आदिम जाति कल्याण विभाग मे हुआ घोटाला, कलेक्टर ने पुलिस को लिखी चिटठी
उमरिया। निर्माण कार्य कराए बिना भुगतान करने के मामले मे एसी अजाक के खिलाफ एफ आईआर करने के लिए कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने एसपी उमरिया विकास कुमार शाहवाल को पत्र लिख दिया है। इस मामले मे जल्द ही एसी अजाक आनन्द राय सिन्हा के खिलाफ एफ आईआर हो सकती है। बताया गया है कि पिछले साल कई निर्माण कार्य कराए बिना ही भुगतान करने की शिकायत एसी के खिलाफ हुई थी। आदिवासी विभाग मे हुए करोड़ों के घोटाले मे जांच के बाद विभाग के आयुक्त आनंदराय सिन्हा से वित्तीय प्रभार छीनते हुए लेखापाल बृजेन्द्र सिंह को निलंबित कर दिया गया था। इस मामले मे जब कलेक्टर ने निर्माण एजेंसियों व वरिष्ठ अधिकारियों से जांच कराई तो आरोप सिद्ध पाये गये। जिसके बाद पुलिस विभाग को पत्र लिखकर संबंधितों के खिलाफ एफ आईआर दर्ज करने के लिए पत्र लिख दिया।
कलेक्टर ने कराई थी जांच
आदिवासी विभाग मे हुए करोड़ो रुपये के घपले को लेकर कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने पहले ही एसी अजाक आनन्द राय सिन्हा का वित्तीय प्रभार छीन लिया था। इस मामले मे जब जिला कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने जांच कराई तो उन्होंने पाया कि आदिवासी विभाग द्वारा कराये गये बाउंड्रीवाल निर्माण, नलकूप खनन, पुस्तकालय व अन्य निर्माण कार्यो मे करोड़ो रुपये बिना काम करे ही ठेकेदार को भुगतान किया गया है। जांच के दौरान कोई भी काम धरातल पर नही मिले। इसी के बाद से कलेक्टर ने कार्रवाई शुरू कर दी थी।
पुलिस को चाहिए दस्तावेज
एससी अजाक आनन्द राय सिन्हा के खिलाफ अपराध दर्ज करने के लिए पुलिस आवश्यक दस्तावेज जुटाने मे लगी हुई है। दस्तावेज एकत्र होने के बाद एसी के खिलाफ धारा 420 सहित कई अन्य धाराओं मे अपराध दर्ज होगा। एसी के खिलाफ अपराध दर्ज करने के लिए कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने एसपी को पत्र लिखा था। इस बारे मे जानकारी देते हुए एसपी विकास कुमार शाहवाल ने बताया कि इस तरह के अपराध दर्ज करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों की आवश्यकता होती है जिसे जुटाने के बाद ही एफ आईआर दर्ज की जाएगी।
कई लोग हैं शामिल
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव द्वारा एफ आईआर के लिए लिखे गए पत्र को लेकर जहां विभाग मे हड़कंप मच गया है वहीं सूत्रों से यह भी जानकारी सामने आ रही है कि जिन अधिकारियों ने उन निर्माण कार्यो का मूल्यांकन किया है जो हुए ही नहीं वह भी कठघरे मे खड़े दिखाई दे रहे हैं। बताया जा रहा है कि आरईएस विभाग के एक उपयंत्री और एसडीओ के ऊपर भी कार्यवाही की तलवार लटक रही है।
बिना निर्माण कर दिया भुगतान
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