मंहगाई की पिसाई चालू आहे
बढते जा रहे तेल, दाल, सब्जियों के दाम, गरीब और मध्यमवर्ग की रसोई हुई मुश्किल
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
घटती कमाई के सांथ आम उपयोग मे आने वाली चीजों की बढती कीमतों से जूझ रहे आम आदमी की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बिजली, कपडा और निर्माण सामग्री के बाद अब किराना वस्तुओं के आसमान छूते दामो ने लोगों के सामने नई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। बीते एक सप्ताह मे सिर्फ तेलों के दाम मे कम से कम दस प्रतिशत की वृद्धि हो चुकी है। जबकि दाल, आटा भी बढ़ते क्रम मे है। बताया गया है कि कुकिंग आयल मे बढोत्तरी का दौर आम बजट के बाद से लगातार जारी है। परचून व्यवसाय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक बजट से पहले 15 किलो रिफाईन तथा राई का तेल 1700 रूपये के आसपास था, जो बजट के बाद एकदम से 1900 रूपये पर जा पहुंचा। पिछले एक सप्ताह मे रिफाईन का टीन 2250 तथा राई का तेल 2100 रूपये हो गया है। वर्षो तक सादगी और गरीबों की साथी रही दाल तो आम आदमी की पहुंच से पूरी तरह दूर ही हो गई है। हाल यह है कि मार्केट मे चने और मसूर की दाल ही 90 रूपये किलो है। वहीं अरहर का खण्डा 80 रूपये और पटका 160 रूपये प्रति किलो है।
फुटकर बाजार मे 15 रूपये तेज सब्जियां
इसके अलावा सब्जियों के दामों मे भी तेजी बनी हुई है। लहसुन-प्याज और आलू तो आम आदमी की पहुंच से बाहर ही हो गया है। जिले की थोक मण्डी में आलू 26 से 28 रुपए तो प्याज 1 महीने 60 रुपए किलो पहुंच गया है। फुटकर बाजार मे यह करीब 12 से 15 रूपये प्रति किलो तेज बिक रहा है। स्कूल खुलते ही गृहणियों को बच्चों के लिए टिफिन देने की मशक्कत भी शुरू होती है। इस बार महंगी सब्जी और खासकर आलू के दाम खुदरा मे 40 रूपए या इससे ज्यादा होने से विशेषकर गरीब और मध्यम वर्ग को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
खरीददारी मे हुई कटौती
सब्जी और किराने के दाम बढऩे का असर सीधे घर के बजट पर पडता दिखाई दे रहा है। कई परिवारों के लिये तय राशि पर घर चुलाना मुश्किल हो गया है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव गरीब व मध्यमवर्गीय परिवारों पर पड़ रहा है। कई परिवारों ने तो राशन के अलावा अन्य सामग्री मे कटौती करना शुरू कर दी है। पहले जिन घरों मे दो लीटर दूध आ रहा था, वहां अब एक लीटर मे ही काम चलाया जा रहा है। उनका कहना है कि पिछले एक महीने में रिफाइंड, नारियल, दाल, आटा तथा बेसन की कीमतों मे बेतहाशा बढ़ोत्तरी हुई है। जिसकी वजह से उनका पूरा बजट बिगड़ गया है।
श्राद्ध पक्ष मे समस्या
उल्लेखनीय है कि इन दिनो श्राद्ध पक्ष चल रहा है। इस दौरान हर परिवार मे भोज इत्यादि कार्यक्रम होते हैं। जिनमे हरी सब्जियों का उपयोग ज्यादा होता है। ऐसे समय मे तरकारी पर मंहगाई के तडक़े ने लोगों को परेशान कर दिया है। सब्जियों के दाम बढने की वजह बारिश को भी बताया जा रहा है। किसानो का कहना है कि अगस्त के बाद सितंबर के महीने मे भी लगातार हुई बारिश से सब्जियों के पौधे खराब हुए हैं। सीमित आवक के कारण दामों मे तेजी है। वहीं धनिया और मेथी नासिक से ही मंहगी आ रही है। बीते दिन बाजार मे मेथी 150 रुपए किलो, हरा धनिया 300 रुपए किलो, करेला 60, गिलकी 40 से 50 रूपए, टमाटर 60 से 70 रूपए बिक रहे है।