माता लक्ष्मी देंगी वैभव का वरदान
सुख, समृद्धि और एश्वर्य का प्रतीक पावन पर्व दीपावली कल
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
सुख, समृद्धि और ऐश्वर्य का प्रतीक आलोक पर्व दीपावली कल उल्लास के सांथ मनाई जाएगी। शाम ढलते ही घर, आंगन दीपमालिकाओं की रोशनी से दमक उठेंगे। पटाखे, फुलझडिय़ां जलेंगी। आकर्षक सजावट, धूप और कपूर की महक के बीच माता महालक्ष्मी के आगमन की धूम होगी। मंदिरों और घरों मे लक्ष्मी-गणेश की विधि-विधान से पूजा, अर्चना कर समृद्धि और खुशहाली की कामना की जाएगी। रात्रि के समय ग्वाल घर-घर लोगों को जगायेंगे और इसी के साथ 11 दिनों तक चलने वाले ग्वाल नृत्य की शुरूआत हो जाएगी।
उदया काल तिथि और मुहूर्त
हिंदू धर्म मे ज्यादातर पर्व और त्यौहार के तिथियों की गणना उदया तिथि के आधार पर की जाती है। उदया तिथि उसे कहते हैं जब सूर्योदय के समय जो तिथि व्याप्त होती है। यानी कोई तिथि सूर्योदय के समय के बाद 3 प्रहर तक रहती है तो उसे उदया तिथि कहते हैं। कार्तिक अमावस्या की उदया तिथि 01 नवंबर को सूर्योदय के बाद 3 प्रहर तक रहेगी। यानी 01 नवंबर को अमावस्या तिथि मे प्रदोष काल भी रहेगा। यानी 01 नवंबर को लक्ष्मी पूजन करना कुछ विद्वान उचित मान रहे हैं। कुछ विद्वानों का मत है कि 01 नवंबर को दिवाली चतुर्दशी से युक्त अमावस्या से ज्यादा अच्छा प्रतिपदा से युक्त अमावस्या होती है। इसलिए 01 नवंबर को दीपावली मनाई जानी चाहिए।
अधिकांश विद्वानो का मत-31 को मनायें पर्व
ज्योतिष और धर्म शास्त्रों के ज्यादातर विद्वानों का मनाना है कि दिवाली की पूजा और दीपदान हमेशा अमावस्या की रात्रि को ही किया जाता है। इसलिए दिवाली 31 अक्टूबर को मनाया जाना चाहिए न कि 01 नवंबर को। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान राम का स्वागत कार्तिक कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की रात्रि को दीपक जलाकर किया गया था। इसके अलावा मां लक्ष्मी अमावस्या की रात्रि को ही पृथ्वी पर भ्रमण करती हैं, इसलिए दिवाली 31 अक्टूूबर को ही मनाना सही होगा। 01 नवंबर को प्रदोष काल सवा तीन मुहूर्त से आगे नहीं है और इस दिन न तो निशीथ काल का मुहूर्त मिल रहा है न ही पूरा प्रदोष काल। साथ ही स्थिर लग्न भी नहीं है। इसलिए दीवाली 31 अक्टूबर को मनाना मुहूर्त और शास्त्र सम्मत है।
31 अक्टूबर को शुभ मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – 06.45 से 08.30 तक
अवधि – 01 घण्टे 45 मिनट
प्रदोष काल – 05.48 से 08.21
वृषभ काल – 06.35 से 08.33
01 नवंबर को शुभ मुहूर्त
लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – 05.36 से 06.16
अवधि – 00 घण्टे 41 मिनट
प्रदोष काल – 05.36 से 08.11
वृषभ काल – 06.20 से 08.15