प्राकट्य पर्व पर पद्मश्री जोधइया बाई का किया गया सार्वजनिक सम्मान

बांधवभूमि, उमरिया
मध्यप्रदेश शासन के संस्कृति विभाग एवं जिला प्रशासन के सहयोग से जिला मुख्यालय उमरिया में श्रीराम कथा की प्रस्तुतियों पर आधारित प्राकट्य पर्व के दूसरे दिन प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों तथा गुजरात के लोक कलाकारों की प्रस्तुति से लोक कला की मनमोहक खुशबू बिखेरी गई। कार्यक्रम मे उपस्थित श्रोताओं ने लोक कलाकारों की प्रस्तुतियों को जमकर सराहा। दूसरे दिन के कार्यक्रम की शुरूआत अंतर्राष्ट्रीय चित्रकार एवं पद्मश्री से जोधइया बाई ने दीप प्रज्जवलन कर किया। इस अवसर पर जिला प्रशासन की ओर से एसडीएम सिद्धार्थ पटेल ने जोधइया बाई का सार्वजनिक सम्मान किया। कार्यक्रम की शुरूआत भोपाल से आई शीला त्रिपाठी एवं उनके साथियों द्वारा बघेलखण्ड मे राम नवमीं के अवसर पर गाये जाने वाले पारंपारिक लोक गीत, सोहर, गारी, राम जन्म उत्सव गीत, विवाह संबंधित गीतों की प्रस्तुतियां दी गई। जिसे उपस्थित श्रोताओं द्वारा जमकर सराहा गया। इस अवसर पर सागर से आए प्रहलाद कुर्मी एवं उनके साथियों द्वारा राई लोक नृत्य, उमरिया के चूड़मणि यादव एवं उनके साथियों द्वारा दीवाली के अवसर पर गाये जाने वाले देवरी नृत्य, अनूपपुर से आए लामूलाल धुर्वे एवं उनके साथियो द्वारा गोंड गुदुमबाजा, डिण्डौरी से आए राम बाई धुर्वे एवं उनके साथियों द्वारा गोंड, कर्मा एवं सैला नृत्य, झाबुआ से आये रितिक भूरिया एवं उनके साथियों द्वारा भगोरिया नृत्य तथा गुजराज से आई मीनल कुमारी उदय सेवक एवं उनके साथियो द्वारा गुजरात के लोक नृत्यों की प्रस्तुतियां सराहनीय रही।

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