कर दिया जाता है। इस पूरे खेल मे राजस्व तथा वन अमले के अलावा क्षेत्र के कुख्यात वन माफिया भी शामिल हैं। ऐसा ही एक मामला परिक्षेत्र के गांव मोहनी मे सामने आया है जहां एक व्यक्ति ने अपने तीन भाईयों की सहमति के बगैर उनकी जमीन पर लगे सागौन के पेड़ काटने की अनुमति ले ली, फिर आसपास की वनभूमि पर खड़े दर्जनो पेड़ों को धराशाई कर दिया। इस मामले मे कमिश्नर से लेकर डीएफओ तक कई बार लिखित शिकायतें किये जाने के बावजूद आज तक कोई कार्यवाही की गई है।
फर्जीवाड़े को शह दे रहे अधिकारी
पीडि़त हृदयलाल, मुनीम प्रसाद और रामप्रताप का कहना है कि ग्राम मोहनी मे साहब प्रसाद और उनकी कुल मिला कर करीब सवा तीन एकड़ जमीन पर 10 सागौन के पेड़ लगे हुए थे। जिन्हे काटने की अनुमति साहब प्रसाद द्वारा बगैर उनकी सहमति के ले ली गई। जिसके बाद जमीन पर लगे सभी पेड़ काट दिये गये। इस फर्जीवाड़े की जांच की बजाय वन विभाग के अधिकारी उलटे आरोपी की मदद कर रहे हैं। इतना ही नहीं अवैध सागौन की लकड़ी पर हेमर तक लगा दिये गये हैं। उनका कहना है कि उक्त सागौन चारों भाईयों का है, अत: उसका भुगतान भी सभी को होना चाहिये।
बीटगार्ड दे रहा धमकी
क्षेत्र मे वन माफियाओं का कितना प्रभाव है, यह जंगल की सुरक्षा मे तैनात कर्मचारियों की हरकतों से समझा जा सकता है। जब पीडि़त पक्ष इस मामले की शिकायत करने पहुंचा तो बीटगार्ड आरोपियों को छोड़ शिकायतकर्ताओं पर ही पिल पड़े। उसने इन लोगों के सांथ अभद्रता की और जान से मारने की धमकियां दीं।
इलाके का वीरप्पन है रोहणी
पिछले कुछ वर्षो से नौरोजाबाद परिक्षेत्र लकड़ी की तस्करी का गढ़ बना हुआ है। बड़े पैमाने पर हो रही वनो की कटाई के कारण एक समय इमरती के वृक्षों से गुलजार रहा यह जंगल अब ठूठों के मैदान मे तब्दील हो गया है। वैसे तो कई तस्कर इस अवैध कारोबार मे लिप्त हैं, परंतु इस समय रोहणी महरा इस इलाके वीरप्पन बना हुआ है। बताया जाता है कि रोहणी को राजनैतिक संरक्षण भी हांसिल है, जिसकी वजह से वन विभाग के अधिकारी भी इस गोरखधंधे मे भागीदार बन गये हैं। मोहनी मे साहब प्रसाद ने रोहणी के सांथ मिल कर अपने भाईयों की खेत मे लगे सागौन को हथिया लिया है।
अनुमति पर भी उठ रहे सवाल
साहब सिंह द्वारा ली गई अनुमति भी सवालों के घेरे मे है। बताया जाता है कि उसके द्वारा जिस जमीन की अनुमति मांगी गई, उसके खसरे मे पेड़ दर्शाये ही नहीं गये हैं। इसके बाद भी पटवारी, आरआई एवं तहसीलदार द्वारा राजनैतिक दबाव मे प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया। जिस के आधार पर उसे अनुमति भी मिल गई।
करायेंगे जांच
मोहनी मे सागौन के वृक्षों को काटे जाने के मामले की जांच कर दोषी पाये जाने पर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।
मोहित सूद
वनमण्डलाधिकारी, उमरिया
माफियाओं ने काट दिया लाखों का सागौन
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