मानसून के बीच होंगे चुनाव, खरीफ की तैयारी मे जुटे किसान

 एक लाख 853 हेक्टेयर भूमि पर होगी बोनी
उमरिया। बड़ी मुश्किल से होने वाले पंचायत चुनाव पर मानसून का पूरा प्रभाव रहेगा। पिछले 1 सप्ताह से आसमान पर छाए हुए बादल कहीं ना कहीं बूंदाबांदी कर रहे हैं और किसान खरीफ की फसल की तैयारी मे जुट गए हैं और खेत तैयार किए जाने लगे हैं। इसी के साथ धान की नर्सरी और दूसरी फसलों की बोनी की तैयारी भी होने लगी है। मानसून लगभग आने ही वाला है और इस बीच होने वाले चुनाव मे मानसून की वजह से मतदान निश्चित तौर पर प्रभावित होगा, इससे इनकार नहीं किया जा सकता।
खेती किसानी का काम शुरू
चुनाव के दौरान जिले का लगभग सवा लाख किसान और उनका परिवार खेती किसानी से जुड़े काम मे व्यस्त रहेंगे। इनमें से कितने परिवार के लोग चुनाव और मतदान मे हिस्सा लेते हैं यह मतगणना के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा। 25 जून के पहले अगर अच्छी बारिश हो जाती है तो किसानों का पूरा ध्यान खेती मे ही रहेगा। तब प्रत्याशियों को उनकी ज्यादा मिन्नतें करनी होगी तब कहीं जाकर वे वोट जुगाड़ पाएंगे। कृषि विभाग के लक्ष्य के अनुसार उमरिया जिले के तीनों जनपद क्षेत्रों मे एक लाख 853 हेक्टेयर जमीन पर खरीफ की फसल बोई जाएगी। इसमें धान, अरहर, मक्का, कोदो और सोयाबीन शामिल है। जिले मे मूल रूप से धान की फसल ही होती है लेकिन मक्का और अरहर का रकबा भी अच्छा खासा है। हालांकि खरीफ का रकबा पिछले वर्ष की अपेक्षा बढ़ गया है लेकिन धान के रकबे मे कमी आई है।
घट गया धान का रकबा
उमरिया जिले मे कृषि विभाग के लक्ष्य के अनुसार इस बार धान का रकबा थोड़ा सा कम हुआ है। पहले उमरिया जिले मे 76600 हेक्टेयर भूमि पर धान की फसल बोई जाती थी लेकिन इस बार का लक्ष्य 72000 हेक्टेयर है। यानी 4600 हेक्टेयर धान का रकबा कम हो गया है। इसकी कोई स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है लेकिन कहा जा रहा है कि किसानों ने अन्य फसलों की तरफ ध्यान देना शुरू कर दिया है जिसकी वजह से धान की फसल का रकबा घट गया है।
दलहन का रकबा बढ़ा
उमरिया जिले मे दलहन का रकबा बढ़ा है और इस वर्ष 9700 हेक्टेयर भूमि पर अरहर की खेती होने की संभावना जताई जा रही है। इससे पहले लगभग 8000 हेक्टेयर भूमि पर ही अरहर की फसल होती थी। अरहर के अलावा कोदो-कुटकी की खेती की तरफ भी किसान ध्यान दे रहे हैं और यही कारण है कि उमरिया जिले मे लगभग साढ़े 6000 हेक्टेयर भूमि पर कोदो और कुटकी की खेती होने की संभावना है। मक्का की खेती भी लगभग 6000 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि पर होगी। तिल की खेती साढ़े सात हजार हेक्टेयर भूमि पर होने की संभावना कृषि विभाग ने जताई है। कृषि विभाग के संभावित लक्ष्य के अनुसार उमरिया जिले मे कुल एक लाख 853 हेक्टेयर भूमि पर खरीफ की फसल होगी।
चुनाव के लिए खाद की स्टॉक
पंचायत के चुनाव है इसलिए इस बार खाद का अच्छा खासा स्टाक भी करने की जानकारी सामने आ रही है। बताया गया है कि जिले मे सभी तरह की खाद पर्याप्त मात्रा मे उपलब्ध है। जिले मे 16 सौ एमपी से ज्यादा यूरिया का स्टॉक है। इसके अलावा अन्य खाद भी पर्याप्त मात्रा मे उपलब्ध बताई जा रही है। उप संचालक कृषि खेलावन डेहरिया का कहना है कि जिले मे खाद का पर्याप्त स्टॉक किया गया है और किसानों से कहा गया है कि वे जल्द से जल्द खाद उठाव कर लें जिससे उन्हें बाद मे किसी तरह की समस्या उत्पन्न ना हो।

Advertisements
Advertisements

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *