हिंसा की स्थिति पर सर्वदलीय बैठक खत्म, कांग्रेस ने कहा-राज्य का सीएम बदलें
नई दिल्ली ।मणिपुर में मौजूदा स्थिति पर चर्चा के लिए शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया।बैठक में टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ब्रायन, मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के संगमा, आरजेडी के मनोज झा, पशुपति पारस और सीपीआई (एम) सांसद जॉन ब्रिटास मौजूद रहे।वहीं ममता बनर्जी और शरद पवार ने इस बैठक से दूरी बनाई, हालांकि बैठक में टीएमसी सांसद मौजूद रहे।मीटिंग के बाद कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। पार्टी ने मणिपुर को लेकर अपनी 8 मांगें रखी हैं। पार्टी ने मांग की है कि PM इस मुद्दे पर चुप्पी तोड़ें और राज्य के CM को तुरंत बदला जाए।कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि मीटिंग में पार्टी की ओर से शामिल हुए मणिपुर के पूर्व CM ओकराम इबोबी सिंह को अपनी बात रखने के लिए सिर्फ 7 मिनट दिए गए। उन्होंने 5 मिनट का समय और मांगा, लेकिन इसकी परमिशन नहीं मिली। ओकराम इबोबी 15 साल तक राज्य के CM रहे हैं।कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मीटिंग को औपचारिकता बताया और यह मांग रखी है कि दोनों नेशनल हाईवे को खुला रखा जाए और लोगों को जरूरी चीजें उपलब्ध कराई जाएं। साथ ही प्रभावित लोगों के लिए राहत, पुनर्वास और रोजगार का नया पैकेज घोषित किया जाए।जयराम रमेश ने कहा कि जब तक बीरेन सिंह मणिपुर के मुख्यमंत्री रहेंगे, तब तक राज्य में शांति नहीं होगी। उनसे इस्तीफा लेना चाहिए।सूत्रों ने जानकारी दी कि समाजवादी पार्टी ने सर्वदलीय बैठक में मणिपुर में राष्ट्रपति शासन की मांग की। वहीं शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि पीएम मोदी को मणिपुर हिंसा को देखना चाहिए। मणिपुर पर सर्वदलीय बैठक में भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा, मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह (कांग्रेस), डेरेक ओ ब्रायन (टीएमसी), मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड सिंह (एनपीपी), एम थंबी दुरई (एआईएडीएमके), तिरुचि शिवा (डीएमके) के अलावा पिनाकी मिश्रा (बीजेडी), संजय सिंह (आप), मनोज झा (आरजेडी) और प्रियंका चतुर्वेदी (शिवसेना) शामिल हुए।
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