आईटी अफसर को सौंपा ज्ञापन, एफआईर दर्ज करने की मांग
भोपाल। मप्र के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को उनके सालों ने करीब 50 एकड़ जमीन दान दिए जाने का मामला अब पूरी तरह गर्मा गया है। 61 साल के मंत्री को करोड़ों रुपए की जमीन दान में मिलने के बाद यह मामला लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है। वहीं विपक्ष ने भी इसे मुद्दा बना लिया है। सोमवार को कांग्रेस का प्रतिनिधिमंडल केके मिश्रा के नेतृत्व में आयकर विभाग के दफ्तर पहुंचा जहां मंत्री गोविंद सिंह राजपूत और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ बेनामी संपत्ति रखने का आरोप लगाते हुए शिकायत की है। इसके प्रामाणिक दस्तावेज बेनामी प्रोहिबिशन विंग के डिप्टी कमिश्नर अवध बिहारी पंवार को सौंपते हुए जांच और संपत्ति जब्त किए जाने की मांग भी की। के के मिश्रा ने शिकायत करते हुए कहा कि मंत्री गोविंद सिंह राजपूत साल 2020 से अब तक मध्य प्रदेश शासन के मंत्री हैं। वर्ष 2020 से 2022 तक मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने गैरकानूनी तरीके से अकूत दौलत अर्जित की है जिसके जरिए उन्होंने मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में कई बेनामीदारों के नाम से अचल संपत्ति खरीदी है। ऐसे ही एक केस में गोविंद सिंह राजपूत ने सागर जिले के ग्राम भोपाल में एक जमीन खरीदी है जिसका सर्वे नंबर 1327/1 नाप 2.335 हेक्टेयर पटवारी हल्का नंबर 19 आरएनएम नरयावली विकास खंड राहतगढ़ तहसील एवं जिला सागर है। उन्होंने अपनी सास लाडकुंवर राजपूत पत्नी विश्वनाथ सिंह राजपूत निवासी ग्राम गिरहानी तहसील खुरई जिला सागर मध्य प्रदेश के नाम से रजिस्टर्ड सेल डीड के द्वारा कल्पना सिंघई पत्नी स्वर्गीय सतीश कुमार सिंघई निवासी मकान नंबर 5 सत्यनारायण रापटा चेत्यालय के करीब तहसील एवं जिला सागर मध्य प्रदेश से खरीदी है।
गैरकानूनी तरीके से अर्जित दौलत से खरीदी जमीन
लाडकुंवर राजपूत एक गृहिणी हैं जिनकी उम्र 75 वर्ष है और उनका कोई स्वतंत्र आय का स्त्रोत नहीं है। इसलिए गोविंद सिंह राजपूत ने उक्त जमीन उनकी गैरकानूनी तरीके से अर्जित दौलत से खरीदी है। लाडकुंवर राजपूत इस संपत्ति की बेनामीदार हैं। जैसा कि द प्रोहिबिशन ऑफ बेनामी प्रॉपर्टी एक्ट 1988 के सेक्शन 2(10) में वर्णित है एवं गोविंद सिंह राजपूत इसके बेनेफिशियल ओनर हैं (जैसा कि द प्रोहिबिशन ऑफ बेनामी प्रॉपर्टी एक्ट1988 के सेक्शन 2(12) में वर्णित है)। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी के के मिश्रा ने शिकायत में कहा कि गोविंद सिंह राजपूत का बेनामी लेनदेन जो कि उन्होंने लाडकुंवर राजपूत के नाम से उक्त जमीन खरीदी है। यह इस तथ्य से स्थापित होता है कि गोविंद सिंह राजपूत ने यह जमीन रजिस्टर्ड गिफ्ट डीड के द्वारा अपने नाम ट्रांसफर करवा ली। यह गिफ्ट डीड स्थापित करता है कि यह बेनामी लेनदेन है जो कि द प्रोहिबिशन ऑफ बेनामी प्रॉपर्टी एक्ट1988 के सेक्शन 2(9) के तहत वर्णित है और यह एक अपराध है सेक्शन 53 एक्ट1988 के तहत संज्ञान योग्य है।
बेनामी संपत्तियों को करें अटैच
ऐसे ही एक केस में इनकम टैक्स विभाग के बेनामी विंग द्वारा एमए खान (रिटायर्ड आईएएस) की बेनामी संपत्तियों को अटैच किया जा चुका है जो कि उन्होंने अपने रिश्तेदारों के नाम पर खरीदी थीं। इसलिए ऐसी ही कारवाई की अपेक्षा गोविंद सिंह राजपूत के केस में की जाती है। बिना इस बात से प्रभावित हुए कि गोविंद सिंह राजपूत मध्य प्रदेश शासन के मंत्री हैं। इसी तरह गोविंद सिंह राजपूत ने ग्राम भापेल स्थित ज़मीन जिसका सर्वे नंबर 1322/1/11322/21323/1/1 एवं 1323/2 नाप 6.1120 हेक्टेयर तहसील एवं जिला सागर मध्य प्रदेश उनके साले एवं सास के नाम से दिनांक 7-8 सितंबर 2021 को खरीदी है एवम बाद में वही जमीन अपनी धर्मपत्नी सविता सिंह को जुलाई-अगस्त 2022 में गिफ्ट करवा दी।
मंत्री के ससुराल वाले आर्थिक रूप से सक्षम नहीं
यह बात जानकारी में रहे कि गोविंद सिंह राजपूत के ससुराल पक्ष के लोग इतने आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है कि वे एक ही साल में ये जमीन खरीद करके गोविंद सिंह जी को गिफ्ट कर दें। गोविंद सिंह राजपूत के ससुराल पक्ष के लोगों की आय के स्त्रोत इतने नहीं है कि वे ऐसी जमीन खरीद सकें। केके मिश्रा ने मांग की कि शिकायत में वर्णित सभी सबूतों एवं तथ्यों के मद्देनजर शिकायत में वर्णित बेनामी संपत्तियां अटैच करें एवम गोविंद सिंह राजपूत एवम उनके सहयोगियों पर कारवाई करें। ज्ञापन सौंपने में केके मिश्रा के साथ प्रवक्त दीप्ति सिंह आनंद तारण अभिनव बरोलिया अवनीश बुंदेला रवि वर्मा मिथुन सिंह अहिरवार आनंद जाट सहित अन्य कांग्रेस पदाधिकारीगण उपस्थित थे।