बिहार में गंगा नदी पर बन रहा पुल गिरा

4 पिलर भी नदी में गिरे, एक साल पहले भी इसी पुल का गिरा था स्लैब

खगड़िया।बिहार के खगड़िया के अगुवानी-सुल्तानगंज के बीच गंगा पर बन रहा पुल रविवार को गिर गया। पुल के चार पिलर भी नदी में समा गए। पुल का करीब 192 मीटर हिस्सा नदी में गिरा है। हादसे के समय मजदूर वहां से 500 मीटर दूर काम कर रहे थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना की अफसरों से पूरी जानकारी ली है।हालांकि इतना बड़ा स्ट्रक्चर गिरने से गंगा नदी में कई फीट ऊंची लहरें उठीं। इससे नदी में नाव पर बैठे लोग सहम गए।पुल का कुछ हिस्सा पिछले साल भी गिर चुका है। इसे एसपी सिंगला कंपनी बना रही है। पुल का शिलान्यास 2014 में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था। पुल का निर्माण 2015 से चल रहा है। इसकी लागत 1710.77 करोड़ रुपए है। पुल की लंबाई 3.16 किलोमीटर है।
गंगा में 50 फीट ऊंची उठी लहर
पुल का बड़ा स्ट्रक्चर गंगा में गिरने से 50 फीट से ज्यादा ऊंची लहरें उठीं। इससे नाव से सफर कर रहे लोग दहशत में आ गए। किसी तरह से नावों को किनारे लाकर लोगों को निकाला गया।
पिछले साल 100 मीटर हिस्सा गिरा था, जांच भी हुई थी
इस निर्माणाधीन पुल का स्ट्रक्चर पिछले साल भी नदी में गिर गया था। तीन पिलर्स के 36 स्लैब यानी करीब 100 फीट लंबा हिस्सा भरभराकर ढह गया था। रात में काम बंद था, इसलिए जनहानि नहीं हुई थी। उस समय पुल निगम के MD के साथ एक टीम ने वहां जाकर जांच भी की थी।
प्रोजेक्ट पूरा होने पर झारखंड से जुड़ जाएगा उत्तर बिहार
ये पुल अगुवानी और सुल्तानगंज घाट (भागलपुर जिला) के बीच बन रहा है जो बरौनी खगड़िया एनएच 31 और दक्षिण बिहार के मोकामा, लखीसराय, भागलपुर, मिर्जाचौकी एनएच 80 को जोड़ेगा। प्रोजेक्ट पूरा होने पर बिहार के खगड़िया की ओर से 16 किलोमीटर और सुल्तानगंज की ओर से चार किलोमीटर लंबी एप्रोच रोड के जरिए उत्तर बिहार सीधे मिर्जा चौकी के रास्ते झारखंड से जुड़ जाएगा। पुल बनने से खगड़िया से भागलपुर आने के लिए 90 किलोमीटर की दूरी मात्र 30 किलोमीटर रह जाएगी।
CM नीतीश ने 8 साल पहले रखी थी आधारशिला
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 फरवरी 2014 को खगड़िया जिले के परबत्ता में पुल निर्माण की आधारशिला रखी थी। इसके बाद 9 मार्च 2015 को पुल निर्माण का काम शुरू हुआ था। पुल की लंबाई 3.16 किलोमीटर है।
 भ्रष्टाचार की वजह से गिरा:भाजपा विधायक 
परबत्ता से भाजपा विधायक डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि जिस तरह से पुल गिरा है, भ्रष्टाचार के लिए इससे बड़ा प्रमाण और क्या हो सकता है? पुल निर्माण कार्य में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। पिछले वर्ष जब पुल का एक हिस्सा गिरा था तो मैंने विधानसभा में इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा है कि स्ट्रक्चर टूटने का जो नुकसान आया है। वह सरकार पर नहीं ठेकेदार पर आएगा। इस घटना में किसी के मरने या घायल होने की खबर नहीं है। जब इससे पहले भी पुल गिरने की घटना हुई थी, तब भी हम आशंका में थे कि हमें सभी सेगमेंट की जांच करानी चाहिए। रिव्यू मीटिंग भी की गई। IIT रुड़की ने 30 अप्रैल 2022 में पुल गिरने का कारण आंधी तूफान बताया। हमें इसके डिजाइन में पहले से ही फॉल्ट था, इसे पूरे तरीके से ध्वस्त करके फिर से कार्य प्रारंभ करने का हमारा निर्णय था। वहीं, पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने कहा कि यह ब्रिज पूरे इलाके के लिए वरदान है। पूरी डिजाइन में डिफेक्ट की बात सामने आई थी। ठेकेदार पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घटना के बाद पूरी जानकारी ली है। 3 महीने में नए सिरे से काम करेंगे।
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