बांधवभूमि, रामाभिलाष त्रिपाठी
मानपुर। अपने दुर्लभ जीवों, हरे-भरे वनो और स्वच्छ वातावरण के लिये दुनिया भर मे जाने जाते राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ को स्थानीय होटल संचालक कचरे व गंदगी से पाटने की मुहिम मे जुटे हुए हैं। बताया जाता है कि होटल-रिसोर्टो से निकला क्विंटलों कचरा इन दिनो कुचवाही और रक्सा से लगे जंगलों मे डंप कराया जा रहा है, जिससे वहां भारी प्रदूषण फैल रहा है। इस कचरे मे भारी मात्रा मे प्लास्टिक की बोतलें, प्लेट, चम्मच आदि डिस्पोजल भी शामिल है। जो किसी भी तरह से नष्ट नहीं होता, बल्कि सालों-साल वहीं पड़ा रहता है। कहने को तो उद्यान मे सैकड़ों की संख्या मे गश्ती दल और कर्मचारी हैं। जिनकी निगरानी और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिये कई दर्जन बड़े-छोटे अधिकारी भी तैनात हैं। इतने बड़े अमले के वेतन पर सरकार हर मांह करोड़ों रूपये खर्च कर रही है। इसके बावजूद होटल संचालक यदि नेशनल पार्क के जंगलों मे गंदगी उड़ेल रहे हैं, तो फिर महकमा क्या कर रहा है। आरोप यह भी है कि इस तरह की मनमानी विभागीय अधिकारियों की जानकारी मे की जा रही है। इसके पीछे कौन सा फार्मूला काम कर रहा है, यह जांच का विषय है।
बाईक को बचाने के चक्कर मे पलटी कार
बांधवभूमि, उमरिया
जिला मुख्यालय से ताला के बीच बड़ेरी के पास शुक्रवार की रात बाईक को बचाने के चक्कर मे एक कार पलट गई। बताया गया है कि मोतीलाल विश्वकर्मा निवासी मानपुर की कार क्रमांक एमपी 54 सीए 0991 रात करीब 8 बजे उमरिया की ओर आ रही थी। तभी बड़ेरी के समीप एक बाईक अचानक सामने आ गई, जिसे बचाने के चक्कर मे कार पलट गई। इस घटना मे बाईक सवार गंभीर रूप से घायल हो गया है।