बांधवगढ मे जारी टिकटों की कालाबाजारी, देश-विदेश मे धूमिल हो रही छवि

अधिकारी ने गोला लगा कर बदल दिया पर्यटक

बांधवगढ मे जारी टिकटों की कालाबाजारी, देश-विदेश मे धूमिल हो रही छवि

बांधवभूमि न्यूज

मध्यप्रदेश

उमरिया
जिले का राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ अपने हरे-भरे जंगलों, स्वच्छ आबोहवा और दुर्लभ वन्यजीवों के लिये देश और दुनिया भर मे प्रसिद्ध है। इसके अलावा एक और चीज जो यहां आने वाला हर सैलानी अपनी यादों मे लेकर लौटता है, वह है, स्थानीय लोगों का सद्व्व्यवहार और पार्क अमले की ईमानदारी। जो उन्हे बार-बार आने के लिये प्रेरित करती है, परंतु ऐसा लगता है, कि वर्षो पुरानी इस परंपरा के दिन अब लद चुके हैं। उसका कारण है, यहां पनप रही पैसा कमाउ सोच, जिसका एक ही मकसद है, बांधवगढ आये पर्यटकों को ऐंठ कर उनका अधिक से अधिक शोषण करना। दुख की बात तो यह है कि ऐसे लोगों पर नकेल कसने की बजाय जिम्मेदार अधिकारी खुद धांधली मे लिप्त हैं। बताया जाता है कि ताला मे इन दिनो नकेवल बडे पैमाने पर टिकटों की कालाबाजारी की जा रही है, बल्कि ऑनलाईन बुकिंग करवा कर किन्ही कारणों से नहीं आये सैलानियों के रिजर्वेशन भी खुलेआम बेंचे जा रहे हैं। ऐसा ही एक और मामला इन दिनो खासा चर्चाओं मे है, जिसमे पार्क के एक एसडीओ द्वारा यूके के कुछ पर्यटकों की टिकट पर गोला लगाकर दूसरे सैलानी के नाम कर दिया गया।

यह है मामला
जानकारी के अनुसार यूनाइटेड किंगडम के नागरिक एशले पिता हैरिस 20 तथा मिचेल द्वारा विगत 25 दिसंबर 2023 को 23 अप्रेल 2024 के लिये बांधवगढ मे सफारी का टिकट ब्लू प्लेनेट वाइल्ड एजेन्सी के जरिये बुक कराया गया था। सूत्रों का दावा है कि उनके नहीं आने पर उद्यान के सहायक संचालक दिलीप मराठा ने टिकट पर गोला लगा कर उसे शेेरोन पिता वेनाडिया एवं सिमोन पिता रेंडिना के नाम आवंटित कर दिया गया। जो कि पूरी तरह से नियमविरूद्ध और कूटरचना की श्रेणी मे आता है। जानकारों का कहना है कि बुकिंग के बाद यदि पर्यटक नहीं आता है, तो उसके द्वारा जमा की गई राशि लेप्स हो जाती है। वहीं उसकी जगह किसी अन्य व्यक्ति से शुल्क लेकर ही टिकट बुक की जा सकती है, परंतु ऐसा नहीं करके श्री मराठा द्वारा उसी टिकट पर दूसरे पर्यटकों को पार्क मे जाने की अनुमति दे दी गई।

अभी तक कोई कार्यवाही नहीं
ऑनलाईन टिकट मे हो रहे फर्जीवाडे तथा पार्क के वरिष्ठ अधिकारियों की इसमे संलिप्तता से बांधगवगढ की साख पर बट्टा लग रहा है। पार्क के उच्च अधिकारी भी कह रहे हैं कि टिकट बदले जाने का अधिकार किसी को भी नहीं है। हलांकि अभी तक इस प्रकरण मे कोई कार्यवाही नहीं हुई है। देखना होगा कि प्रबंधन ऐसे गंभीर मामले मे दोषियों पर कब और क्या एक्शन लेता है।

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