मां को तलाश रहीं मासूम गजराज की आंखे
नहीं लग रहा खाने-पीने में मन, ध्यान हटाने की कोशिशों में जुटा पार्क प्रबंधन
बांधवभूमि न्यूज, रामाभिलाष
मध्यप्रदेश, उमरिया
मानपुर। बीते दिनों कटनी जिले में स्थित विलायत कला के समीप से रेस्क्यू कर ताला लाये गए चार महीने के जंगली हाथी की जिद ने बांधवगढ़ नेशनल पार्क प्रबंधन के लिए समस्या खड़ी कर दी है। बताया गया है यह शावक अपनी माता के दूध पर आश्रित था। लिहाजा प्रबंधन को बाहरी तरल पिलाने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। गौरतलब है कि नेशनल पार्क के खितौली रेंज मे गत सप्ताह संदिग्ध परिस्थितियों में एक के बाद एक करके 10 हाथियों की मौत ही गई थी। जिसके बाद यह नन्हा हाथी चंदिया के आसपास से भटकते हुए महानदी के पार चला गया था। इसकी जानकारी मिलते ही कटनी, उमरिया वनमण्डल एवं बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के लगभग 100 सदस्यीय हाथियों, अधिकारियों और कर्मचारियों की टीम ने जंगली हाथी को पकड़ लिया। जिसके बाद उसे ताला स्थित हाथी कैम्प में रखा गया है। जहां डॉक्टरों तथा अमले की टीम उसकी लगातार देखरेख में जुटी हुई है।
तेंदुए ने दो ग्रामीणों पर किया हमला
इधर राष्ट्रीय उद्यान के हिरौली ग्राम में तेंदुए के हमले मे दो ग्रामीणों के घायल होने का मामला प्रकाश में आया है। बताया गया है कि तेंदुए ने पहले लौकेश पिता कतकू बैगा पर गांव के कुदरी नाले के पास हमला कर उसे बुरी तरह घायल कर दिया। जब गांव के लोगों ने शोर मचाया तो तेंदुआ समीप स्थित एक घर मे जा घुसा। जहां उसने घर मे खाना बना रही महिला मोनिका पिता उदय भान सिंह को भी जख्मी कर दिया। घटना की सूचना पर वन विभाग और मानपुर पुलिस के अधिकारियों ने घटना स्थल पर पहुंच कर हालात का जायजा लिया और घायलों को मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजने की व्यवस्था की।
कुनबे से बिछड़ा एक और शावक
कटनी जिले के अलावा पनपथा रेंज से शुक्रवार को एक और शावक अपने कुनबे से बिछड़ गया। करीब 2 से 3 महीने उम्र के इस छोटे हाथी के अकेले घूमने की खबर मिलते ही उद्यान के अधिकारियों ने टीम को मौके के लिये रवाना किये। जिसके द्वारा हाथी शावक को पकड़ कर ताला लाया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि खितौली रेंज में हुई घटना के बाद हाथियों में भी दहशत फैल गई है। जानकारी मिली है कि कई हाथी बांधवगढ़ से सोन नदी की ओर पलायन कर गए हैं। समझा जाता है कि यह शावक इसी दौरान अपने कुनबे से बिछड़ गया होगा।