मणिपुर में थम नहीं रही हिंसा, इंफाल में भीड़ और सेना के बीच फायरिंग

गृह मंत्री अमित शाह ने 24 जून को बुलाई सर्वदलीय बैठक, मणिपुर में लगाया जा सकता है राष्ट्रपति शासन
नई दिल्ली। मणिपुर में 3 मई से शुरू हुई हिंसा के 50 दिन पूरे हो गए हैं, लेकिन हालात खराब बने हुए हैं। यहां रोजाना ही फायरिंग या ब्लास्ट की घटनाएं हो रही हैं। मणिपुर में बिगड़ रहे हालातों को लेकर केंद्र सरकार एक्शन मोड में आते हुए दिख रही है। मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर केंद्र सरकार अब सभी पार्टियों के साथ चर्चा करना चाहती है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में 24 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में मणिपुर में हो रही हिंसा के मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। राज्य में जनजातीय हिंसा की वजह से अब तक 110 लोगों की मौत हो चुकी है। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह नई दिल्ली में 24 जून 3 बजे सर्वदलीय बैठक करेंगे, जिसमें मणिपुर के हालातों पर चर्चा की जाएगी। इस बैठक का ऐलान ऐसे समय पर हुआ है, जब असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने नई दिल्ली में गृह मंत्री से मुलाकात की है। हिमंत बिस्वा सरमा एनडीए के पूर्वोत्तर संगठन नॉर्थ-ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस के संयोजक हैं। उन्होंने 10 जून को राज्य का दौरा भी किया था।
बैठक में कई मुद्दों पर होगी चर्चा
मिली जानकारी के मुताबिक, गृह मंत्री अमित शाह सभी पार्टियों के नेताओं के साथ संसद की लाइब्रेरी बिल्डिंग में मुलाकात करने वाले हैं। इसमें विपक्षी नेताओं और सहयोगियों को राज्य के वर्तमान हालात की जानकारी दी जाएगी। ये भी बताया जाएगा कि अब तक क्या-क्या कदम उठाए गए हैं और आने वाले दिनों में क्या-क्या कदम उठाए जाएंगे। बताया गया है कि सीआरपीएफ डीजी सुजॉय लाल थाओसेन ने भी कुछ दिन पहले मणिपुर का दौरा किया। इस दौरान उन्होंने सुरक्षाकर्मियों से मुलाकात की। उन्होंने उन कदमों पर भी चर्चा की, जिनके जरिए हालात को काबू किया जा सकता है।
इंफाल में भीड़ और सेना के बीच फायरिंग
गुरुवार सुबह 5 बजे इंफाल वेस्ट जिले के नॉर्थ बोलजांग में अज्ञात लोगों और असम राइफल्स ट्रूप के बीच फायरिंग हुई। इसमें दो सैनिक घायल हो गए। दोनों की हालत स्थिर है। इससे पहले बुधवार रात बिष्णुपुर में कार विस्फोट में 3 लोग घायल हुए, जबकि बुधवार शाम करीब 5:45 बजे इंफाल ईस्ट जिले में ऑटोमैटिक स्मॉल आम्र्स के शॉट फायर किए गए।
सोनिया गांधी ने की शांति की अपील
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा और पार्टी सांसद सोनिया गांधी ने मणिपुर में शांति बहाली की अपील की है। उन्होंने मणिपुर में हिंसा पर दुख जताते हुए कहा कि इससे राष्ट्र की अंतरात्मा पर गहरा आघात हुआ। उन्होंने उम्मीद जताई कि मणिपुर के लोग इस त्रासदी से उबरेंगे। उन्होंने वीडियो संदेश में कहा कि मणिपुर के प्रिय भाइयों व बहनों, पिछले 50 दिनों से मणिपुर में बड़ी मानवीय त्रासदी देख रहे हैं। इस हिंसा ने आपके राज्य में हजारों लोगों का जीवन उजाड़ दिया। मणिपुर के इतिहास में विभिन्न जाति, धर्म व पृष्ठभूमि के लोगों को गले लगाने की शक्ति व क्षमता है। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि सरकार तब जागी है जब सोनिया गांधी ने मणिपुर के लोगों को संबोधित किया। इस गंभीर समस्या पर होनी वाली बैठकों से पीएम का दूर रहना उनकी कायरता दिखाता है। इससे पता चलता है कि वे अपनी असफलताओं का सामना नहीं करना चाहते हैं। जब कई नेताओं ने कई बार उनसे मिलने की कोशिश की, तब भी वे समय नहीं निकाल सके। उन्होंने कहा कि अमित शाह जब से मणिपुर का दौरा करके लौटे हैं, तब से हालात और बिगड़ गए हैं। उनके दौरे से कोई बात नहीं बनी। वेणुगोपाल ने यह सवाल भी उठाया कि ऐसे हालात में भी मणिपुर की पक्षपात करने वाली सरकार को न हटाना और राष्ट्रपति शासन लागू न करना एक मजाक जैसा लग रहा है।
कब तक बंद रहेगा इंटरनेट
राज्य की मौजूदा स्थिति को देखते हुए इंटरनेट पर 25 जून तक के लिए प्रतिबंध बढ़ा दिया गया। राज्य में जारी अशांति को देखते हुए डेटा सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया गया था। उल्लेखनीय है कि मणिपुर में मेइती और कुकी समुदायों के बीच एक महीने पहले भड़की हिंसा में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई है। मेइती समुदाय द्वारा अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च आयोजित किए जाने के बाद तीन मई को पहली बार झड़पें हुईं थीं।
मणिपुर पर विपक्ष को घेर रहा विपक्ष
वहीं, मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्ष लगातार केंद्र सरकार को अपने सवालों से घेर रहा है। विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस मुद्दे पर चुप्पी साधने पर भी सवाल उठाए हैं। यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बुधवार को कहा कि हिंसा की वजह से राज्य को गहरा घावÓ हुआ है। यहां गौर करने वाली बात ये है कि सर्वदलीय बैठक से एक दिन पहले यानी 23 जून को पटना में कम से कम 30 विपक्षी पार्टियों के नेताओं की मुलाकात होने वाली है। इसमें 2024 में बीजेपी को घेरने के लिए रणनीति बनाई जाएगी।

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