पटना । बिहार देश का ऐसा राज्य है जहां के नागरिकों की राजनैतिक चेतना काफी जाग्रत है। यही कारण है कि हर राजनीतिक दल ज्यादा से ज्यादा वोटर्स को अपने साथ जोड़ने की कोशिश में रहते हैं। लेकिन क्या आप इस बात पर यकीन कर पाएंगे कि बिहार के कुल मतदाताओं में आधे से ज्यादा किसी ने किसी राजनीतिक दल के सदस्य हैं? आंकड़े तो कुछ ऐसा ही कहते हैं। बिहार में सक्रिय सभी प्रमुख दलों के सदस्यों की संख्या करीब 4 करोड़ है। जबकि बिहार में इस बार मतदाताओं की कुल संख्या करीब 7.20 करोड़ के करीब है। बिहार में किस पार्टी के कितने सदस्य है, इसकी जानकारी जुलाई के महीने में राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग को दी है। इसमें 10 प्रमुख पार्टियों ने जो सदस्य संख्या का ब्यौरा चुनाव आयोग को सौंपा है, उसका टोटल करीब 4 करोड़ आता है। इसमें सबसे ज्यादा सदस्यों का दावा राष्ट्रीय जनता दल का है। जिसने अपने कुल सदस्यों की संख्या 1.05 करोड़ घोषित की है। दूसरे नंबर पर भारतीय जनता पार्टी है जिसने 90 लाख सदस्य संख्या गिनाई है। जनता दल यूनाइटेड ने 50 लाख, लोक जनशक्ति पार्टी ने 35 लाख और कांग्रेस ने 16 लाख सदस्य होने का दावा किया है।
आंकड़े ये भी कहते हैं कि भले ही राजनीतिक रूप से राष्ट्रीय लोक समता पार्टी यानि रालोसपा बिहार में मजबूत स्थिति में नजर नहीं आती लेकिन सदस्यों के मामले में वो लोजपा और कांग्रेस से भी आगे हैं। रालोसपा ने 40 लाख सदस्यों का दावा किया है। जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा भी 10 लाख सदस्यों का दावा करती है। जबकि आंकड़ों की इस गणित में वाम दल सबसे पीछे हैं। इसके सदस्यों की संख्या लाखों में नहीं बल्कि हजारों में है। अब पार्टियों के दावे पर यकीन किया जाए तो 7.20 करोड़ बिहारी वोटर्स में से 4 करोड़ तो उनके सदस्य ही हैं। खास बात ये भी है कि चुनाव के पूर्व ही पार्टियों ने सदस्य संख्या बढ़ाने के लिए अभियान चलाया था। हालांकि मार्च में कोरोना संक्रमण शुरू होने और लॉकडाउन के चलते सभी के अभियान पर ब्रेक लग गया था। ऑनलाइन सदस्य मुहिम को भी कोरोना काल में झटका लगा। यदि कोरोना न होता ये सभी पार्टियां शायद मिलजुल कर सदस्यों का कुल आंकड़ा 5 करोड़ पार कर चुकी होतीं।
बिहार: राज्य में आधे से अधिक मतदाता किसी न किसी पार्टी के जुड़े
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