बंद रहे फोन, नहीं सुधारे फाल्ट

विरोध: विद्युत सुधार अधिनियम और निजीकरण के खिलाफ कामकाज का बहिष्कार
विद्युत कर्मियों की हड़ताल मे शामिल रहे अधिकारी
उमरिया। मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्प्लॉई एण्ड इंजीनियर्स के आह्वान पर जिले के विद्युत अधिकारी और कर्मचारी कल हड़ताल पर रहे, जिससे पूरी विद्युत व्यवस्था छिन्न भिन्न हो गई। बारिश के दौरान बार-बार हो रही बिजली की दिक्कत को लेकर लोग लगातार मंडल से संपर्क साधने का प्रयास करते रहे पर उनके फोन तक अटेंड नहीं किये गए। 1912 सेवा भी ठप्प रही। सूत्रों के मुताबिक अपनी विभिन्न मांगों को लेकर आयोजित इस हड़ताल के दौरान मंडल का कोई भी कर्मी कार्यालय नहीं पहुंचा। अधिकारियों और कर्मचारियों ने विभाग से मिले अपने मोबाईल 9 अगस्त की रात से ही बंद कर दिए थे। हलांकि डीपी या खंबे मे आई खराबियों को सुधारा गया।
अस्पताल और कोर्ट रहे मुक्त
बताया गया है कि संगठन द्वारा अस्पताल और कोर्ट को हड़ताल से मुक्त रखा गया था। इस दौरान किसी भी प्रकार की बैठकों मे शामिल न होने, प्रशासन या उच्च अधिकारियों को मौखिक या ईमेल आदि पर जानकारी भेजने, स्टोर से सामग्री की आपूर्ति जैसे काम भी नहीं किये गये।
24 घंटे बाद बहाल हुई सेवा
मंडल मे पूरे 24 घंटे तक हड़ताल जारी रही। रात्रि 12 बजे मियाद समाप्त होने के बाद जा कर सेवा बहाल हो सकी। संगठन के निर्देश पर 33/11 केवी उप केंद्रों मे कर्मचारी तैनात रहे। जिन्हें केवल सब स्टेशन में विद्युत सप्लाई सुचारू रखने को कहा गया था।
क्यों की गई हड़ताल
जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश यूनाइटेड फोरम फॉर पावर एम्पलाइज एंड इंजीनियर्स केंद्र द्वारा पारित विद्युत सुधार अधिनियम 2021 का विरोध कर रहा है। संगठन की अन्य मांगो मे विद्युत कंपनियों का निजीकरण नहीं करने, एकतरफा सुधार अधिनियम 2021 संसद मे पारित नहीं करने, संविदा कर्मियों का नियमितीकरण, आउटसोर्स कर्मचारियों का विद्युत कंपनियों में संविलियन करने, कोरोना से मृत बिजली कर्मियों को कोरोना योद्धा घोषित कर परिवार को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि प्रदान करने तथा आश्रित को बिना शर्त अनुकंपा नियुक्ति, बिजली कर्मियों को केंद्र के समान महंगाई भत्ता देने, लंबित वेतन विसंगतियां दूर करने आदि मांगे शामिल हैं।
मांगे नहीं मानी तो वृहद हड़ताल
10 अगस्त को विद्युत विभाग के अधिकारी, कर्मियों ने सांकेतिक हड़ताल की है, लेकिन यदि सरकार ने संघटन की मांगे नहीं मानी तो आगे बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
एलके नामदेव
कार्यपालन अभियंता
विद्युत विभाग, उमरिया

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