आसमान छूने लगे नमक-तेल और सब्जियों के दाम, बिगड़ा रसोई का बजट
उमरिया। कोरोना काल मे कमाई के सांथ ही जमापूंजी से भी हांथ धो बैठे आम-आदमी की जिंदगी अब तक पटरी पर आ ही नहीं पाई कि मंहगाई ने एक बार फिर से कोहराम मचा दिया है। घरेलू गैस, पेट्रोल और डीजल जैसी रोजमर्रा की चीजों के आसमान छूते दामों से जूझ रहे लोगों के हांथ से अब भोजन भी छिनने की कगार पर है। बीते एक सप्ताह के अंदर ही दाल, रिफाईन सहित अन्य परचून की कीमतें जहां 20 से 25 प्रतिशत तक बढ़ गई हैं वहीं सब्जियों के दाम दोगुने से भी ज्यादा हो गये हैं। ऐसे मे लोगों को समझ नहीं आ रहा कि वे खायें और क्या न खायें।
छंटाक और पाव मे बताये जा रहे दाम
किसी जमाने मे दाल-रोटी उदर पोषण के सांथ ही गरीबी मे संतोष करने का जरिया मानी जाती थी परंतु अब वह भी मध्यम और कमजोर तबके की थाली से छिटक कर रईसों की मीनू मे शामिल हो गई है। तरकारी की हालत तो और भी बुरी है, हालत यह कि मार्केट मे ऐसी कोई सब्जी ही नही है जिसकी कीमत 30 रूपये किलो से कम हो। धनियां, अदरक और मिर्च जैसी सब्जियों को तो किलो मे खरीदने की हिम्मत किसी के पास है ही नहीं। इनके दाम ही छंटाक और पाव मे बताये जा रहे हैं।
ये है बाजार भाव
मण्डी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक कल जिले मे टमाटर 50, प्याज 80, आलू, 50, गोभी 80, भिण्डी 80, परवल 80, बरबटी 100, करेला 100 रूपये किलो मे बिकी है। जबकि धनियां 400, मिर्ची 150 और अदरक के दाम 100 रूपये किलो बताये गये हैं। इसी तरह अरहर दाल 120, मूंग दाल 110, चना 80 रिफाईन प्रति गैलन 1685, महकोश 105 और राई का तेल 110 रूपये प्रति लीटर मे मिल रहा है।
मध्यम वर्ग का हाल-बेहाल
सब्जियों और किराने की बेतहाशा बढ़ती कीमतों ने गरीब से लेकर एक औसत दर्जे के परिवार को सोचने के लिये मजबूर कर दिया है। एक मध्यम व्यापारी या नौकरीपेशा की अधिकतम औसत आय लभगग 20 हजार रूपये है। इसी मे से उन्हे किराया, कपड़ा, बच्चों की पढ़ाई, बिजली का बिल आदि विभिन्न भुगतान करने पड़ते है। अब तक जो छोटे व मध्यम परिवार सब्जी और किराने पर 5 हजार महीना खर्च कर काम चला लेते थे, अब उनकी 15 हजार मे भी पूर्ति नहीं हो पा रही है।
जारी रहेगा मंहगाई का दौर
जानकारों का मानना है कि सब्जियों की स्थानीय पैदावार कम होने और बाहर प्रांतों मे नई फसल न आने के कारण दाम बढ़ रहे हैं। उनका कहना है जब तक आलू और प्याज की नई फसल नहीं आती तक तक इनके दामो मे ज्यादा गिरावट की संभावना नहीं है।