फिर सर्जिकल स्ट्राइक कर सकता भारत
-अमित शाह की पाकिस्तान को चेतावनी
-खुफिया रिपोर्ट में खुलासा…जम्मू-कश्मीर में आतंकियों की नई साजिश…निशाने पर 200 लोग, सुरक्षा बल सतर्क.
-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ बड़े एक्शन की तैयारी, पीएम मोदी और डोभाल के बीच हाई लेवल बैठक
नई दिल्ली। जम्मू और कश्मीर में आतंकी एक बार फिर दहशत फैलाने की तैयारी में हैं। खुफिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि आतंकियों ने जम्मू-कश्मीर में टारगेट किलिंग के लिए 200 लोगों की सूची तैयार की है। इस लिस्ट में मुखबिर, खुफिया एजेंसी के लोग, केंद्र सरकार और सेना के करीबी माने जाने वाले मीडियाकर्मी, घाटी के बाहर के लोगों और कश्मीरी पंडितों के नाम उनके गाड़ी नंबर के साथ शामिल हैं। जम्मू-कश्मीर में आतंकियों द्वारा आम नागरिकों को निशाना बनाए जाने की घटना के बाद अमित शाह ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है। अमित शाह ने कहा कि अगर पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को इसी तरह बढ़ावा दिया और नागरिकों की हत्या को प्रायोजित किया, तो उसे एक और सर्जिकल स्ट्राइक का सामना करना पड़ेगा। इस बीच, रिपोर्ट आने के बाद गुरूवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनएसए अजीत डोभाल के बीच हाई लेवल की बैठक हुई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, पीएम मोदी और अजीत डोभाल के बीच यह बैठक कश्मीर और उसके बॉर्डर वाले इलाकों के मुद्दे पर हुई है। इसमें डोभाल पीएम मोदी को इससे संबंधित जानकारियां उपलब्ध करवा हैं। मालूम हो कि आतंकवाद के मुद्दे पर हाल ही में गृह मंत्रालय में भी एक अहम बैठक हुई थी।
आतंकवादियों के खिलाफ नए सिरे से मोर्चा
रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि 21 सितंबर को पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद में आतंकी तंजीमों की एक बैठक हुई थी। बैठक में जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और अल बदर समेत कई आतंकी संगठनों के आतंकी शामिल थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि सारी तंजीमों के लोगों को मिलाकर एक नई आतंकी तंज़ीम बनाई जाएगी। जो सिर्फ मुखबिरों, खुफिया एजेंसी के लोगों, घाटी के बाहर के लोगों और आरएसएस और बीजेपी के लोगों को टारगेट करेगी। रिपोर्ट के अनुसार बैठक में तय हुआ है कि आने वाले वक्त में यही तंजीम घाटी में टारगेटेड किलिंग्स की जिम्मेदारी लेगी। इस मकसद के लिए उरी और तंगधार के रास्ते सरहद पार से ग्रेनेड और पिस्टल भेजे जा रहे हैं। रिपोर्ट से इस बात का भी खुलासा होता है कि 5 अक्टूबर को स्ट्रीट वेंडर वीरेंद्र पासवान की हत्या पहचान में गलती होने का केस हो सकता है।
आतंकियों ने निशाने पर निर्दोष और निहत्थे
दरअसल जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों के जबरदस्त ऑपरेशन ने आतंकियों की कमर तोड़ दी है। अलग-अलग आतंकी संगठनों के बड़े कमांडर लगातार मारे जा रहे हैं। ऐसे में बौखलाए आतंकियों ने निर्दोष और निहत्थे लोगों को सरकार और सुरक्षा एजेंसियों का मुखबिर करार देकर उनकी हत्या करना शुरू कर दिया है। वो भी एक खास समुदाय के लोगों को। इसके पीछे आतंकियों का मकसद लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काकर घाटी में अशांति और हिंसा फैलाना है।पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के निर्देश पर आतंकियों द्वारा अंजाम दी जा रही इस टारगेटेड किलिंग्स पर सुरक्षा बलों की पूरी नजर है। पुलिस और प्रशासन ने अपनी सतर्कता बढ़ा दी है। अमित शाह ने कहा कि 2016 में भारत ने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक कर यह साबित कर दिया है कि हम हमलों को बर्दाश्त नहीं करते हैं। अगर आप उल्लंघन करेंगे तो और भी सर्जिकल स्ट्राइक होंगी। अमित शाह ने कहा, ‘पीएम मोदी और पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर की देखरेख में की गयी सर्जिकल स्ट्राइक एक महत्वपूर्ण कदम था। हमने यह मैसेज दिया कि कोई भी भारतीय सीमाओं पर कोई गलत हरकत नहीं कर सकता है। एक समय था बातचीत करने का, लेकिन अब समय है प्रतिक्रिया का।
गौरतलब है कि पिछले दिनों जम्मू-कश्मीर में हिंदुओं और सिखों को टारगेट कर उनकी हत्या की गई है। आतंकियों द्वारा आम नागरिकों को निशाना बनाए जाने के बाद सेना ने अपना अभियान तेज कर दिया है। इसके अलावा आतंकियों ने सेना पर भी हमला किया था। घाटी में इस तरह की घटना होने के बाद लोग इन आतंकवादियों पर करारा प्रहार करने की मांग कर रहे हैं। घाटी में देश की सेना ने आतंकवादियों को जबरदस्त चोट भी दी है। सेना ने घेर-घेर कर आतंकियों को मौत की नींद सुलाने का अभियान चला रखा है।