महाकाल मंदिर विस्तारीकरण के लोकार्पण मे आ सकते है पीएम मोदी

सीएम शिवराज ने मिलकर दिया न्योता
भोपाल । मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गुरुवार शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। यह इस वर्ष की उनकी पहली वन-टू-वन मुलाकात रही। मुलाकात के बाद शिवराज ने कहा कि केन-बेतवा नदियों को जोड़ने की योजना के लिए बजट में प्रावधान के लिए मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का आभार माना। उन्हें इस परियोजना के भूमिपूजन में शामिल होने का अनुरोध किया। साथ ही उज्जैन में महाकाल मंदिर के विस्तार की परियोजना के लोकार्पण करने का भी आग्रह किया।  मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि केन-बेतवा को जोड़ने के काम के लिए 44 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि स्वीकृत हुई है। इन दोनों नदियों को जोड़ने से बांध बनेंगे। 10 लाख हैक्टेयर जमीन की सिंचाई हो सकेगी। करीब 50 लाख लोगों को पीने का पानी मिलेगा। मध्य प्रदेश के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में पड़ने वाले बुंदेलखंड को भी इसका लाभ मिलेगा। इस प्रोजेक्ट को लेकर बुंदेलखंड के लोगों में खुशी की लहर है। मैंने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि वे भूमिपूजन के कार्यक्रम में जरूर पधारें।

मप्र के प्रोजेक्ट्स के लोकार्पण का आमंत्रण
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने प्रधानमंत्री को मध्य प्रदेश में चल रहे प्रोजेक्ट्स की जानकारी भी दी। उज्जैन में महाकालेश्वर परिसर का विस्तार हो रहा है। उसका काम भी पूरा हो रहा है। अप्रैल तक काम पूरा होने की उम्मीद है। मैंने पीएम से महाकाल परिसर के विस्तार का लोकार्पण करने का अनुरोध किया है। इसी तरह इंदौर में हमने पीएम की प्रेरणा को आधार बनाकर वेस्ट टू वेल्थ मंत्र अपनाया है। इसके तहत हमने गीले कचरे से सीएनजी बनाने का प्लांट लगाया है। इसमें लगभग 17 हजार 500 किलो सीएनजी बनेगी। 550 मीट्रिक टन कचरे का निपटान होगा। हमने पीएम से इस प्लांट के लोकार्पण करने का आग्रह किया है। इसी तरह हमने स्व सहायता समूहों को पोषण आहार योजना की जिम्मेदारी दी है। इसके लिए सात प्लांट लगाए जाएंगे। इसका लोकार्पण भी हम प्रधानमंत्री से कराना चाहते हैं।

योजनाओं की जानकारी भी दी
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री को मध्य प्रदेश में चल रही अनेक योजनाओं की जानकारी भी दी। हमने तय किया है कि प्रदेश के हर गांव और शहर में एक दिन ऐसा हो, जब देश-दुनिया से लोग वहां आए और गांव की गतिविधियों में भाग लें। इससे उन लोगों को अपनी जड़ों से जोड़ने में मदद मिलेगी।
प्राकृतिक खेती का अभियान
शिवराज ने कहा कि जिस तरह गंगा नदी के आसपास प्राकृतिक खेती का अभियान केंद्र सरकार ने चलाया है, उसी तरह हम भी मध्य प्रदेश में चला रहे हैं। हमने तय किया है कि नर्मदा के दोनों तटों पर 5-5 किमी तक प्राकृतिक खेती की जाए। रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल कम से कम किया जाए। इससे धरती के स्वास्थ्य की भी रक्षा हम कर सकेंगे।

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