कोर्ट ने दोनों को सुनाई आजीवन कारावास की सजा
शहडोल/सोनू खान।। जिला शहडोल अंतर्गत बुढ़ार न्यायालय के माननीय अपर सत्र न्यायाधीश द्वारा को हत्या के आरोपी रामनारायण रर्फ गुडडू साहू ज्ञानीदास साहू उम्र 29 वर्ष निवासी बकहो थाना अमलाई एवं सह आरोपी अर्चना यादव उम्र 26 वर्ष निवासी झगरहा तालाब के पास अमलाई जिला शहडोल मप्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। संभागीय जनसम्पर्क अधिकारी(अभियोजन) संभाग शहडोल नवीन कुमार वर्मा ने बताया कि
घटना का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है की 12 सितंबर 2015 को स्टेशन मास्टर अमलाई द्वारा थाना अमलाई में सूचना दी गई कि डाउन लाईन केएम 886/2422 पर एक मृत शरीर लेटा हुआ पाया गया, सूचना के आधार पर घटनास्थिल पर पहुंचकर मर्ग क्रं0 25/15 कायम किया गया। जांच करने हत्या का मामला पाए जाने पर थाना अमलाई में आरोपीगणों के विरूद्ध अपराध क्रं0 364/15, सत्र प्रकरण क्रं0 293/15 धारा 302 सहपठित धारा 120 बी, 34, 201 भादवि का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना की गई। विवेचना पूर्ण होने पर यह पाया गया कि मृतक की पत्नीू और मुख्यं आरोपी रामनारायण का अवैध संबंध होने से दोनों ने मृतक को रास्तेय से हटाने के लिए मृतक को जंगल में रेलवे पटरी के किनारे ले जाकर शराब में सल्फातस मिलाकर दिए जाने पर मृतक के बेहोश हो जाने पर आपराधिक षणयंत्र के तहत मृतक के उल्टीं करने के दौरान खटाई लाने के लिए मृतक के कहने पर मुख्य आरोपी सह आरोपी के घर आया और सह आरोपी अर्चना को मोटर सायकल में बैठाकर जहां मृतक को जहरीली शराब पिलाई गई थी वहां ले गया और सह आरोपी पत्नी के सामने मृतक को डण्डे से मारकर मुख्यी आरोपी ने हत्यास की और साक्ष्यण छुपाने के लिए रेल की पटरी में मृतक के शरीर को डाल दिया। माननीय न्याायालय ने आरोपी द्वारा आरोपी रामनारायण रर्फ गुडडू साहू पिता स्व ज्ञानीदास साहू उम्र 29 वर्ष निवासी बकहो थाना अमलाई को धारा 302 भादवि सहपठित धारा 120बी भादवि के तहत आजीवन कारावास अर्थात् सिद्धदोष का शेष सम्पूार्ण प्राकृतिक जीवन तक कारावास एवं 1000 रूपये जुर्माना , धारा 201 भादवि में 07 वर्ष का कठोर कारावास, 500 रूपये जुर्माना एवं सह आरोपी अर्चना यादव पत्नि स्व रामवतार यादव उम्र 26 वर्ष निवासी झगरहा तालाब के पास अमलाई जिला शहडोल मप्र को धारा 302 भादवि सहपठित धारा 120बी भादवि के तहत आजीवन कारावास अर्थात सिद्धदोष का शेष सम्पूर्ण प्राकृतिक जीवन तक कारावास एवं 1000 रूपये जुर्माना, धारा 201 भादवि में 07 वर्ष का कठोर कारावास, 500 रूपये जुर्माना की सजा सुनाई। शासन की ओर से प्रकरण का संचालन लोक अभियोजक बुढ़ार संदीप तिवारी द्वारा किया गया।
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