-महाराष्ट्र के विरार के कोविड सेंटर में लगी आग
-जबलपुर में 5, दिल्ली में 25 की टूटी सांस, विरार के आईसीयू में 14 जलकर खाक
-हॉस्पिटल स्टाफ भाग गया..रात 2 बजे पुलिस वालों ने रास्ते से गाड़ी -रुकवाई और ऑक्सीजन सिलेंडर ढ़ोकर वार्डों तक लाए, 60 जानें बचाईं
भोपाल/जबलपुर/भोपाल/नई दिल्ली/ मुंबई। देश में कोरोना संक्रमण रूकने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं ऑक्सीजन की कमी और अस्पतालों में आग लगने के कारण लोग असमय मौत के गाल में समा रहे हैं। मप्र के जबलपुर के गैलेक्सी अस्पताल में गुरुवार रात 5 कोविड मरीजों की ऑक्सीजन नहीं मिलने की वजह से मौत हो गई। वहीं दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के डायरेक्टर (मेडिकल) ने शुक्रवार सुबह करीब 8.30 बजे कहा था कि पिछले 24 घंटे में 25 मरीजों की मौत हो चुकी है। उधर महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार वेस्ट में स्थित विजय वल्लभ कोविड सेंटर के आईसीयू में आग लगने से 14 मरीजों की मौत हो गई है।
एक तरफ केंद्र और राज्य सरकार ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं होने का राग अलाप रही हैं, वहीं देशभर के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण होने मौतों का सिलसिला रूक नहीं रहा है।
गंगाराम अस्पताल में ऑक्सीजन इमरजेंसी
देश में कोरोना की दूसरी लहर के बीच ऑक्सीजन की कमी एक बड़ी चुनौती बन गई है। दिल्ली में हालात काफी खराब हैं। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के डायरेक्टर (मेडिकल) ने शुक्रवार सुबह करीब 8.30 बजे कहा था कि पिछले 24 घंटे में 25 मरीजों की मौत हो चुकी है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगले 2 घंटे में ऑक्सीजन खत्म हो जाएगी। वेंटिलेटर और बाइपैप भी सही से काम नहीं कर रहे हैं। ऐसे में ऑक्सीजन एयरलिफ्ट करने की तुंरत जरूरत है। क्योंकि 60 और मरीजों की जान खतरे में हैं। इसके बाद करीब 9.45 बजे अस्पताल में ऑक्सीजन टैंकर पहुंच गया।
देवदूत बनकर आए पुलिस जवान
मप्र में ऑक्सीजन की कमी से मौतों का सिलसिला रुक नहीं रहा है। जबलपुर में 8 दिन में दूसरी बार ऐसी घटना हुई है। यहां के उखरी रोड पर स्थित गैलेक्सी अस्पताल में गुरुवार रात 5 कोविड मरीजों की ऑक्सीजन नहीं मिलने की वजह से मौत हो गई। इससे भी शर्मनाक बात ये है कि जब मरीज ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने पर तड़प रहे थे तो ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर और स्टाफ अस्पताल छोड़कर भाग गए। इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर आनन-फानन में मोर्चा संभाला। गैलेक्सी अस्पताल में 60 कोविड संक्रमितों के लिए पुलिस किसी भगवान से कम नहीं थी। पुलिसकर्मियों ने कंधे पर सिलेंडर रखकर वार्ड तक पहुंचाया। नहीं तो 60 लोगों की जिंदगी दांव पर लग गई थी। गैलेक्सी हॉस्पिटल में कुल 65 कोविड संक्रमित भर्ती थे। इसमें 31 ऑक्सीजन पर थे और आईसीयू में कुल 34 मरीज भर्ती थे। ऑक्सीजन की कमी से दम तोडऩे वाले महाराजपुर पटेल नगर के अमित कुमार शर्मा (42) के परिजन का कहना है कि चार दिन पहले अमित को भर्ती कराया था, क्योंकि उनका ऑक्सीजन लेवल काफी कम हो गया था। वे ऑक्सीजन सपोर्ट पर थे, लेकिन गुरुवार रात डेढ़ बजे अचानक ऑक्सीजन खत्म हो गई। जिससे आईसीयू में भर्ती अमित कुमार, गाडरवारा नरसिंहपुर निवासी 65 वर्षीय गोमती राय, नरसिंहपुर निवासी विमला तिवारी (48), छिंदवाड़ा निवासी आनंद शर्मा और विजय नगर के अग्रसेन वार्ड निवासी देवेंद्र कुमार (58) ने भी तड़प-तड़प कर दम तोड़ दिया।
गाड़ी पंक्चर होने से ऑक्सीजन पहुंचने में देरी हुई
वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि जो गाड़ी ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर चली थी, वह रास्ते में पंचर हो गई, इसलिए समय पर ऑक्सीजन सिलेंडर अस्पताल नहीं पहुंच पाए। सीएमएचओ ने बताया कि मामले की जांच के लिए टीम बना दी गई है। अगर ऑक्सीजन सप्लाई रुकने से और लापरवाही से मरीजों की मौत की के सबूत मिलेंगे तो अस्पताल का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा। ऑक्सीजन सिलेंडर प्रभारी एसडीएम अनुराग तिवारी के मुताबिक गलैक्सी हॉस्पिटल के ऑक्सीजन डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम की गड़बड़ी की वजह से मरीजों की मौतें हुई हैं। माइक्रो सिलेंडर खराब होने से 20 मिनट ऑक्सीजन सप्लाई रुक गई थी। हालांकि एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने बताया कि पुलिस टीम भेजकर अधारताल से ऑक्सीजन सिलेंडर मंगवाया गया। तब वहां भर्ती मरीजों को राहत मिल पाई थी।
विरार के आईसीयू में भर्ती 14 मरीजों की मौत
महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार वेस्ट में स्थित विजय वल्लभ कोविड सेंटर के आईसीयू में आग लगने से 14 मरीजों की मौत हो गई है। इनमें 4 महिलाएं शामिल हैं। हादसे के वक्त आईसीयू में 15 मरीज थे और पूरे अस्पताल में 90 मरीज भर्ती थे। इनमें से ऑक्सीजन सपोर्ट वाले 21 मरीजों को दूसरे अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। आग लगने की घटना शुक्रवार तड़के 3 बजकर 25 मिनट की है। आग पर एक घंटे के अंदर काबू पा लिया गया। आग लगने की वजह आईसीयू में शॉर्ट सर्किट होना बताया जा रहा है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
आग लगने पर स्टाफ मरीजों को छोड़कर भाग गया
मरीजों के परिजन का आरोप है कि जब आग लगी तब हॉस्पिटल का स्टाफ मरीजों को अंदर छोड़कर बाहर भाग आया था। ऐसे में उन्होंने (परिजन) खुद अंदर जाकर मरीजों को बाहर निकालने की कोशिश की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विरार की घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा है कि हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति गहरी संवेदना है। घायलों के जल्द स्वस्थ्य होने की कामना करता हूं। वहीं, प्रधानमंत्री राहत कोष से मृतकों के परिजन को 2-2 लाख रुपए देने की घोषणा की है। गंभीर रूप से झुलसे लोगों को 50-50 हजार रुपए दिए जाएंगे। वहीं, महाराष्ट्र के मंत्री एकनाथ शिंद ने कहा है कि जो भी जिम्मेदार हैं उन पर कार्रवाई जाएगी। महाराष्ट्र सरकार ने मृतकों के परिजन को 5- 5 लाख रुपए की मदद देने घोषणा की है।
दो दिन पहले ही नासिक में हुआ था हादसा
महाराष्ट्र के नासिक में भी बुधवार को सरकारी अस्पताल में बड़ा हादसा हो गया था। यहां नगर निगम के जाकिर हुसैन अस्पताल में ऑक्सीजन टैंक लीक हो गया। इसे रिपेयर करने में 30 मिनट का वक्त लगा और इतनी देर ऑक्सीजन सप्लाई रोक दी गई। इसके चलते 24 मरीजों की मौत हो गई थी। जिस वक्त ऑक्सीजन सप्लाई रोकी गई, उस वक्त 171 मरीज ऑक्सीजन पर और 67 मरीज वेंटिलेटर पर थे।
सांसें देने के लिए सेना ने संभाला मोर्चा
देश में कोरोना के कारण बिगड़ते हालात को देखते हुए ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर अब भारतीय वायु सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। इसी कड़ी में शुक्रवार दोपहर करीब 3.20 बजे वायु सेना का एक विमान जामनगर से ऑक्सीजन कंटेनर लेकर इंदौर एयरपोर्ट पर पहुंचा। इंदौर के साथ ही अन्य जगहों पर भी वायुसेना के विमान ऑक्सीजन कंटेनर्स को पहुंचाने का काम कर रहे हैं। इंदौर में ऑक्सीजन की मांग हर दिन 100-110 टन पर पहुंच गई है। आपूर्ति केवल 75-80 टन के करीब है, जो मांग से 25-30 फीसदी कम है। इसके चलते हर दो-दो घंटे में ऑक्सीजन खत्म होने का संकट खड़ा हो रहा है। वहीं, रेमडेसिविर इंजेक्शन की हालत तो और भी खराब है। इंदौर को औसतन हर दिन दो हजार रेमडेसिविर मुश्किल से मिल रहे हैं और जरूरत छह हजार प्रतिदिन की है। मांग से 70 फीसदी कम इंजेक्शन मिल रहे हैं।
24 घंटे में रिकॉर्ड 3.32 लाख नए मरीज मिले
देश में कोरोना की रफ्तार कम होने का नाम नहीं ले रही है। हर रोज आंकड़ों के नए रिकॉर्ड बन रहे हैं। पिछले 24 घंटे के अंदर अब तक के सबसे ज्यादा नए मरीज मिले हैं। इस दौरान 3 लाख 32 हजार 320 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। ये लगातार दूसरा दिन है जब देश में एक दिन के अंदर तीन लाख से ज्यादा मरीजों की पहचान हुई है। इससे पहले बुधवार को 3.15 लाख लोग संक्रमित पाए गए थे। दूसरी चिंता की बात ये भी है कि मौतों की संख्या में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज हो रही है। गुरुवार को एक दिन के अंदर 2,256 मरीजों ने दम तोड़ दिया। कोरोना से एक दिन के अंदर मरने वालों का यह आंकड़ा सबसे ज्यादा है। इससे पहले बुधवार को 2,101 और मंगलवार को 2,021 मौतें हुई थीं। इस मामले में अब भारत दुनिया में पहले नंबर पर पहुंच गया है। मतलब हमारे यहां दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा मौतें हो रही हैं। ब्राजील अब दूसरे नंबर पर है।
एक्टिव मरीजों का आंकड़ा अब 25 लाख के पार होगा
देश में एक्टिव केस यानी ऐसे मरीज जिनका इलाज चल रहा है, उनकी संख्या आज 25 लाख के पार हो जाएगी। पिछले 24 घंटे में ऐसे मरीजों की संख्या रिकॉर्ड 1 लाख 37 हजार 671 बढ़ी है। इससे पहले बुधवार को एक दिन के अंदर सबसे ज्यादा 1.34 लाख एक्टिव केस बढ़े थे। अब देश में ऐसे मरीजों की संख्या 24 लाख 22 हजार 80 हो गई है।