हाजीपुर में पुलिस पर पथराव, BJP दफ्तर-विधायक पर हमला, 9 घंटे ट्रेनें रहीं ठप, 7 राज्यों में प्रदर्शन
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ देश में विरोध के स्वर उठ खड़े हुए हैं। बिहार से निकली ये चिंगारी यूपी, हरियाणा, हिमाचल समेत 7 राज्यों तक पहुंच गई है। दुखद बात यह रही कि हरियाणा के रोहतक में इस योजना के विरोध में एक छात्र ने आत्महत्या कर ली। इधर, पलवल में हंगामा कर रहे छात्रों ने पुलिस की तीन गाड़ियां जला दीं। हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में चुनाव अभियान के लिए जा रही मोदी की रैली में विरोध जताने जा रहे युवाओं को रोका गया। बिहार में ट्रेनों का परिचालन सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। CPRO के अनुसार बिहार में पूर्व मध्य रेलवे के तहत गुरुवार को 4 रेल डिवीजन के 7 रेल रूटों को बाधित किया गया। बिहार केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के विरोध में बिहार में दूसरे दिन उग्र प्रदर्शन हुआ। 17 जिलों में युवा सड़क और ट्रैक पर उतर गए। प्रदर्शनकारियों ने छपरा, कैमूर और गोपालगंज में 5 ट्रेनों को आग के हवाले कर दिया। 12 ट्रेनों में तोड़फोड़ की गई है। अकेले छपरा में ही 3 ट्रेनों में आग लगा दी। यात्रियों ने भागकर अपनी जान बचाई। छपरा में सबसे ज्यादा प्रदर्शन का असर रहा। आरा में पुलिस को उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े। मोतिहारी में भी ट्रेन पर पथराव किया गया है। प्रदर्शन के कारण रेल सेवा सुबह 6.25 के बाद ठप हो गई थी। करीब नौ घंटे तक ट्रेनें ठप रहीं। साढ़े तीन बजे के बाद सभी रूट क्लियर कराकर ट्रेनें शुरू की गईं। प्रदर्शन के दौरान बीजेपी के 2 विधायकों पर हमले भी किए गए हैं। छपरा सदर के बीजेपी विधायक डॉ. सीएन गुप्ता के घर पर प्रदर्शनकारियों ने तोड़फोड़ की है। वहीं वारिसलीगंज की विधायक अरुणा देवी पर भी हमला हुआ। नवादा में प्रदर्शनकारियों ने बीजेपी ऑफिस में आग लगा दी। हाजीपुर में पुलिस पर पथराव किया गया। पुलिस जवानों ने भाग कर जान बचाई।गुरुवार को जहानाबाद, बक्सर और नवादा में ट्रेन रोकी गईं। छपरा और मुंगेर में सड़क पर आगजनी के बाद जमकर प्रदर्शन हुआ। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार अपना फैसला वापस ले।
विधायक की गाड़ी पर हमला
वारिसलीगंज की विधायक अरुणा देवी पर नवादा में प्रदर्शनकारियों ने हमला कर दिया। हमले के दौरान विधायक गाड़ी में ही मौजूद थीं। वो बाल-बाल बच गईं।हमले में विधायक अरुणा देवी बाल-बाल बचीं। गोपालगंज में अग्निपथ के आंदोलनकारियों ने सिधवलिया रेलवे स्टेशन पर पैसेंजर ट्रेन को आग के हवाले कर दिया है। यहां ट्रेन की कई बोगियों में आग लगा दी गई। रेलवे स्टेशन पर ट्रेन में सवार यात्रियों ने भागकर किसी तरह से अपनी जान बचाई है। यात्रियों ने भागकर अपनी जान बचाई।जहानाबाद में छात्रों ने पटना-गया रेल लाइन को निशाना बनाते हुए पटना-गया मेमू पैसेंजर ट्रेन को जहानाबाद स्टेशन के पास रोक दिया। छात्रों ने शहर के स्टेशन इलाके के काको मोड़ के पास सड़क पर आगजनी कर जाम लगा दिया। बेगूसराय में उग्र अभ्यर्थियों ने बस में तोड़फोड़ शुरू कर दी। इससे यात्रियों में हड़कंप मच गया। एक यात्री गंभीर रूप से घायल हो गया। तेघड़ा डीएसपी ओमप्रकाश छात्रों को समझाने में लगे रहे, लेकिन छात्र मानने को तैयार नहीं है। 5 घंटे से जाम लगा हुआ है। जहानाबाद में छात्रों ने पटना-गया रेलखंड को निशाना बनाते हुए पटना-गया मेमू सवारी गाड़ी को जहानाबाद स्टेशन के पास रोक कर विरोध प्रदर्शन किया।
4 साल तीनों सेनाओं में भर्ती की योजना
केंद्र सरकार ने 14 जून को सेना की तीनों शाखाओं- थलसेना, नौसेना और वायुसेना में युवाओं की बड़ी संख्या में भर्ती के लिए अग्निपथ भर्ती योजना शुरू की है। इस स्कीम के तहत नौजवानों को 4 साल के लिए डिफेंस फोर्स में सेवा देनी होगी। माना जा रहा है कि सरकार ने यह कदम तनख्वाह और पेंशन का बजट कम करने के लिए उठाया है।एक प्रदर्शनकारी अभ्यर्थी अंकित सिंह ने बताया, ‘2021 में सेना में नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे गए थे। मुजफ्फरपुर समेत आठ जिलों के हजारों अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। उनमें से जिन्होंने फिजिकल टेस्ट पास किए उनका मेडिकल हुआ था। मेडिकल होने के बाद अब एक साल से लिखित परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं। अब तक परीक्षा नहीं ली गई।’प्रदर्शनकारियों ने कहा, ‘रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को इसका ऐलान किया था कि अग्निपथ स्कीम के तहत अग्निवीरों की नियुक्ति होगी, जिन्हें 4 साल के लिए सेना में नौकरी दी जाएगी। 4 साल बाद 75 फीसदी जवानों को 11 लाख रुपए देकर घर वापस कर दिया जाएगा। सिर्फ 25 फीसदी की सेवा में कुछ विस्तार होगा। इसी नए नियम को लेकर हंगामा व प्रदर्शन कर रहे हैं।’
संयम की परीक्षा मत लीजिए पीएम:राहुल गांधी
केंद्र सरकार की ओर से थलसेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती के लिए लाई गई ‘अग्निपथ’ योजना का विरोध शुरू हो गया है। गुरुवार को बिहार के कई जिलों में सैकड़ों की संख्या में छात्र सड़क पर उतर आए। कई जगहों पर आगजनी की घटना भी देखने को मिली है। केंद्र की ‘अग्निपथ’ योजना का हो रहे विरोध के बीच कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सरकार पर हमला बोला है। केंद्र सरकार की योजना के विरोध के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बेरोजगार युवाओं की आवाज सुनने और अग्निपथ पर चलने के लिए उनके धैर्य की ‘अग्निपरीक्षा’ नहीं लेने का आग्रह किया। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘न कोई रैंक, न कोई पेंशन, न 2 साल से कोई सीधी भर्ती, न 4 साल के बाद स्थिर भविष्य, न सरकार का सेना के प्रति सम्मान। देश के बेरोज़गार युवाओं की आवाज़ सुनिए, इन्हें अग्निपथ पर चला कर इनके संयम की अग्निपरीक्षा मत लीजिए, प्रधानमंत्री जी। वहीं, कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी अग्निपथ योजना को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘सेना भर्ती की तैयारी करने वाले युवाओं की आँखों में देशसेवा, माँ-बाप की सेवा, घर परिवार और भविष्य के तमाम सपने होते हैं। नई सेना भर्ती योजना उन्हें क्या देगी? 4 साल बाद न हाथ में नौकरी की गारंटी, न पेंशन की सुविधा नो रैंक, नो पेंशन। प्रधानमंत्री जी युवाओं के सपनों को मत कुचलिए।’ केंद्र सरकार ने दशकों पुरानी रक्षा भर्ती प्रक्रिया में आमूलचूल परिवर्तन करते हुए तीनों सेनाओं में सैनिकों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना की मंगलवार को घोषणा की, जिसके तहत सैनिकों की भर्ती चार साल के लिए संविदा आधार पर की जाएगी। योजना के तहत तीनों सेनाओं में इस साल करीब 46,000 सैनिक भर्ती किए जाएंगे। चयन के लिए पात्रता आयु साढ़े 17 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी और इन्हें ‘अग्निवीर’ नाम दिया जाएगा।
बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा: कमलनाथ
केंद्र सरकार द्वारा सेना में भर्ती के लिए घोषित अग्निपथ योजना को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमल नाथ ने बेरोजगार युवाओं के साथ धोखा करार दिया। उन्होंने कहा कि चार साल अल्प वेतन देने वाली लघु अवधि की सैनिक भर्ती व्यवस्था ठीक नहीं है। इस अवधि के बीतने के बाद युवा क्या करेंगे, इसे बारे में सोचा ही नहीं गया। यह देश की सुरक्षा के प्रति के लिए भी ठीक नहीं है। उन्होंने अग्निपथ योजना को लेकर ट्वीट किया कि देश की सुरक्षा शासन का पहला दायित्व है और इसमें सेना की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है। देश की सेवा और सुरक्षा के लिए भारत की सेना में भर्ती की पिछले ७० साल की व्यवस्था है। सैनिक सेवानिवृत्ति तक या १४ साल तक देश की सेवा और सुरक्षा करे, भरपूर वेतन और सम्मानजनक रोजगार पाए, फिर सुरक्षित भविष्य के साथ घर जाए। रोजगार बढ़ाने का दिखावा करने के लिए सेना में भर्ती की नई व्यवस्था बनाई जा रही है।