केंद्र के बाद अब शिवराज सरकार ने लिया फैसला
भोपाल। केंद्र सरकार ने इस साल सीबीएसई 12वीं की परीक्षा भी रद्द कर दी है। इसके बाद मप्र बोर्ड 12 वीं की परीक्षा भी रद्द कर दी गई है । इससे पहले दसवीं की परीक्षा भी रद हो गई थी। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मप्र में 12वीं बोर्ड की परीक्षा इस वर्ष आयोजित नहीं की जाएगी। बच्चों की जिंदगी हमारे लिये अनमोल है, करियर की चिंता हम बाद में कर लेंगे। ऐसे समय जब पूरा देश और प्रदेश कोरोना का संकट झेल रहा है तब बच्चों पर परीक्षाओं का मानसिक बोझ डालना उचित नहीं है।
अब बारहवीं की परीक्षा रद्द होने फैसले को लेकर शिक्षाविदों का मानना था कि परीक्षा करियर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है, इसलिए इसे रद नहीं करना चाहिए। वहीं सीबीएसई बारहवीं के विद्यार्थियों का कहना है कि परीक्षा कैंसिल होना सही फैसला है, लेकिन ऑनलाइन परीक्षा लेकर तब रिजल्ट तैयार होना चाहिए। बता दें, कि राजधानी में 96 सीबीएसई स्कूलों के एक लाख 30 हजार विद्यार्थी बारहवीं परीक्षा में शामिल होने वाले थे। परीक्षा को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई थी।
सरकार ने यह तैयारी की थी सब धरी रह गई
पहले यह तय किया था कि सामान्य परिस्थिति होने पर ही परीक्षा कराएंगे। 12वीं की परीक्षा को लेकर 5 जून के बाद एक बैठक होगी, जिसमें कोरोना संक्रमण की समीक्षा करेंगे। स्टूडेंट्स को तैयारी का मौका देने के लिए परीक्षा की घोषणा 20 दिन पहले की जाएगी ताकि हड़बड़ी ना मचे। सभी पेपर्स 15 दिन की समयावधि में ही करा लिए जाएंगे, यानी लंबा नहीं खींचेंगे। परीक्षाएं कराने और रिजल्ट घोषित करने में लगभग 80 दिन लगेंगे। अब ऐसा कुछ नहीं होगा।
पहले परीक्षा कराने सहमत थी सरकार
केंद्र सरकार ने 12वीं बोर्ड परीक्षा के लिए दो विकल्पों पर राय मांगी थी। इसके लिए केंद्र ने दो विकल्प दिए थे। पहला- मुख्य विषयों की परीक्षा ले ली जाए। यह पेपर 3 घंटे का होगा। इन विषयों में मिले अंक और शेष विषयों के छह माही परीक्षा में मिले अंकों के आधार पर रिजल्ट घोषित किया जाए। दूसरा- सभी विषयों के पेपर हों जो डेढ़-डेढ़ घंटे के होंगे। मप्र सरकार पहले विकल्प पर जाने की तैयारी कर ली थी। यानी मुख्य विषयों की परीक्षा पर सहमत थी।
मप्र में भी 12 वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द
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